अगर कोई व्यक्ति (पुरुष) किसी तरह की कर छूट का फायदा न उठाये तो शुरुआती 1.80 लाख रुपये तक की आय कर मुफ्त होगी, फिर 05 लाख रुपये तक 10%, 08 लाख रुपये तक 20% और 10 लाख रुपये तक 30% की दर से आय कर लगेगा।
आय कर की राशि पर 3% उपकर (सेस) मिला कर उसकी कुल देनदारी 1,56,560 रुपये होगी। लेकिन अगर वह इस लेख में बताये गये ढंग से कर संबंधी अलग-अलग छूटों का फायदा उठाये तो उसकी कर देनदारी घट कर केवल 27,604 रुपये रह जायेगी। मतलब वह आय कर के 1,28,956 रुपये बचा सकता है। अगर आय कर देनदारी में कमी के रूप में देखा जाये तो उसका कर बोझ 82.4% घट जाता है। इस बचत को हम जरा श्याम लाल के उदाहरण से समझते हैं।
दिल्ली के करोलबाग में रहने वाले श्याम लाल को सालाना 10 लाख रुपये वेतन-भत्ता मिलते हैं। इसमें मूल (बेसिक) वेतन पाँच लाख रुपये और एचआरए दो लाख रुपये है। परिवहन भत्ता 9,600 रुपये, चिकित्सा खर्च भुगतान (मेडिकल रीइंबर्समेंट) 15,000 रुपये, एलटीए 20,000 रुपये, छात्रवृति 2,400 रुपये (02 बच्चों की) और अन्य भत्तों 2,53,000 रुपये हैं। सब मिला कर हुए 10 लाख रुपये। अब देखते हैं कि इन्हें कहाँ कितनी छूट मिल सकती है।
एचआरए पर छूट : इस छूट की अधिकतम सीमा निकालने के लिए तीन बातें देखी जाती हैं। पहली बात, एचआरए कितना है? दूसरी बात, वास्तव में जितना किराया दिया गया, उसमें से मूल (बेसिक) वेतन का 10% घटा दें। तीसरी बात, मूल (बेसिक) वेतन का 50% (महानगरों के लिए) या 40% (अन्य शहरों के लिए) कितना बनता है? इन तीनों में जो सबसे कम हो, उतनी ही छूट मिलेगी।
तो पहली बात, श्याम लाल का एचआरए दो लाख रुपये है। दूसरी बात, अगर ये 21,000 रुपये प्रति माह का किराया दे रहे हैं, तो सालाना किराया 2,52,000 रुपये बना। इसमें मूल वेतन का 10% यानी 50,000 रुपये घटाने पर बचते हैं 2,02,000 रुपये। और तीसरी बात, इनके मूल वेतन का 50% है 2,50,000 रुपये। इनमें से सबसे कम एचआरए ही है, यानी इन्हें 2,00,000 रुपये के एचआरए पर पूरी कर छूट मिल जायेगी।
कुल कितनी आय : एचआरए के बाद परिवहन भत्तों (कन्वेयेंस) के 9,600 रुपये, चिकित्सा खर्च के 15,000 रुपये, एलटीए के 20,000 रुपये और छात्रवृति के 2,400 रुपये घटाने पर इनकी सकल (ग्रॉस टोटल) आय होती है 7,53,000 रुपये।
निवेश पर कर छूट : अब इन्होंने पीएफ, पीपीएफ, बीमा योजना, ईएलएसएस वगैरह से धारा 80सी के तहत कुल 01 लाख रुपये तक की कर छूट का फायदा लिया। फिर बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर) बांड में निवेश करके 20,000 रुपये की अतिरिक्त छूट का फायदा भी उठाया।
घर कर्ज पर छूट : इन्होंने घर कर्ज लेकर आगरा में एक मकान खरीदा है, जिस पर ये करीब 20,000 रुपये की ईएमआई दे रहे हैं, यानी सालाना करीब 2.40 लाख रुपये चुका रहे हैं। इसमें से ब्याज का हिस्सा 1.50 लाख रुपये से ज्यादा ही होगा, यानी इन्हें ब्याज भुगतान पर 1.50 लाख रुपये तक की छूट का पूरा फायदा मिल जायेगा।
इन सबको सकल (ग्रॉस टोटल) आय से घटा दें तो बचते हैं 4.48 लाख रुपये। यह है उनकी कर योग्य (टैक्सेबल) आय। इसमें भी 1.80 लाख रुपये पर तो कर माफ है। इसके आगे 05 लाख रुपये तक 10% की दर से आय कर लगता है। यानी 1.80 लाख के ऊपर के 2.68 लाख रुपये पर 10% यानी 26,800 रुपये का आय कर बना। इस पर 3% उप कर (सेस) के हिसाब से 804 रुपये जोड़ दें। यानी कुल 27,604 रुपये की कर देनदारी बनी। अगर श्याम लाल कोई छूट नहीं लेते तो 10 लाख रुपये की आय पर उनकी कर देनदारी 1,56,560 रुपये होती, जो बेहतर कर योजना (टैक्स प्लानिंग) के चलते घट कर केवल 2७,604 रुपये रह गयी।
(निवेश मंथन, मार्च 2012)