इंडिया इन्फोलाइन के संपादक अनिल मास्कारेन्हास ने अपने किसी मित्र की विचित्र किंतु सत्य शुभकामना को सबके साथ बाँटा है।
हम यह शुभकामना आप सबके साथ बाँटते हैं - काश आपकी खुशियाँ पेट्रोल की कीमतों की तरह बढ़ें, आपके दुखों में रुपये के मूल्य की तरह गिरावट आये और प्रसन्नता आपके हृदय में उसी तरह फैल जाये, जैसे भारत भर में भ्रष्टाचार फैला हुआ है।
एफ 1 का बुखार
एफ1 का बुखार देशमें कहाँ-कहाँ तक फैला? टेलीविजन मार्केटिंग के धुरंधर राज नायक की जुबानी सुन लें। उनके ड्राइवर ने उनसे पूछा, सर एफ1 ड्राइवर बनने के लिए क्या करना पड़ता है? राज नायक कहते हैं, यह प्रश्न बड़ा सरल सा लगता है, लेकिन इससे पता चलता है कि जिन लोगों ने इस खेल के बारे में पहले सुना भी नहीं था, उन पर इसका कितना असर पड़ा है।
लोगों पर एफ1 का कितना असर पड़ा, यह तो बाद की बात है। लेकिन राज के एक फेसबुक मित्र ने उन्हें वाकई समझदारी वाली सलाह दी कि सावधान रहें और अपने ड्राइवर को अकेले कार न चलाने दें। क्या पता कहीं वह एफ1 में शामिल होने का अभ्यास ही न शुरू कर दे!
(निवेश मंथन, दिसंबर 2011)