आनंद टंडन, निवेशक
भारतीय पूँजी बाजारों के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात,
आनंद टंडन, निवेशक
भारतीय पूँजी बाजारों के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात निम्न वृद्धि दर और ऊँचा मूल्यांकन है। ब्रेक्सिट से निर्यात में और सुस्ती आयेगी, मानव संसाधन की गतिशीलता पर नकारात्मक असर पड़ेगा। मुझे लगता है कि भारतीय पूँजी बाजार महँगे हैं। बहुत सी सकारात्मक बातों की कल्पना की जा रही है। विकास दर को जब तक भारतीय रिजर्व बैंक का समर्थन नहीं मिलेगा, तब तक बाजार के अनुमान झूठे साबित होंगे। सेंसेक्स छह महीने में 26,800 और 12 महीने में 27,500 के आसपास ही बने रहने की संभावना है।