सुदीप बंद्योपाध्याय, एमडी और सीईओ, डेस्टिमनी सिक्योरिटीज
विविमेड लैब
यह अच्छे प्रबंधन वाली शानदार कंपनी है, जिस पर आर्थिक धीमेपन का असर तुलनात्मक रूप से कम होगा। इस कंपनी की बिक्री दवाओं और विशिष्ट रसायनों (स्पेशियल्टी केमिकल) दोनों से लगभग बराबर है। यह जिस कारोबार में है, उसमें नयी कंपनियों का उतरना मुश्किल रहता है। यह बात इसके कारोबार के आकर्षण को और भी बढ़ाती है।
हाल में इसने स्पेन में यूक्विफा नाम की कंपनी का अधिग्रहण किया है। इससे अगले कारोबारी साल में विविमेड की आमदनी में अच्छी बढ़त दिखेगी। साल 2012-13 में इसकी प्रति शेयर आय (ईपीएस) लगभग 70 रुपये रहने का अनुमान है। इस आधार पर मुझे भरोसा है कि यह शेयर अगले एक साल में 600 रुपये के भाव तक जा
सकता है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (बीईएल)
यह एक नवरत्न सरकारी कंपनी है। यह बीते सालों में लगातार अच्छा लाभांश (डिविडेंड) देती रही है। इसके ऊपर कर्ज बिल्कुल नहीं है। इसके ऑर्डर बुक में शामिल ठेकों की कुल राशि इसकी मौजूदा सालाना आमदनी का चार गुना है। कंपनी इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद बनाती है। इसकी 80% आपूर्ति रक्षा क्षेत्र में और 20% आपूर्ति अन्य उद्योगों में है। कंपनी के कारोबार में भौगोलिक रूप से विविधता है और इसका कारोबार 25 से ज्यादा देशों में फैला है। मौजूदा स्तरों पर यह शेयर काफी आकर्षक मूल्यांकन पर मिल रहा है। लिहाजा इस शेयर का भाव ऊपर जाने की गुंजाइश काफी है। मुझे उम्मीद है कि यह शेयर साल भर में करीब 2,000 रुपये तक चला जायेगा।
यूनाइटेड फॉस्फोरस
यह अच्छी भौगोलिक विविधता वाली कंपनी है। इसके चलते किसी एक जगह के बाजार में धीमापन आने पर इसके कारोबार पर ज्यादा असर नहीं होता। हाल में इसने दक्षिणी अमेरिका में एक अधिग्रहण किया है, जिससे अब यह उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका दोनों जगहों पर मौजूद रह कर अपनी लागत घटा सकेगी। अभी इसका शेयर भाव अपने सबसे निचले पीई अनुपात के पास चल रहा है। मुझे उम्मीद है कि एक साल में यह शेयर 200 रुपये के स्तर को छू सकता है।
डिविज लैब
यह सीआरएम यानी कॉन्ट्रैक्ट रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। इसकी खासियत है दूसरों की तुलना में काफी कम लागत पर उत्पादन करना। हाल में इसका विजाग संयंत्र चालू हो गया है। इससे कंपनी की उत्पादन क्षमता काफी बढ़ी है और इसकी उत्पादन लागत भी घटी है। इसने अपना ध्यान पूरी तरह सीआरएम कारोबार पर लगा रखा है, जिससे बड़ी दवा कंपनियों के साथ इसके हितों में कोई टकराव नहीं आता। लिहाजा बड़ी बहुराष्ट्रीय (एमएनसी) कंपनियों के लिए यह अपनी दवाओं के उत्पादन का काफी आकर्षक विकल्प बन जाती है। मौजूदा कीमत पर यह शेयर आकर्षक लग रहा है। मुझे उम्मीद है कि साल भर में इसका भाव लगभग 1,000 रुपये पर होगा।
बजाज इलेक्ट्रिकल्स
टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं (कंज्यूमर ड्यूरेबल) की श्रेणी में अभी बाजार काफी तेजी से बढ़ रहा है। इस कंपनी के कारोबार की अन्य श्रेणियों में भी निरंतर बढ़त दिख रही है। इस लिहाज से यह कंपनी आकर्षक बन जाती है। टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं की श्रेणी में इसकी 50% बिक्री ग्रामीण भारत में होती है और ग्रामीण बाजार शहरी भारत की तुलना में तिगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है।
बिजली के बल्ब वगैरह का इसका कारोबार लगातार अच्छी बढ़त दिखा रहा है क्योंकि सीएफएल की मांग बढ़ी है। इसने महँगी श्रेणी के उपकरणों के लिए यूके की कंपनी मरफी रिचर्ड्स और इटली की कंपनी नार्डी के साथ तालमेल किया है, जिससे वह हर श्रेणी के सामानों के बाजार में मौजूद रह सके। अभी यह शेयर 2012-13 की अनुमानित ईपीएस के आधार पर लगभग 8 के पीई अनुपात पर है। आगे इसका भाव बढऩे की काफी गुंजाइश दिखती है। लगभग एक साल में इसका भाव 225 रुपये पर जा सकता है।
(निवेश मंथन, अप्रैल 2012)