ब्रोकिंग फर्म मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज ने इस दीवाली से अगली दीवाली तक यानी अगले एक साल के लिए निवेश के कुछ खास शेयरों को चुना है, जिनमें निवेशकों को अच्छा फायदा मिलने की उम्मीद बनती है।
एचडीएफसी बैंक : लक्ष्य 1,450 रु.
यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा निजी बैंक है। इसके पास 6,000 अरब रुपये से अधिक की परिसंपत्तियाँ हैं। पिछले 12 वर्षों में एचडीएफसी बैंक ने खुदरा ऋण और कम लागत वाली जमा (डिपॉजिट) में अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ायी है। परिसंपत्तियों की गुणवत्ता के लिहाज से यह अपने समूह में सबसे बेहतर स्थिति में है। ऋण विकास (लोन ग्रोथ) की दर बेहतरीन है। शुल्क आय में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है। बैंक का कासा अनुपात लगभग 40% है और यह अपनी शाखाओं की संख्या तेजी से बढ़ा रहा है। एचडीएफसी बैंक के पास अब 4,500 से अधिक शाखाएँ हैं। लोगों और शाखाओं में बैंक का लगातार निवेश इस बात का संकेत है कि प्रबंधन का कारोबार के प्रति नजरिया काफी सकारात्मक है। बैंक का आरओई लगभग 20% है, जो निजी क्षेत्र के बैंकों में सबसे बेहतर है। मोतीलाल ओसवाल ने इस शेयर का लक्ष्य भाव 1,450 रुपये तय किया है।
एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस : लक्ष्य 748 रु.
यह देश की दूसरी सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी है और इसकी बाजार हिस्सेदारी 10% है। दिग्गज बीमा कंपनी एलआईसी द्वारा प्रवर्तित एलआईसी हाउसिंग व्यक्तिगत आवास ऋण और संपत्ति के बदले ऋण के अलावा डेवलपरों को भी परियोजनाओं के लिए कर्ज देती है। मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि गिरती जीसेक यील्ड का सबसे अधिक फायदा एलआईसी हाउसिंग को होगा, क्योंकि इसके कर्ज का 80% से अधिक हिस्सा कैपिटल मार्केट से आता है। पिछले दस महीनों में जीसेक यील्ड 7.8% से घट कर 6.7% रह गयी है। कंपनी की 20% से अधिक उधारी इस साल और अगले साल मैच्योर हो रही है, ऐसे में कंपनी अगली कुछ तिमाहियों में रीफाइनेंसिंग के जरिये अच्छा फायदा हासिल कर सकती है। मोतीलाल ओसवाल ने इस शेयर का लक्ष्य भाव 748 रुपये तय किया है।
श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस : लक्ष्य 3,000 रु.
श्रीराम समूह की यह कंपनी पिछले एक दशक में विभिन्न उत्पादों के ऋणदाता के रूप में सफलतापूर्वक उभर कर सामने आयी है। कंपनी के पास 1,000 से अधिक शाखाएँ हैं, जिनमें से 80% भारत के उन अर्धशहरी क्षेत्रों में हैं जहाँ विकास की अपार संभावनाएँ हैं। कंपनी का मुख्य ध्यान छोटे उद्यमों को कर्ज देने पर है और इस बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 40% से अधिक है। कंपनी आक्रामक तरीके से उन छोटे उद्यमों से जुड़े कर्ज के बाजार (54% लोन मिक्स) में काम कर रही है, जो न तो साहूकारों को साध पाते हैं और न बड़े बैंकों से संपर्क कर पाते हैं। एससीयूएफ ने सफलतापूर्वक इस खाली जगह को भरने की कोशिश की है। कारोबारी साल 2012-13 से 2014-15 के बीच कंपनी ने अपने लोन बुक में सोने के बदले ऋण को कम करते हुए छोटे उद्यमों और दोपहिया वाहनों के लिए ऋण को बढ़ाया, ताकि लोन बुक संतुलित हो सके। अब कंपनी के लोन बुक में छोटे उद्यमों को कर्ज 54%, दोपहिया वाहनों के लिए ऋण 18% और सोने के बदले ऋण 17% है। मोतीलाल ओसवाल ने इस शेयर का लक्ष्य भाव 3,000 रुपये तय किया है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स : लक्ष्य 1,450 रु.
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स की स्थापना भारत सरकार ने देश में रक्षा सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित जरूरतों को पूरा करने के लिए साल 1954 में की थी। लेकिन समय के साथ कंपनी ने खुद को बहु-उत्पाद, बहु-तकनीक और बहु-इकाई कंपनी में परिवर्तित कर लिया है। विनिर्माण के मजबूत आधार, सरकारी और रक्षा एजेंसियों के साथ संबंध, नये उत्पादों के विकास के लिए विदेशी तकनीकी साझेदारों के साथ रणनीतिक समझौतों, घरेलू शोध एवं विकास क्षमताओं और मित्र देशों को निर्यात पर बढ़ते ध्यान की वजह से कंपनी रक्षा खर्चों में वृद्धि का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह तैयार है। अगले कुछ महीनों में कुछ अहम ठेके कंपनी को मिल सकते हैं, जिसकी वजह से कंपनी का ऑर्डर बुक और मजबूत हो जायेगा। मोतीलाल ओसवाल ने इस शेयर का लक्ष्य भाव 1,450 रुपये तय किया है।
अमारा राजा बैटरीज : लक्ष्य 1,257 रु.
अमारा राजा बैटरीज देश की दूसरी सबसे बड़ी लेड एसिड बैटरी उत्पादक है। जॉनसन कंट्रोल यूएसए (जेसी) ने साल 1997 में अमारा राजा बैटरीज में 26% हिस्सेदारी खरीदी थी। टेलीकॉम और यूपीएस सेगमेंट में यह देश में पहले स्थान पर है। इसे वीआरएलए बैटरी के क्षेत्र में अग्रणी माना जाता है। मध्यम अवधि में कंपनी ने ओईएम श्रेणी में अपनी बाजार हिस्सेदारी को मौजूदा 30% से बढ़ा कर 40% और रिप्लेसमेंट श्रेणी में अपनी हिस्सेदारी को मौजूदा 24% से बढ़ा कर 30% करने का लक्ष्य तय किया है। टेलीकॉम श्रेणी में कंपनी अपनी मौजूदा बाजार हिस्सेदारी (60%) को बनाये रखने की उम्मीद कर रही है।
(निवेश मंथन, नवंबर 2016)