जनवरी-मार्च 2011 यानी बीते कारोबारी साल की चौथी तिमाही के नतीजों में बाजार को खुशी कम मिली, झटके ज्यादा मिले। इसकी शुरुआत तो इन्फोसिस से ही हो गयी, जिसके नतीजों के साथ हर तिमाही नतीजों के मौसम की एक तरह से शुरुआत मानी जाती है। ऐसे कुछ खास नामों पर नजर, जिन्होंने बाजार को मायूस या खुश किया।
इन्फोसिस : चौथी तिमाही के नतीजों का पहला बड़ा झटका
जनवरी-मार्च 2011 यानी बीती तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 1818 करोड़ रुपये रहा। इसमें तिमाही-दर-तिमाही 2.1% की बढ़ोतरी हुई, जबकि पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही से यह 13.6% ज्यादा रही। इसकी तिमाही कुल आमदनी 7665 करोड़ रुपये रही। इसमें तिमाही-दर-तिमाही 3.6% और साल-दर-साल 23.7% की बढ़ोतरी हुई। इसकी तिमाही प्रति शेयर आय (ईपीएस) पिछले कारोबारी साल की चौथी तिमाही के 28.02 रुपये से 13.6% बढ़ कर 31.82 रुपये हो गयी। यह ईपीएस ठीक पिछली तिमाही से 2.2% ज्यादा है।
एंजेल ब्रोकिंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ये नतीजे बाजार के अनुमानों और खुद उसके अनुमानों से कमजोर हैं। लेकिन एंजेल ने इस बात को भी ध्यान में रखा कि 2011-12 के बारे में कंपनी के प्रबंधन की सोच उत्साह से भरी है और कंपनी ने इस कारोबारी साल के दौरान लगभग 45,000 नयी भर्तियाँ करने की योजना बनायी है। लिहाजा एंजेल ने डॉलर के आधार पर कंपनी की आमदनी में 2011-13 के दौरान सालाना औसतन 23.4% की बढ़ोतरी होने का अनुमान रखा और इसे निचले भावों पर खरीदते रहने की सलाह दी। एंजेल की राय है कि इन्फोसिस अगले 12 महीनों में 3435 रुपये का लक्ष्य भाव छू सकता है।
इडेलवाइज सिक्योरिटीज ने तो इन्फोसिस के नतीजों को देख कर सबप्राइम संकट के दिनों को याद कर लिया। इसने कहा कि इन्फोसिस ने लगातार दूसरी तिमाही में एकदम निराश करने वाले नतीजे दिये हैं। हालाँकि इसने यह माना कि 2011-12 के लिए कंपनी के अनुमानों को देख कर बाजार विश्लेषक इसके भविष्य के अनुमानों में कुछ खास कटौती नहीं करेंगे। कंपनी ने 2011-12 में अपनी डॉलर आमदनी में 18-20% बढ़ोतरी और मार्जिन में 3% अंक (300 बेसिस प्वाइंट) की कमी का अनुमान जताया है।
इडेलवाइज ने यह भी कहा कि कंपनी के निदेशक मोहनदास पई के इस्तीफे और इसके संगठन में संभावित बदलावों की वजह से कुछ अनिश्चितता बनी रहेगी। लिहाजा इसने सलाह दी कि जिन निवेशकों के पास यह शेयर पहले से है, वे उसे रखे रहें, न तो नयी खरीदारी करें, न ही इसे बेचें।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के मुताबिक नतीजों के बाद इन्फोसिस के शेयर में लगभग 10% की जो गिरावट आयी, उसमें कुछ योगदान तो बाजार की हद से ज्यादा उम्मीदों का था, और साथ ही कुछ योगदान भविष्य के लिए कंपनी के कमजोर अनुमानों का रहा।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इन नतीजों के बाद इन्फोसिस की 2011-12 की आमदनी के अनुमानों को जरूर कुछ बदला, लेकिन इसका लक्ष्य भाव पहले की तरह 3350 रुपये रखा। इसने इन्फोसिस के शेयर भाव में आयी तीखी गिरावट के चलते इसकी रेटिंग को 'होल्ड' से बढ़ा कर 'मजबूत खरीदारी' कर दिया।
(निवेश मंथन, अगस्त 2011)