हरिंदर ढिल्लों, सीनियर वीपी, रहेजा डेवलपर्स :
रियल एस्टेट क्षेत्र बीते एक साल के दौरान धीमेपन से गुजरा है,
क्योंकि पूरी अर्थव्यवस्था में धीमापन रहा है। अब अर्थव्यवस्था को सँभालने के लिए सरकार की ओर से किये जाने वाले प्रयासों के चलते यह क्षेत्र भी सँभलना शुरू कर रहा है और वापस पटरी पर लौट रहा है।
इस दौरान बिक्री में ठहराव और इन्वेंट्री यानी अनबिके घरों की संख्या बढऩे के कारण सौदों के मोलभाव में छूट की मात्रा तो बढ़ी ही। हालाँकि अब यह रुझान पलट रहा है और कीमतों में स्थिरता आ रही है। दरअसल अब कीमतें बढऩे का रुझान दिख रहा है। बीते एक साल में दूसरी कतार के शहरों में कीमतों में काफी कमी आयी। हालाँकि महानगरों में भुगतान की योजनाओं में बदलाव आये और साथ में छूट की योजनाएँ जरा छिपे तरीके से दी गयीं। चेन्नई और कोलकाता जैसे शहरों में कीमतों में गिरावट नहीं आयी, खास कर दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़ वगैरह की तुलना में, जहाँ कीमतें हकीकत से परे काफी ज्यादा बढ़ गयी थीं।
दिल्ली-एनसीआर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा पश्चिम (नोएडा एक्सटेंशन) के इलाकों में स्वयं रहने के लिए घर खरीदने वाले ग्राहकों की संख्या अच्छी रहती है, क्योंकि यहाँ कीमतें दिल्ली और गुडग़ाँव की तुलना में कम हैं। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में बुनियादी ढाँचे का विकास परियोजनाओं के शुरू होने से पहले हो चुका होता है, जिससे यह खुद रहने के लिए खरीदने वाले ग्राहकों के लिए बहुत अच्छा हो जाता है। लेकिन इन क्षेत्रों में किसी परियोजना में पैसा लगाने से पहले खरीदारों को परियोजना के सारे दस्तावेजों की जाँच-परख कर लेनी चाहिए और निर्माता की पृष्ठभूमि भी जान लेनी चाहिए।
यह त्यौहारी मौसम रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए निश्चित रूप से अच्छे दिनों का अग्रदूत होगा। पहले से ही माँग में तेजी दिखने लगी है और आने वाले दिनों में यह रुझान और स्पष्ट हो जायेगा। निश्चित रूप से इस बार त्यौहारी माँग में पिछले वर्षों की तुलना में एक उछाल दिखेगी।
अगले 12 महीनों में माँग तेजी पकड़ेगी, जिसके चलते कीमतें ऊपर जाती नजर आयेंगी। पूरे देश में सस्ते मकानों की श्रेणी और उसके बाद मध्यम श्रेणी के मकानों की बिक्री में सबसे अच्छी बढ़त दिखेगी। दिल्ली-एनसीआर का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहने की उम्मीद है, जिसके बाद मुंबई और बेंगलूरु का स्थान रहेगा।
(निवेश मंथन, अक्टूबर 2014)