सुगंधा सचदेव, एवीपी, रेलिगेयर कमोडिटीज :
पिछले महीने यूक्रेन की वजह से रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव से सोने को राहत मिली और यह हरे निशान में रहा।
वल्र्ड गोल्ड काउंसिल (डब्लूजीसी) ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सोने के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार चीन में अमीर लोगों की बढ़ती आबादी की वजह से अगले चार वर्षों में चीन में सोने की माँग लगभग 25% बढ़ कर कम-से-कम 1,350 टन हो जायेगी।
रूस पर प्रतिबंध लगाने की अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की चेतावनी के बाद अप्रैल महीने में रूस और यूक्रेन के बीच विवाद बढ़ा है, जिससे सोने की कीमतों को सहारा मिला। पिछले महीने रूस द्वारा क्रीमिया को कब्जे में लेने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी विद्रोह बढ़ाने का आरोप लगाया है। नतीजतन इस क्षेत्र में भौगोलिक तनाव बढ़ा है। सोने को सुरक्षित निवेश के तौर पर देखा जाता है, जिसे आमतौर पर ऐसी भूराजनयिक उथल-पुथल से फायदा मिलता है।
हालाँकि भारत में सोने और चाँदी का आयात घटने की वजह से इसकी कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ सकीं। विश्व के दूसरे सबसे बड़े खरीदार देश भारत का आयात 2013-14 में 40% गिर कर 33.46 अरब डॉलर का रहा, जबकि मार्च में आयात साल-दर-साल 17.27% घट कर 2.76 अरब डॉलर का रहा। एसपीडीआर के स्वर्ण भंडार में भी अप्रैल माह में 8.39 टन की कमी आयी है, जो दिसंबर 2013 के बाद सबसे अधिक गिरावट है। चीन में जारी एक रिपोर्ट में इस साल के शुरुआती तीन महीनों में विकास दर घट कर 7.4% रह जाने की ओर इशारा किया है, जो छह तिमाहियों में सबसे कमजोर विकास दर है।
फेडरल रिजर्व की मार्च बैठक के विवरणों से भी पता चला है कि नीति-निर्माताओं ने महँगाई दर बढऩे तक ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तरों पर बनाये रखने का विचार किया है। उनका मानना है कि ब्याज दरें बढ़ाये जाने की संभावित समयावधि न बतायी जाये।
अमेरिका में गैर-कृषि क्षेत्र के आँकड़ों के अनुसार पिछले महीने 192,000 नयी नौकरियाँ जुड़ी हैं, जो फरवरी में 197,000 बढ़ी थीं। यह ताजा आँकड़ा 200,000 अनुमानित नयी नौकरियों की तुलना में कम है। बेरोजगारी की दर बिना किसी बदलाव के साथ 6.7% पर बनी रही।
सोने के भौतिक (फिजिकल) बाजार में त्योहारी मौसम खत्म होने के बाद माँग घटने से पिछले महीने चीन के बैंकों ने कम सोने का आयात किया। युआन में कमजोरी की वजह से चीन में सोने की कम कीमतों से भी विदेशों में सोने की खरीदारी पर दबाव रहा। इराक के केंद्रीय बैंक द्वारा पिछले दो महीनों में 60 टन सोना खरीदने के बाद इसका स्वर्ण भंडार 90 टन तक पहुँच गया है। इसके चलते अप्रैल की शुरुआत में सोने की कीमतों को कुछ सहारा मिला।
हाल ही में रूस और पश्चिमी देशों में विवाद और भूराजनयिक तनाव बढऩे से निवेशकों का रूझान दोबारा सोने की ओर बढ़ा है। इसके अलावा, रूस विश्व में सोने का चौथा सबसे बड़ा उत्पादक देश होने के नाते सोने की आपूर्ति बाधित हो सकती है।
इस साल मार्च महीने में सोने की कीमतों में भारी गिरावट के बाद अप्रैल में सोने की कीमतें मामूली रूप से ऊपर रहीं। अप्रैल महीने के पहले सप्ताह के दौरान सोने की कीमत 30,0000 रुपये से घट कर 28,000 रुपये के स्तर तक आ गयी। हालाँकि निचले स्तरों पर खरीदारी उभरने से सोने की कीमतों को सहारा मिला।
तकनीकी रूप से एमसीएक्स पर सोने की कीमत में 27,500 पर एक अच्छा सहारा दिख रहा है, जबकि कॉमेक्स पर कीमतों में उछाल से प्रति औंस 1260-1250 डॉलर पर सहारा दिख रहा है। छोटी अवधि में 29,000 रुपये के स्तर से ऊपर सोने के लगातार बंद होने से इसके 30,500-30,800 रुपये की ओर जाने की अच्छी संभावना बन सकती है। हालाँकि बाजार में अभी खुल कर तेजी आनी बाकी है। हमारी सलाह है कि मौजूदा स्तरों पर सोने में खरीदारी शुरू करके हर चरण पर थोड़ी-थोड़ी खरीदारी करें और लंबी अवधि के लिए बताये गये उच्च स्तरों का लक्ष्य रखें।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार से फेडरल रिजर्व द्वारा जल्द भविष्य में ब्याज दरें बढ़ाये जाने की संभावनाओं से लगातार दूसरे महीने मुनाफवसूली के बीच चाँदी की कीमतों में गिरावट रही। महीने के उत्तराद्र्ध में जारी आँकड़ों से संकेत मिले हैं कि अमेरिकी इंडेक्स ऑफ लीडिंग इंडिकेटर्स चार महीनों के ऊपरी स्तरों पर रहा है।
पिछले महीने जारी फेडरल रिजर्व की बीज बुक में बताया गया कि सर्दी के मौसम में कारोबारी गतिविधियों में बाधा पडऩे से विकास दर बढ़ी थी, लेकिन इस साल की शुरुआत की तुलना में इसका प्रभाव कम रहा है।
फेडरल रिजर्व की चेयरपर्सन जेनेट येलेन ने भी कहा है कि केंद्रीय बैंक कुछ समय के लिए अपने बांड खरीद कार्यक्रमों में कटौती करेगा। हालाँकि ब्याज दरें बढ़ाये जाने का समय रोजगार की स्थिति और महँगाई पर निर्भर करेगा। इस दौरान अमेरिका मे अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों से चाँदी में कमजोरी रही।
दूसरी तरफ यूक्रेन में बढ़ते तनाव से भी इसकी माँग पर कुछ असर नहीं पड़ा। अमेरिकी आर्थिक आँकड़ों में सुधार की वजह से चर्चा है कि फेडरल रिजर्व अपने बांड खरीद कार्यक्रमों में कटौती जारी रखेगा और अप्रत्याशित रूप से ब्याज दर बढ़ायेगा।
चाँदी को 40,000 पर सहारा
मासिक आधार पर लगातार दूसरी बार चाँदी की कीमतों में कमी आयी है। घरेलू एक्सचेंज एमसीएक्स पर चाँदी में लगभग 3.5% और अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 3% की गिरावट रही। साप्ताहिक और मासिक चार्टों पर चाँदी की कीमतों को अभी भी 40,000 रुपये पर मजबूत सहारा मिल रहा है, जो एक मजबूत मनोवैज्ञानिक स्तर भी है। पिछले तीन वर्षों से ज्यादा समय से चाँदी इस स्तर से नीचे बंद नहीं हुई है। हालाँकि अगर यह स्तर टूटा और भाव इससे नीचे गये तो आने वाले महीनों में बिकवाली का दबाव बढऩे की संभावना है। उस स्थिति में निकट भविष्य में तेज गिरावट आ सकती है।
चाँदी में नीचे की तरफ 40,000 रुपये पर पहला सहारा है, जिसके नीचे जाने पर आगे यह 38,500-38,000 रुपये के स्तर तक फिसल सकती है। एमएसीडी और आरएसआई के मोंमेटम इंडिकेटर अभी भी मौजूदा स्तरों से और ज्यादा गिरावट की संभावना दर्शा रहे हैं। ऊपर बताये गये मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे साप्ताहिक रूप से बंद होने पर और अधिक कमजोरी आने की पुष्टि होगी।
(निवेश मंथन, मई 2014)