रिलायंस इंडस्ट्रीज : हमने अक्टूबर अंक में लिखा था कि यह 465-1,268 की 61.8% वापसी के स्तर 772 पर सहारा लेता दिख रहा है। इस स्तर से सहारा लेकर यह शेयर नवंबर के पहले हफ्ते में 905 रुपये तक गया और इस समय फिर से 772 के आसपास लौट आया है।
फिलहाल इसे रखे रहना बेहतर होगा। अगर यह बाजार के साथ फिसले तो 772 का सहारा पक्के तौर पर टूटने के बाद 626 तक गिरने की आशंका होगी। लेकिन उन निचले स्तरों पर इसमें निवेश बढ़ाया जा सकता है।
पीटीसी इंडिया : नवंबर के दूसरे हफ्ते में इसके तिमाही नतीजे आने के बाद से ही इसमें लगातार कमजोरी आयी है। लेकिन अब इसकी गिरावट थमती दिख रही है। इसे 45-50 रुपये के भावों पर खरीद कर इसमें निवेश बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि यहाँ इसका मूल्यांकन और भी आकर्षक हो गया है।
इन्फोसिस : हमारा मानना था कि अगर यह 100 दिनों के सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) के ऊपर टिक सका तो यह 200 दिनों के एसएमए 2,868 की ओर बढ़ सकता है और उसके आगे जाने पर करीब 3000 इसका स्वाभाविक लक्ष्य होगा। अक्टूबर के अंतिम हफ्ते में ही यह 2971 तक चढ़ा, हालाँकि उसके बाद यह वापस फिसल कर 100 दिनों के एसएमए के पास लगभग 2600 पर आ गया है। अगर इसे करीब 2500 के पास सहारा मिलता दिखे और बाजार में स्थिरता लौटे तो इसमें निवेश बढ़ाया जा सकता है। अगर बाजार में किसी वजह से घबराहट बढ़ती दिखे तो 2100-2200 के भावों का इंतजार किया जा सकता है।
सीईएससी : हमने जिक्र किया था कि खुदरा खुदरा क्षेत्र में 51त्न एफडीआई निवेश की अनुमति से इस शेयर पर काफी अच्छा असर होगा। हाल में इसने 234 रुपये का निचला स्तर छुआ, लेकिन एफडीआई निवेश की अनुमति की खबर पर एकदम से उछल कर 296 रुपये तक चला गया। हालाँकि इस मुद्दे पर राजनीतिक गतिरोध के चलते यह सकारात्मक असर ज्यादा टिका नहीं है। लेकिन बुनियादी मजबूती, स्पेंसर के कामकाज में सुधार और एफडीआई निवेश की उम्मीदों के मद्देनजर इसमें निवेश बनाये रखना ठीक होगा।
हीरो मोटोकॉर्प : हमने इसके लिए 1908 पर मजबूत सहारा होने की बात लिखी थी और यह उसके बाद 1912 के ही स्तर से सँभल कर 2250 रुपये तक चढ़ा। हाल में यह फिर से कमजोर हुआ है और 100 दिनों के एसएमए (करीब 2000) के पास चल रहा है। अगर इसका 100 दिनों का एसएमए कटा तो यह वापस करीब 1900 तक और उसके बाद 200 दिनों के एसएमए (अभी 1835) तक फिसल सकता है। इन समर्थन स्तरों पर इसमें नयी खरीदारी की जा सकती है। वहीं अगर यह हाल के शिखर 2250 को दमदार ढंग से पार कर सका तो इसमें नयी चाल आ सकती है।
जागरण प्रकाशन : हमने लिखा था कि 111 का स्तर पार करने के बाद इसमें अच्छी तेजी आ सकती है। लेकिन संयोग से हाल के हफ्तों में यह इस बाधा को पार नहीं कर पाया और नवंबर के दूसरे हफ्ते में यह 111 रुपये के स्तर तक ही जा कर नीचे पलट गया। अगर यह 111-120 के दायरे को पार कर सके तो इसमें खरीदारी ठीक रहेगी। वहीं अगर 100 रुपये के नीचे 95-96 रुपये के भाव मिलें तो बाजार की स्थिति और कंपनी की बुनियादी हालत की दोबारा समीक्षा करके निवेश का फैसला किया जा सकता है, लेकिन वहाँ तकनीकी नजरिये से ज्यादा जोखिम होगा।
भारती एयरटेल : हमने लिखा था कि जब तक यह अपनी पुरानी तलहटियों (मई-जून 2010 और मार्च 2011) को मिलाती रुझान रेखा के ऊपर रहे, तब तक इसमें निचले भावों पर खरीदारी की रणनीति फायदेमंद रहेगी। अक्टूबर और नवंबर में भारती ने ठीक इसी रेखा पर सहारा लिया है। इस रुझान रेखा पर सहारा लेने के बाद यह हमारे लक्ष्य भाव 415 रुपये को छूने में भी कामयाब रहा। आने वाले समय में यह 362 रुपये के नीचे टिके रहने पर कमजोर होगा, जबकि 395-400 का स्तर दोबारा पार करने पर फिर से 415, 448 के स्तरों की ओर बढऩे की कोशिश करेगा। लंबी अवधि के लिहाज से इसमें निचले भावों पर निवेश करते रहने की रणनीति अपनायें। लेकिन छोटी अवधि में टेलीकॉम क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा या कानूनी खींचतान बढऩे के चलते दबाव उभर सकने के अंदेशे को लेकर सावधान रहें।
सुजलॉन : अगर आपने हमारे दीवाली अंक को पढ़ कर सुजलॉन में निवेश किया हो, तो बेशक अभी आप काफी निराश होंगे। लेकिन जिन तर्कों पर हमने इसे चुना था, वे तर्क हाल की गिरावट से और भी मजबूत हो गये हैं। हाल में यह करीब 21 रुपये के आसपास जमने की कोशिश करता दिखा है। अगर अगले कुछ दिनों में यह स्तर न टूटे तो यह भरोसा बनेगा कि इस शेयर ने अपना सबसे बुरा दौर देख लिया है। जो निवेशक 3-5 साल तक इंतजार कर सकते हैं, वे इन स्तरों पर इसमें अपने निवेश से अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे।
भारतीय स्टेट बैंक : हमने लिखा था कि अगर यह सितंबर 2011 के ऊपरी स्तर 2,048 को पक्के तौर पर पार करता दिखे तो इसमें खरीदारी शुरू की जा सकती है। लेकिन हाल के हफ्तों में यह 2020 से आगे नहीं जा सका और करीब 1625-30 तक फिसल गया। इसलिए अभी तक इसमें खरीदारी का सही समय नहीं बन पाया है। इसमें किसी खरीदारी के लिए या तो 1400 के पास के निचले भाव मिलने या 2048 का स्तर पक्के तौर पर पार होने का इंतजार करें।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2011)