पंकज पांडेय, रिसर्च प्रमुख, आईसीआईसीआई डायरेक्ट :
बाजार में अभी मोटे तौर पर धारणा ही बेहतर हुई है, बुनियादी तौर पर तो अर्थव्यवस्था में कुछ खास बदला नहीं है।
साल 2013-14 में जो भी आय में वृद्धि देखने को मिली, वह मुख्य रूप आईटी, फार्मा और एक हद तक ऑटो की वजह से था। साल 2014-15 में जो 16-17% की वृद्धि मिलेगी, वह मुख्य रूप से कुछ चुनिंदा शेयरों पर निर्भर होगी। सीमेंट और इस्पात में अब भी माँग काफी धीमी है। ऑटो में भी केवल 3% की वृद्धि रही है और उसमें भी ज्यादातर योगदान दोपहिया का रहा है। व्यावसायिक वाहनों की बिक्री तो काफी घटी हुई है। इसलिए अभी ऐसे संकेत तो नहीं मिल रहे हैं कि अर्थव्यवस्था सँभलने लगी है।
बाजार की धारणा नयी सरकार आने की उम्मीद के चलते बदली है। लोग मान रहे हैं कि नयी सरकार अर्थव्यवस्था को तेज करने के प्रयास करेगी। इसी वजह से हाल में हमने बाजार में बड़ी तेजी देखी है। लेकिन अब यह बाजार ऐसी स्थिति में पहुँचता दिख रहा है, जहाँ एकदम पूरा मूल्यांकन मिल रहा हो।
इसलिए अगर चुनाव परिणाम जरा-भी कुछ इधर-उधर हुए तो बाजार में मुनाफावसूली और गिरावट आ सकती है। लेकिन ऐसा होगा भी तो चुनावों के बाद। एक संभावना यह भी बन सकती है कि मौजूदा तेजी खिंच कर बजट तक जारी रहे।
अभी तो लग रहा है कि बाजार नरेंद्र मोदी की सरकार बनने को लेकर एकदम आश्वस्त हो गया है और उसी के आधार पर सारी तेजी आयी है। अगर बाजार की उम्मीदों के मुताबिक ही चुनावी नतीजे आये तो भी इसके बाद मुनाफावसूली उभर सकती है, क्योंकि बाजार निचले स्तरों से काफी चढ़ चुका है। चुनावी नतीजे आने के बाद एकदम से बड़ी उछाल की संभावना तो नहीं लगती। अगर ऐसा कुछ हुआ भी तो उसे उचित ठहराना मुश्किल होगा। अभी जोखिम-लाभ का अनुपात देखें तो यह पक्ष में नहीं है।
लेकिन मुनाफावसूली अभी आने की संभावना नहीं लगती। अभी जो तेजी चल रही है, उसमें बाजार में चढऩे-गिरने वाले शेयरों का अनुपात संतुलित रहा है। चुनिंदा शेयरों में नरमी भी आती रही है और व्यापक आधार पर तेजी आगे चलती रही है। साथ ही विभिन्न शेयरों में नियमित अंतराल पर मुनाफावसूली भी होती रही है। इसीलिए मुझे लगता है कि चुनावों तक यह तेजी जारी रह सकती है। चुनाव पूरे होने में अभी कई हफ्ते बाकी हैं। ऐसे में यह बिल्कुल संभव है कि चुनाव तक बाजार ऐसे स्तरों पर भी चला जाये, जिसकी उम्मीद पहले नहीं की गयी थी।
हमने बुनियादी कारकों के आधार पर इस साल के लिए निफ्टी का लक्ष्य 6900 दिया था, जो 16-17% की आय वृद्धि और एक साल आगे के आधार पर 15 पीई के मूल्यांकन के आधार पर था। अभी उसके ऊपर कोई सुधार तो नजर नहीं आ रहा है। बाजार इससे ज्यादा ऊपरी स्तरों पर जाने को उचित ठहराने वाला कोई कारण अभी नहीं है। लेकिन धारणा के आधार पर बाजार और ऊपरी स्तरों पर जा सकता है।
अगर गैस की कीमतों में संशोधन हुआ तो 2014-15 के अनुमानित आँकड़ों को कुछ घटाना पड़ सकता है। हमने जो करीब 17% आय वृद्धि का आँकड़ा लिया है, उसमें गैस के मूल्य में बढ़ोतरी के चलते पीएसयू गैस-खनन कंपनियों और रिलायंस पर होने वाले असर को भी लिया गया है। अगर इस साल मूल्य-वृद्धि में देरी होती है तो 2014-15 की अनुमानित प्रति शेयर आय (ईपीएस) में भी कमी आयेगी।
अगर आप बुनियादी ढाँचा क्षेत्र को देखें तो उसमें बहुत सारी कंपनियाँ अब भी कर्ज के जाल में हैं। बाजार में अब बहुत सारे ऐसे शेयर भी तेज हो रहे हैं, जो बुनियादी रूप से उतने ठोस नहीं हैं। ऐसे शेयरों से दूर ही रहना चाहिए। सीमेंट काफी अच्छा क्षेत्र है, क्योंकि इसकी कंपनियों में बैलेंस-शीट की समस्याएँ नहीं हैं। ऑटो भी अर्थव्यवस्था के वापस सँभलने पर निर्भर है, लेकिन ऑटो कंपनियों में भी बैलेंस-शीट की समस्या नहीं है। कैपिटल गुड्स क्षेत्र में भी ऐसी कंपनियों पर ही ध्यान देना चाहिए, जहाँ बैलेंस-शीट मजबूत हो।
चुनावी नतीजे अपेक्षित ढंग से नहीं रहने या नतीजों के बाद मुनाफावसूली उभरने पर निफ्टी 6,000 से 6,400 तक कहीं नीचे आ सकता है, लेकिन 6,000 से ज्यादा नीचे जाने की आशंका नहीं लगती। इस फरवरी में भी 5,933 पर निफ्टी की गिरावट रुक गयी थी।
आईटी और फार्मा क्षेत्रों के लिए अब इन स्तरों के आसपास समय गुजारने का दौर शुरू हो गया है। रक्षात्मक क्षेत्रों में शेयर भाव में ज्यादा बड़ी गिरावट नहीं आती है। इनके मूल्य में जो गिरावट आनी थी, वह काफी हद तक आ चुकी है।
पिछली तिमाही के नतीजों में आईटी और फार्मा ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था। इस तिमाही में थोड़ी कमजोरी आयेगी। इन्फोसिस की डॉलर आय में 0.5% कमी आ सकती है। साथ ही मार्जिन में भी हल्की कमी आ सकती है। सीमेंट क्षेत्र में एबिटा प्रति टन के आँकड़े में सुधार आने की उम्मीद नहीं लग रही है। यह विसंगति है कि जिन क्षेत्रों के शेयर चल रहे हैं, उनके नतीजे बहुत अच्छे नहीं रहने वाले हैं। वहीं जिन क्षेत्रों के शेयर आगे एक दायरे में रहने की संभावना है, उनके नतीजों में फिर भी दो अंकों में वृद्धि दिखेगी। बुनियादी ढाँचा क्षेत्र की बात करें तो मुझे अभी सीमेंट के अलावा कुछ और पसंद नहीं है। कैपिटल गुड्स में कुछ चुनिंदा अच्छे शेयरों पर ध्यान दिया जा सकता है।
(निवेश मंथन, अप्रैल 2014)