प्रभुदास लीलाधर ने रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए 1,102 रुपये के लक्ष्य भाव के साथ इस शेयर को एकत्र या जमा करने की सलाह दी है। ब्रोकिंग फर्म के मुताबिक कारोबारी साल 2016-17 की दूसरी तिमाही के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजे उसके अनुमान से कहीं बेहतर रहे।
रिफाइनिंग मार्जिन के उम्मीद से बेहतर रहने की वजह से बीती तिमाही में कंपनी ने मुनाफे के मोर्चे पर भी अनुमानों को पीछे छोड़ दिया। हालाँकि बीते दिनों हुई स्पेक्ट्रम की नीलामी में कंपनी ने 140 अरब रुपये खर्च किये। कंपनी को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में टेलीकॉम क्षेत्र की उसकी सहायक कंपनी रिलायंस जियो के पूँजीगत व्यय में कमी आयेगी।
ओएनजीसी
मिल चुका सकारात्मक लाभ
ब्रोकिंग फर्म सेंट्रम के मुताबिक ब्रोकिंग फर्म के मुताबिक उसके मजबूत लक्ष्य भाव के बाद ओएनजीसी के शेयर में शानदार तेजी के बाद उसका मानना है कि 50 डॉलर प्रति बैरल के उसके क्रूड कीमत अनुमानों पर सकारात्मक चीजें अवशोषित हो चुकी हैं और इसलिए उसने 280 रुपये के संशोधित लक्ष्य भाव पर इसकी रेटिंग घटा कर रखने की सलाह कर दी है। ओएनजीसी के शेयरों में वित्त वर्ष 2017-18 की अनुमानित आय पर 10.1 के पीई के उचित मूल्याँकन पर सौदे हो रहे हैं और यह सौदे ईवी/एबिटा मूल्याँकन पर मध्यम स्तर के आसपास हो रहे हैं, जो इसमें तेजी को सीमित कर रहे हैं।
इंडियन ऑयल
मूल्य में सकारात्मक बातें शामिल
आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक कच्चे तेल कीमतों में गिरावट और डीजल कीमतों को नियंत्रण मुक्त करने का सरकार का फैसला तेल विपणन कंपनियों के लिए प्रमुख सकारात्मक बातें रही हैं। केरोसिन कीमतों में हाल ही में की गयी 25 पैसे प्रति माह की वृद्धि और एलपीजी सिलेंडरों के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) की सरकार की योजना ने भी लाभ दिया है। पारादीप रिफाइनरी के सफलतापूर्वक चालू होने से ईंधन सब्सिडी के साथ नजर रखने लायक मुख्य कारक रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार होगा। अगले दो साल में विपणन मार्जिन के सामान्य होने का अनुमान है। हालाँकि मौजूदा शेयर मूल्य में सभी सकारात्मक बातें शामिल हैं।
टीसीएस
लाभ अनुमान से बेहतर
एंजेल ब्रोकिंग ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) का शेयर एकत्र करने की सलाह दी है, यानी भाव नीचे आने पर खरीदें। ब्रोकिंग फर्म के मुताबिक कारोबारी साल 2016-17 की जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान टीसीएस के परिणाम अनुमान से कमतर रहे, लेकिन इसके एबिट मार्जिन और शुद्ध लाभ अनुमान से काफी बेहतर रहे। बीती तिमाही में कंपनी का एबिट मार्जिन ०.93% अंक बढ़ कर 26.2% रहा। एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक डिलिजेंटा और लैटिन अमेरिका से जुड़ी दिक्कतों को पीछे छोड़ चुकी इस कंपनी की वृद्धि को बीएफएसआई क्षेत्र की अनिश्चितता अवरुद्ध कर सकती है।
इन्फोसिस
कंपनी ने घटाया अपना अनुमान
एंजल ब्रोकिंग के मुताबिक कारोबारी साल 2016-17 की दूसरी तिमाही के दौरान इन्फोसिस के नतीजे अनुमान से बेहतर रहे। ऑपरेटिंग मार्जिन के मोर्चे पर देखें तो कंपनी का एबिट मार्जिन तिमाही-दर-तिमाही 78 आधार अंक या ०.७८% अंक बढ़ कर 24.9% रहा। अधिक मात्रा वृद्धि (वॉल्युम ग्रोथ) के कारण ऐसा संभव हो सका। इसी तरह कंपनी के कर-पश्चात-लाभ में भी तिमाही-दर-तिमाही 4.9% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी। इन्फोसिस ने मौजूदा कारोबारी साल के लिए अपनी आमदनी की बढ़ोतरी के अनुमान (कांस्टेंट करेंसी में) में कटौती कर इसे 8-9% कर दिया है।
विप्रो
आगे के अनुमान निराशाजनक
प्रभुदास लीलाधर ने विप्रो का शेयर एकत्र करने की सलाह दी है। ब्रोकिंग फर्म के मुताबिक कारोबारी साल 2016-17 की दूसरी तिमाही के दौरान विप्रो की आमदनी अनुमान के ही अनुरूप रही, लेकिन मार्जिन इसके अनुमान से 80 आधार अंक अधिक रहा। मौजूदा कारोबारी साल की तीसरी तिमाही के लिए कंपनी की ओर से पेश किये गये अनुमान निराश करने वाले हैं। जुलाई-सितंबर में आमदनी में तिमाही-दर-तिमाही लगभग 1% की बढ़ोतरी दर्ज करने के बाद तीसरी तिमाही में कंपनी ने आमदनी में 0-2% की बढ़ोतरी का अनुमान (कांस्टैंट करेंसी में) पेश किया है।
(निवेश मंथन, नवंबर 2016)