म्यूचुअल फंड
अक्सर यह कहा जाता है कि किसी म्यूचुअल फंड योजना का पिछला प्रदर्शन उसके भविष्य के प्रदर्शन की गारंटी नहीं देता। लेकिन दूसरी ओर यह भी सच है कि अच्छी म्यूचुअल फंड योजनाओं को चुनने का यही सबसे बड़ा पैमाना भी है। मगर आप इस बात पर जरूर गौर करें कि उस योजना में केवल पिछली किसी खास अवधि में ज्यादा लाभ मिला है, या उसके प्रदर्शन में एक निरंतरता है। कभी हीरो और कभी जीरो रहने वाली योजनाओं में आपके लिए ज्यादा जोखिम होगा। इसके अलावा, आप यह भी देखें कि वह योजना जिस सोच पर तैयार की गयी है, वह सोच आगे चल कर कितनी कारगर रहने वाली है।
मसलन अगर कोई योजना किसी खास क्षेत्र में निवेश करने के लिए तैयार की गयी हो, लेकिन वह क्षेत्र बुनियादी रूप से कमजोर लगा रहा हो, तो उस योजना से अलग रहना ही बेहतर होगा। विविध क्षेत्रों में निवेश करने वाली योजना के पोर्टफोलिओ में मौजूद शेयरों पर एक नजर डाल लेने से भी एक अंदाजा लग सकता है कि वह योजना भविष्य में बाजार से बेहतर प्रदर्शन कर सकेगी या नहीं। फंड मैनेजर का भी नाम देखें, क्योंकि आखिर उनकी ही कुशलता पर आपकी योजना का प्रदर्शन निर्भर होगा।
इसलिए उसी फंड मैनेजर की कुछ दूसरी योजनाओं के पिछले प्रदर्शन पर नजर डाल लें। ऐसे ही कुछ पैमानों को ध्यान में रख कर हमने चुना है आपके लिए आठ खास म्यूचुअल फंड योजनाओं को।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एफएमसीजी फंड - ग्रोथ
आ ईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एफएमसीजी फंड - ग्रोथ की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इसने बीते 5 सालों से लगातार शानदार प्रदर्शन किया है। हाल में इसके अच्छे प्रदर्शन को शायद यह कह कर दरकिनार किया जा सकता था कि शेयर बाजार में कमजोरी के दौरान निवेशकों ने रक्षात्मक (डिफेंसिव) समझे जाने वाले फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) क्षेत्र में निवेश करना बेहतर समझा, जिससे यह क्षेत्र बाजार में आयी गिरावट के बीच भी मजबूत बना रहा। लेकिन इस योजना का अच्छा प्रदर्शन केवल बीते छह महीनों या साल भर तक सीमित नहीं है।
इसने बीते छह महीनों में 24.76% का वास्तविक लाभ दिया। बीते साल भर का इसका लाभ 13.64% है। इसका सालाना औसत लाभ पिछले दो सालों की अवधि में 28.86%, तीन सालों की अवधि में 25.69% और पाँच सालों की अवधि में 15.06% है।
जाहिर है कि यह योजना लंबे समय से अपने निवेशकों को लगातार अच्छा फायदा देती रही है। अगर हम बीएसई एफएमसीजी सूचकांक से भी तुलना करें तो इसने अपने क्षेत्र की तुलना में लगातार ज्यादा लाभ दिया है। इसी क्षेत्र में निवेश करने वाली योजना एसबीआई मैग्नम सेक्टर अंब्रेला एफएमसीजी फंड ने 2-5 साल की अवधि में इससे कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन बीते एक साल से एसबीआई मैग्नम सेक्टर अंब्रेला एफएमसीजी की चाल हल्की पड़ गयी है।
रिलायंस बैंकिंग फंड - ग्रोथ
रिलायंस बैंकिंग फंड - ग्रोथ ने पिछले कुछ सालों से लगातार शानदार प्रदर्शन किया है, हालाँकि पिछले एक साल से यह बाजार की कमजोरी का शिकार हो गया है। सुनील सिंघानिया जैसे चर्चित फंड मैनेजर की कमान में रहने के बावजूद यह पिछले साल भर से बीएसई के बैंकिंग सूचकांक की तुलना में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहा है।
इसका एक खास कारण यह है कि इसके पोर्टफोलिओ में आईसीआईसीआई बैंक की हिस्सेदारी 14.84% और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की हिस्सेदारी 13.68% है। हालाँकि बाजार की स्थिति सँभलने पर ये दोनों ही शेयर अच्छी मजबूती हासिल कर सकते हैं। अगर आप बैंकिंग क्षेत्र पर सकारात्मक नजरिया रखते हैं तो यह योजना आपके लिए उपयुक्त है।
इस योजना की एनएवी बीते छह महीनों में 14.06% गिरी है। बीते साल भर में इसकी गिरावट 20.39% है। लेकिन इसका सालाना औसत लाभ पिछले दो सालों की अवधि में 11.57%, तीन सालों की अवधि में 21.45% और पाँच सालों की अवधि में 21.25% है। बैंकिंग क्षेत्र में इसका पोर्टफोलिओ संतुलित है और अभी इसे शेयर बाजार में बैंकिंग को लेकर फैली नकारात्मक धारणा का नुकसान सहना पड़ रहा है। इसलिए हाल की गिरावट को निचले भावों पर निवेश का मौका समझ कर अभी इस योजना पर दाँव लगाना चाहिए। उम्मीद रहेगी कि अगले 1-2 सालों में यह फिर से लंबी अवधि के अपने प्रदर्शन की ओर लौट सकेगा।
एचडीएफसी इंडेक्स फंड - सेंसेक्स प्लस प्लान
अगर आप सीधे-सीधे सेंसेक्स पर दाँव लगाना चाहते हैं तो म्यूचुअल फंड बाजार में मौजूद इंडेक्स फंडों में से एचडीएफसी इंडेक्स फंड - सेंसेक्स प्लस प्लान को चुनना ज्यादा बेहतर लगता है। वैसे तो कोई इंडेक्स फंड अपने मूल सूचकांक (इंडेक्स) से ज्यादा अलग प्रदर्शन नहीं कर सकता, क्योंकि इंडेक्स फंड के पोर्टफोलिओ में उस सूचकांक में मौजूद शेयरों को बिल्कुल उसी अनुपात में रखा जाता है।
लेकिन इस योजना में 10-20% निवेश सेंसेक्स के 30 शेयरों से बाहर के किसी शेयर में करने की गुंजाइश रखी गयी है। इसी म्यूचुअल फंड की दूसरी योजना एचडीएफसी इंडेक्स फंड - सेंसेक्स प्लान की तुलना में यह सेंसेक्स प्लस प्लान ज्यादा फायदेमंद रहा है। सेंसेक्स से अलग अन्य शेयरों में 10-20% निवेश करने की वजह से से यह इंडेक्स फंड की मूल धारणा से थोड़ा अलग हो जाता है। लेकिन यह अलगाव एक महीने से ले कर पाँच साल तक हर अवधि में फायदेमंद ही रहा है, फिर इस अलगाव से क्या दिक्कत है!
बिड़ला सनलाइफ एमएनसी फंड - ग्रोथ
इस योजना ने पिछले कुछ महीनों से सुस्ती दिखायी है और इसका साल भर का प्रदर्शन भी इसके पिछले प्रदर्शन की तुलना में कमजोर रहा है, लेकिन पूरे बाजार में आयी गिरावट को ध्यान में रखें तो गिरते बाजार में पूँजी सुरक्षित रखने के लिए इसे बोनस अंक दिये जा सकते हैं।
इसने बीते छह महीनों में 6.57% का वास्तविक लाभ दिया, जबकि बीते साल भर में इसमें 1.47% का नुकसान हुआ है। हालाँकि साल भर में सेंसेक्स का नुकसान 18.62% का है। इस लिहाज से यह सेंसेक्स से काफी बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा। इसका सालाना औसत लाभ पिछले दो सालों के दौरान 19.51%, तीन सालों की अवधि में 25.22% और पाँच सालों की अवधि में 13.37% है।
इस योजना में विकास पर जोर देने वाले मँझोले शेयरों को चुना गया है। इसमें इंजीनियरिंग, एफएमसीजी, वित्तीय, स्वास्थ्य सेवा और ऑटो जैसे प्रमुख क्षेत्रों में से प्रत्येक में करीब 14-17% का निवेश किया गया है, जो इसे एक संतुलित पोर्टफोलिओ बनाता है।
एसबीआई मैग्नम सेक्टर अंब्रेला - इमर्जिंग बिजनेस फंड - ग्रोथ
एसबीआई म्यूचुअल फंड की इस योजना के पोर्टफोलिओ में चुने हुए छोटे-मँझोले शेयरों को रखा गया है। छोटे-मँझोले शेयरों में जोखिम होने के बावजूद इस योजना का प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा है। इसका बीते छह महीनों का वास्तविक लाभ 16.35% रहा। साल भर में इसका लाभ केवल 2.41% रहा, लेकिन इसका सालाना औसत लाभ पिछले दो सालों की अवधि में 24.02%, तीन सालों की अवधि में 21.91% और पाँच सालों की अवधि में 11.58% रहा है। इस योजना में एक खटकने वाली बात यह है कि केवल एक मँझोले शेयर पेज इंडस्ट्रीज में इसका निवेश 10% है। हॉकिंस कुकर्स और बजाज होल्डिंग्स को भी जोड़ लें तो केवल तीन शेयरों में ही इसका करीब 25% निवेश है। यह बात कुछ जोखिम भरी जरूर है, लेकिन इस योजना के अब तक के प्रदर्शन पर भरोसा करके सीमित रूप से दाँव लगाया जा सकता है।
यूटीआई अपॉर्चुनिटीज फंड - ग्रोथ
यूटीआई म्यूचुअल फंड की इस योजना का झुकाव तेज विकास वाले दिग्गज शेयरों की ओर है। इसके पोर्टफोलिओ में वित्तीय क्षेत्र, एफएमसीजी और ऊर्जा की हिस्सेदारी बाकी क्षेत्रों की तुलना में ज्यादा है। शेयर बाजार में आयी गिरावट का असर इस योजना पर भी दिखा है, लेकिन इसमें सेंसेक्स या निफ्टी की तुलना में कम गिरावट रही। इसका बीते छह महीनों का नुकसान केवल 0.76% रहा। बीते साल भर में सेंसेक्स की 18.32% गिरावट के मुकाबले इसका एनएवी 7.15% नीचे आया। लंबी अवधि में इसने बाजार से बेहतर चाल दिखायी है। इसका सालाना औसत लाभ पिछले दो सालों में 7.67%, तीन सालों की अवधि में 19.51% और पाँच सालों की अवधि में 13.51% रहा है। जुलाई 2011 में अनूप भटनागर इसके फंड मैनेजर बने हैं और बीते कुछ महीनों में भी यह अपने मापदंड सूचकांक बीएसई 100 से बेहतर रहा है।
एस्कॉट्र्स इन्कम बांड - ग्रोथ
अगर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव के बदले ऋण (डेट) बाजार की सुरक्षा पर जोर देना हो तो एस्कॉट्र्स इन्कम बांड - ग्रोथ में निवेश करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। तय आमदनी वाले प्रपत्रों और मुद्रा बाजार के प्रपत्रों में निवेश पर एक सीमा से ज्यादा लाभ की उम्मीद नहीं की जाती। फिर भी इस योजना ने अपनी श्रेणी की बाकी योजनाओं की तुलना में काफी अधिक लाभ दिया है और यह ऊँचा लाभ लगातार बना रहा है।
इसने बीते छह महीनों में केवल 3.33% का वार्षिक लाभ दिया है, हालाँकि बीते साल भर में इसका लाभ 21.26% रहा है। इस योजना में मिलने वाला सालाना औसत लाभ पिछले दो सालों में 18.14%, तीन सालों के लिए 14.24% और पाँच सालों की अवधि में 12.76% है।
हालाँकि इस योजना के पोर्टफोलिओ में आधे से ज्यादा हिस्सेदारी अकेले फुलर्टन इंडिया क्रेडिट के वाणिज्यिक प्रपत्र (कमर्शियल पेपर) की है और यह बात कुछ खटकती है।
एचडीएफसी बैलेंस्ड फंड - ग्रोथ
इस योजना में आपको शेयर बाजार की तेजी के साथ-साथ ऋण बाजार के स्थायित्व के लाभ का तालमेल मिल सकता है। म्यूचुअल फंडों की संतुलित (बैलेंस्ड) योजनाओं में तुलनात्मक रूप से इसने कहीं बेहतर लाभ दिया है। बीते एक साल से इसकी चाल थोड़ी सुस्त रही है, लेकिन इस दौरान भी अपनी श्रेणी की अन्य योजनाओं के मुकाबले इसने बेहतर प्रदर्शन किया है।
इसने बीते छह महीनों में 4.60% का वास्तविक लाभ दिया, जबकि बीते साल भर में इसे 0.20% का हल्का नुकसान हुआ है। इसका सालाना औसत लाभ पिछले दो सालों के दौरान 1६.७०%, तीन सालों की अवधि के दौरान 18.10% और पाँच सालों की अवधि के लिए 13.10% है।
एक संतुलित फंड के लिहाज से इस फंड ने लंबी अवधि में जिस तरह का लाभ दिया है, उसे अच्छा माना जा सकता है। अपने इक्विटी पोर्टफोलिओ में भी इसने दिग्गज शेयरों और मँझोले शेयरों का एक अच्छा संतुलन बना रखा है।
(निवेश मंथन, अक्तूबर 2011)