राजीव रंजन झा :
सबसे पहली बात - हम इस सर्वेक्षणसेक्याजाननासमझनाचाहतेथे? यही कि साल 2012 निवेशकों के लिए किन आशाओं और आशंकाओं को लेकर आ रहा है। हमने कभी यह नहीं सोचा या दावा किया कि सर्वेक्षणों से शेयर बाजार की सटीक भविष्यवाणी की जा सकती है। लेकिन इनसे यह जरूर पता चल जाता है कि भविष्य के बारे में आज बाजार की सामूहिक सोच क्या है और वह सोच किन बातों के आधार पर बन रही है।
कई जानकार साल के अंत में निफ्टी को 6000 या इसके ऊपर देख रहे हैं। लगता है कि 2012 के लिए सुपर-बुल का खिताब डेस्टीमनी के एमडी सुदीप बंद्योपाध्याय और साइट्रस एडवाइजर्स के संस्थापक संजय सिन्हा को मिलना चाहिए। साल 2012 के दौरान सुदीप निफ्टी का शिखर 7000 पर मान रहे हैं, जबकि संजय सिन्हा ने 6950 के शिखर की बात कही है। डॉयशे बैंक इंडिया के एमडी और पीएमडब्लू प्रमुख अजय बग्गा भी काफी सकारात्मक हैं। उनके हिसाब से 2012 का शिखर 6600 पर हो सकता है। लेकिन कुछ जानकारों के हिसाब से बाजार की कमजोरी 2012 के अंत तक भी खत्म नहीं होगी। चार्टपंडित के सीईओ हेमेन कपाडिय़ा ने दिसंबर 2012 का लक्ष्य 4000 रखा है। साइक्स एंड रे के नितेश चाँद साल के अंत में निफ्टी को 3500 पर देख रहे हैं और उनके हिसाब से वहीं साल 2012 की तलहटी भी होगी।
2012 में 18% बढ़त की आशा
हमारा सर्वेक्षण बताता है कि दिसंबर 2012 के अंत तक सेंसेक्स 18,144 के आसपास रह सकता है। यह सर्वेक्षण में शामिल 50 दिग्गज जानकारों के अनुमानों का औसत है। यानी 30 दिसंबर 2011 के बंद स्तर 15,455 की तुलना में 2012 के दौरान सेंसेक्स 2689 अंक यानी 17.40% बढ़त हासिल कर सकता है। निफ्टी का दिसंबर 2012 का लक्ष्य 5446 आ रहा है। इस तरह निफ्टी में भी 2012 के दौरान 822 अंक यानी 17.77% की बढ़त की संभावना दिखती है।
सर्वेक्षण में शामिल 33% जानकारों ने अनुमान जताया है कि दिसंबर 2012 तक सेंसेक्स 16,001 से 18,000 के बीच कहीं होगा। यह 29% की राय में 18,001 से 20,000 के बीच रहेगा। इसे 20% जानकार 20,001 से 22,000 के बीच देख रहे हैं, जबकि 22,000 से 24,000 तक की उम्मीद केवल 2% को है। दूसरी ओर 14,001 से 16,000 के बीच का अनुमान 6% जानकारों ने दिया है, जबकि 14,000 से भी नीचे का अनुमान 10% जानकारों का है।
कुल 51% की राय में सेंसेक्स साल के अंत तक 18,000 के ऊपर ही कहीं होगा। वहीं 16,000 के ऊपर का अनुमान 84% का है। मतलब यह है कि साल 2012 के बारे में ज्यादातर दिग्गज जानकार सकारात्मक नजरिया लेकर ही चल रहे हैं। लेकिन बीते साल के अनुभव और घरेलू-वैश्विक चिंताओं के मद्देनजर इन लोगों ने अपनी उम्मीदें सीमित रखना ही बेहतर समझा है।
निफ्टी के बारे में 41% का अनुमान है कि यह दिसंबर तक 5500 के ऊपर, लेकिन 6000 तक कहीं होगा। इसके बाद 27% ने 5001-5500 का अनुमान रखा है। दूसरी ओर 6001-6500 तक का अनुमान 10% का है और 2% ने 6501-7000 का अनुमान दिया है। इस तरह कुल 80% की राय में इस साल के अंत में निफ्टी 5000 के ऊपर ही रहेगा। वहीं 4501-5000 तक का अनुमान 8% ने रखा है, जबकि 12% जानकार इसे 4500 के भी नीचे का लक्ष्य रख रहे हैं।
निफ्टी का 2012 का शिखर 5736 पर
इस सर्वेक्षण के औसत अनुमान के मुताबिक साल 2012 में निफ्टी का शिखर 5736 पर हो सकता है। यह अनुमानित शिखर 30 दिसंबर 2011 के बंद स्तर 4624 से 1112 अंक यानी 24% की बढ़त दिखाता है।
कुछ जानकारों ने निफ्टी का 2012 का शिखर 7000, 6950, 6600 और 6500 जैसे स्तरों पर रहने का भी अनुमान दिया है। लेकिन दूसरी ओर कुछ जानकारों के मुताबिक इस साल निफ्टी के लिए 5000 के ऊपर जाना भी मुश्किल होगा। बहरहाल, 43% की राय में यह शिखर 5501-6000 के बीच होगा। वहीं 17% इस शिखर को 6001-6500 के बीच और 6% इसे 6501-7000 के बीच देख रहे हैं। यानी कुल 66% लोग निफ्टी का शिखर 5500 के ऊपर देख रहे हैं। मगर 21% जानकारों ने 5001-5500 के बीच शिखर बनने की बात कही है और 13% के मुताबिक तो यह 4501-5000 के बीच ही अटक जायेगा।
निफ्टी की 2012 की तलहटी 4148 पर
अब बात तलहटी की। निवेशक अभी इसी बात से तो सबसे ज्यादा डरे बैठे हैं कि पता नहीं बाजार कितना फिसलने वाला है। इस सर्वेक्षण का औसत अनुमान 4148 पर है, यानी 2011 के बंद स्तर से 476 अंक या 10.3% नीचे। तलहटी के बारे में 65% जानकारों ने 4001-4500 के बीच का स्तर रखा है। कहा जा सकता है कि जानकारों के मुताबिक अभी गिरावट की गुंजाइश बाकी है, लेकिन सीमित रूप में ही। यानी साल 2102 की शुरुआत में बाजार अपनी तलहटी के आसपास ही है।
सर्वेक्षण के दौरान जानकारों के सामने दिसंबर 2011 की 4531 की तलहटी थी। इस साल 4501-5000 के बीच कहीं तलहटी बनने का अनुमान केवल 4% ने रखा, जबकि 3501-4000 के दायरे में तलहटी बनने का अनुमान 23% जानकारों का है। वहीं 6% की राय में तलहटी 3001-3500 के बीच और 2% के मुताबिक 3000 के नीचे होगी।
अगले छह महीने हो सकते हैं मुश्किल
मोटी बात यही उभरी है कि नये साल से जानकारों की उम्मीदें काफी सीमित हैं। खास कर पहली छमाही को लेकर लोगों में काफी आशंकाएँ हैं। लोग मान रहे हैं कि इसी दौरान ही बाजार में नयी तलहटी बनेगी। लेकिन इसके बाद बाजार के वापस सँभलने की भी उम्मीद रहेगी। अगर एक पल को मान लें कि 2012 में निफ्टी 3500 की तलहटी भी बनायेगा और 6500-6950 के स्तरों तक भी जा सकेगा, तो साल भर के बीच ही लोगों को करीब 100% तक का उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
किसी के लिए हर छह महीने के अंतराल से बाजार की भविष्यवाणी करना बड़ा मुश्किल है, लेकिन जानकारों पर थोड़ा बौद्धिक अत्याचार करके हमने उनसे जून 2012 के लक्ष्य भी पूछे। ज्यादातर के जवाब में जून के लक्ष्य और 2012 की तलहटी के बीच ज्यादा फासला नहीं है, जबकि 2012 के अंत का लक्ष्य जून के लक्ष्य से काफी ऊपर है।
सर्वेक्षण के औसत अनुमान के मुताबिक जून 2012 के अंत में सेंसेक्स 16027 पर होगा, यानी दिसंबर 2011 के अंत की तुलना में 572 अंक या 3.7% ऊपर। निफ्टी का जून 2012 का औसत अनुमान 4896 है। इस तरह निफ्टी में इन छह महीनों में 272 अंक या 5.9% की बढ़त की संभावना बनती है।
तलहटी बनाने के बाद सँभलेगा बाजार
ज्यादातर जानकारों की सोच यह है कि बाजार पहले मार्च से जून तक किसी समय तलहटी बनायेगा और उसके बाद सँभलेगा। इसलिए ऐसा लगता है कि जब भी बाजार में यह धारणा बनेगी कि एक पक्की तलहटी बन गयी है तो उसके बाद जबरदस्त उछाल आयेगी। ऐसी उछाल पर शुरुआती अविश्वास दिखेगा, लेकिन उसके बाद बस छूट जाने की बेचैनी में लोग भाव देखे बिना खरीदारी पर टूट पड़ेंगे।
सेंसेक्स ईपीएस में ठहराव की आशंका
कंपनियों की आमदनी और अर्थव्यवस्था की विकास दर के बारे में शेयर बाजार के अनुमानों को देखें, तो साफ लगता है कि आने वाली दो तिमाहियाँ बाजार को डरा रही हैं। जानकारों को 2011-12 में सेंसेक्स की प्रति शेयर आय (ईपीएस) यानी सेंसेक्स की 30 कंपनियों की ईपीएस में लगभग ठहराव की आशंका है।
साल 2010-11 में सेंसेक्स की वास्तविक ईपीएस 1090 रुपये रही। हमारे इस सर्वेक्षण के अनुसार सेंसेक्स ईपीएस 2011-12 में 1131 रुपये रहेगी, यानी इसमें पिछले साल से केवल 3.76% की बढ़त होगी। हमने अगस्त 2011 में जो सर्वेक्षण किया था, उसमें 2011-12 के लिए जानकारों का औसत अनुमान 1235 रुपये यानी 13.32% बढ़त का था। अगर उस अनुमान से तुलना करें, तो केवल करीब छह महीनों में बाजार की उम्मीदें 1235 रुपये से घट कर 1131 रुपये पर आ गयी हैं, यानी इसमें 8.44% की कमी आयी है।
अगले वित्त वर्ष यानी 2012-13 के लिए भी बाजार के इन दिग्गजों की उम्मीदें हल्की पड़ी हैं। अगस्त 2011 के सर्वेक्षण में 2012-13 के लिए सेंसेक्स ईपीएस का अनुमान 1397 रुपये का था। इस तरह लोग 2012-13 में 13.07% बढ़त (1235 से 1397) की उम्मीद लगा रहे थे। लेकिन अब 2012-13 के लिए ताजा अनुमान केवल 1238 रुपये का है। इस तरह 2012-13 में लोग 9.46% बढ़त (1131 से 1238) देख रहे हैं। पिछले अनुमान (1397) से ताजा अनुमान (1238) 11.36% नीचे है।
विकास दर घटेगी, पर ज्यादा नहीं
अगस्त 2011 में शेयर मंथन सर्वेक्षण में शामिल जानकार भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 2011-12 में 7.8% देख रहे थे, लेकिन ताजा सर्वेक्षण में इसका औसत अनुमान घट कर 6.86% पर आ गया है। इसी तरह 2012-13 के लिए अगस्त 2011 में 8.1% विकास दर का अनुमान लगाया जा रहा था। मगर अब जानकारों को 2012-13 में औसतन केवल 7.04% विकास दर रहने का भरोसा हो पा रहा है। हालाँकि 2011-12 के लिए 6.86% और 2012-13 के लिए 7.04% की दरें अपने-आप में कमजोर नहीं है। लेकिन भविष्य के बारे में आशाएँ कमजोर तो पड़ी ही हैं।
(निवेश मंथन, जनवरी 2012)