अगर कोई पिछले 3-4 महीनों के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आती देख पाया हो, तेल मार्केटिंग कंपनियों के शेयर टूटने की संभावना को पहले से भाँप पाया हो, सोने-चाँदी और तेल के भाव बढऩे का आकलन ठीक से कर पाया हो और खाद्य चीजों की कीमतें बढऩे का सही अनुमान लगा पाया हो, तो जरूर उसने हाल में तगड़ा मुनाफा कमाया होगा। लेकिन विजय भंबवानी को अफसोस है कि बाजार में इन सारी बातों का ठीक अनुमान लगा पाने के बावजूद वे अपने इस सटीक आकलन को मुनाफे में नहीं बदल पाये। उन्होंने फेसबुक पर अपने मित्रों के बीच अफसोस जताया कि मैं बुरा सीईओ साबित हुआ।
अपने आकलन पर आम तौर पर मुझे जितना भरोसा रहता है, उतना भरोसा मैं इस बार नहीं कर पाया। अपने इन अनुमानों पर जितने आक्रामक ढंग से मुझे अमल करना चाहिए था, उतना मैं नहीं कर पाया और जहाँ डॉलर कमाने थे, वहाँ केवल सेंट कमा सका।विजय कहते हैं, धन का नुकसान तो माफ भी किया जा सकता है, लेकिन मौका गँवा देना क्षम्य नहीं होता। एक कारोबारी का बुरा समय... मैं खुद से बेहद नाखुश हूँ। अपने फेसबुक मित्रों की टिप्पणियों के जवाब में विजय ने कहा, मैं मानता हूँ कि मैं आक्रामक नहीं हो पाया। मैंने पूँजी की सुरक्षा में अटका रह गया और अपने सौदों के आकार बेहद छोटे रखे।
यह तो किसी कारोबारी की सनातन दुविधा है - मौके का फायदा उठाने के लिए बड़ा दाँव लगायें या पूँजी की सुरक्षा पर पहले ध्यान दें।
3 पैसे का चेक!
नव-उद्यमियों में उभरते नाम ईश्वर झा आज कल आपको चलती-फिरती कार में लाइव टेलीविजन के दर्शन कराते हैं। हाल में उन्हें वोडाफोन के एक नये पहलू के दर्शन हुए। उन्हें वोडाफोन की ओर से 3 पैसे का चेक मिला। जी हाँ, केवल 3 पैसे का। वोडाफोन ने उन्हें किसी बात के पैसे वापस करने के लिए इस रकम का चेक भेजने में कोई कोताही नहीं बरती। यह किस बात की रकम वापसी थी, इसे समझने में ईश्वर झा नाकाम रहे। अब उनका सवाल है कि 3 पैसे का यह चेक भेजने में वोडाफोन का कूरियर का खर्च कितना रहा? कागज, छपाई, चेक तैयार करने का खर्च वगैरह कितना रहा?
ईश्वर जी, आपके सवाल का जवाब देने के लिए शायद कंपनी के शीर्ष प्रबंधन को अपना समय खर्च करना पड़ जाये। उस समय का खर्च तो बहुत ज्यादा हो जायेगा! इसलिए यह बात रहने ही दें। बल्कि चाहें तो ईश्वर से प्रार्थना करें कि वोडाफोन के रिफंड का हिसाब-किताब सँभालने वाले लोग आयकर विभाग के दफ्तर में स्थानांतरित हो जायें, ताकि आयकर विभाग भी कहे - हैप्पी टू रिफंड!
पर्स में रखें यूरो तो हर समस्या छोटी
एसएमसी ग्लोबल के रिसर्च प्रमुख जगन्नादम तुनुगुंटला ने बताया है कि किसी समस्या को छोटा कैसे बनायें। उन्होंने एक पुराने चुटकुले का जिक्र किया, जिसमें सलाह दी गयी है कि किसी व्यक्ति को हमेशा अपनी पर्स में प्रेमिका की तस्वीर रखनी चाहिए। जब भी कोई समस्या सामने आये तो वह पर्स निकाल कर अपनी प्रेमिका की तस्वीर देखले। उसे तुलनात्मक रूप से वह समस्या छोटी लगने लगेगी। इसी तर्ज पर जगन्नादम सलाह दे रहे हैं कि आप पर्स में यूरो का नोट रख लें। मतलब यह कि कोई भी समस्या आये तो यूरो पर नजर डाल लें, अपनी समस्या छोटी लगेगी!
इस पर उनके एक मित्र ने पूछा कि अब तो अपनी पर्स में रखे रुपये को देख कर कहीं ज्यादा दर्द हो रहा है।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2011)