कारोबारी साल 2016-17 की दूसरी तिमाही के लिए कंपनी के तिमाही नतीजों के सामने आने का सिलसिला जारी है। तिमाही नतीजों के इस मौसम के मध्य में अब तक जिन कंपनियों ने अपने आँकड़े जारी किये हैं, उनके आधार पर एक मोटी-मोटी तस्वीर उभरने लगी है। मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) ने निफ्टी की 30 और अपनी समीक्षा में शामिल 90 कंपनियों के वित्तीय परिणामों का विश्लेषण करके एक रिपोर्ट जारी की है।
एमओएसएल का कहना है कि अब तक दूसरी तिमाही के नतीजे मुख्य आँकड़ों, यानी आमदनी और मुनाफा आदि के आधार पर तो अनुमानों के मुताबिक ही हैं, मगर ईपीएस अनुमानों में बढ़ोतरी या कमी, चौंकाने वाले परिणाम आदि के आधार पर देखा जाये तो ये नतीजे काफी बेहतर लग रहे हैं।
यह रिपोर्ट भले ही तिमाही नतीजों के मौसम के बीच में ही आयी हो, पर इसमें शामिल कंपनियाँ पूरे भारतीय शेयर बाजार की 48% बाजार पूँजी, निफ्टी के अनुमानित कुल मुनाफे का 69% और एमओएसएल की समीक्षा-सूची में शामिल रहने वाली सभी कंपनियों (एमओएसएल यूनिवर्स) का 67% मुनाफा रखती हैं। एमओएसएल की यह रिपोर्ट बताती है कि निफ्टी की जिन 30 कंपनियों ने अब तक नतीजे जारी किये हैं, उनमें से 12 कंपनियों ने अनुमान से बेहतर और 14 ने अनुमान के मुताबिक नतीजे दिखाये हैं, जबकि केवल 4 कंपनियों के नतीजे अनुमान से खराब रहे।
नतीजों के बाद ईपीएस अनुमानों को बढ़ाने-घटाने की जहाँ तक बात है, इनमें से 10 कंपनियों के ईपीएस अनुमान 2% से ज्यादा बढ़ाये गये, वहीं केवल 4 कंपनियों के अनुमानों में 2% से ज्यादा कमी की गयी।
निफ्टी की इन 30 कंपनियों ने शुद्ध लाभ में 7.4% का इजाफा दर्ज किया, जबकि इनके बारे में अनुमान केवल 3.4% वृद्धि होने का था। अगर प्रावधानों में भारी इजाफे के चलते मुनाफे में तीखी गिरावट दर्ज करने वाले ऐक्सिस बैंक को छोड़ दिया जाये, जो निफ्टी की बाकी कंपनियों की आय (ईपीएस) में 3.6% बढ़त के अनुमान के बदले वास्तव में 11% की बढ़त हुई है।
कैसे घटा-बढ़ा प्रदर्शन और अनुमान का फासला
सबसे पहले तो टीसीएस ने मार्जिन के मामले में बाजार को चौंकाया और अनुमानों से बेहतर आँकड़े दिये। इसके बाद इन्फोसिस ने भी दूसरी तिमाही के मजबूत आँकड़े रखे और नये करार हासिल करने के मामले में बाजार को अच्छी खबर दी। इसके बाद अल्ट्राटेक सीमेंट के नतीजों में बिक्री की मात्रा तो सुस्त रही, मगर लागत पर नियंत्रण और मूल्य में स्थिरता के आधार पर कंपनी ने अपने नतीजों को ठीक-ठाक रखा। रिलायंस के नतीजे अनुमानों के मुताबिक रहे और खास कर पेट्रोकेमिकल कारोबार में इसने मजबूती दिखायी। यस बैंक के तिमाही प्रदर्शन ने बाजार को खुश किया। एसीसी ने अल्ट्राटेक की तरह बिक्री की मात्रा में सुस्ती दिखायी, पर इस सुस्ती को वह अल्ट्राटेक की तरह सँभाल नहीं पायी।
इसके बाद ऐक्सिस बैंक के नतीजे आये, जिसमें एक तरह का सफाई चलाते हुए बैंक ने काफी ऊँचे प्रावधान किये। वहीं एचडीएफसी बैंक ने अनुमानों के मुताबिक नतीजे रखे। आईटीसी ने सिगरेट बिक्री की मात्रा में वृद्धि से बाजार को चौंकाया। हीरो मोटोकॉर्प ने अनुमानों से बेहतर नतीजे दिखाये। मारुति सुजुकी ने कामकाजी कुशलता दिखाते हुए अब तक का सबसे अच्छा एबिटा मार्जिन हासिल किया।
एमओएसएल समीक्षा-सूची वाली कंपनियों को देखें तो ऐसी 90 कंपनियों के नतीजे आ चुके हैं। इन 90 कंपनियों में से 65 यानी लगभग तीन-चौथाई ने अनुमान के मुताबिक या अनुमान से बेहतर एबिटा आय दिखायी है। इसी तरह इन 90 में से 68 कंपनियों का शुद्ध लाभ अपेक्षाओं पर खरा उतरा या उससे बेहतर रहा। इनमें से अगर वित्तीय क्षेत्र को अलग कर दें तो इन कंपनियों का एबिटा मार्जिन 2.10% अंक बढ़ कर 21.9% हो गया, जबकि अनुमान 21.5% एबिटा मार्जिन का था।
एमएसओएल समीक्षा सची वाली इन कंपनियों की बिक्री 3.1% अनुमानित वृद्धि के बदले वास्तव में 3.6% बढ़ी। इनकी एबिटा आय 13.4% वृद्धि के अनुमान की जगह असल में 15% बढ़ी और शुद्ध लाभ में 8.6 वृद्धि के अनुमान के बदले वास्तविक वृद्धि 13% रही।
हालाँकि इसके बावजूद एमओएसएल को सेंसेक्स ईपीएस के अपने अनुमानों में एक बार फिर थोड़ी कटौती करनी पड़ी है। इसने 2016-17 के लिए सेंसेक्स ईपीएस के अनुमान को 1.5% घटा कर 1,486 रुपये कर दिया है। इसी तरह 2017-18 के सेंसेक्स ईपीएस अनुमान में 2.2% कटौती करते हुए इसे 1,768 रुपये कर दिया गया है। मगर इसने साफ किया है कि सेंसेक्स ईपीएस में हुई इस बार की कटौती पूरी तरह से ऐक्सिस बैंक की वजह से हुई है। अगर ऐक्सिस बैंक को हटा कर देखा जाये तो वास्तव में सेंसेक्स के 2016-17 के शुद्ध लाभ के अनुमान में 1.7% की वृद्धि ही हुई है, जबकि 2017-18 का अनुमान यथावत रहता है।
नतीजों के पाँच खास रुझान
एक नवंबर 2016 तक जारी नतीजों के आधार पर एमओएसएल ने पाँच खास रुझान बताये हैं।
1) बिक्री की मात्रा में होने वाली वृद्धि का रुझान मिला-जुला है। सीमेंट और उपभोक्ता क्षेत्रों ने सुस्त वृद्धि दर्ज की है, जबकि वाहनों की बिक्री की मात्रा अब तक अच्छी रही है।
2) एमओएसएल समीक्षा सूची वाली 90 कंपनियों की बिक्री में दर्ज 3.6 % की वृद्धि सात तिमाहियों तक नकारात्मक रहने के बाद इस बार सकारात्मक हो गयी है और आठ तिमाहियों के ऊँचे स्तर पर है। इनकी 15% एबिटा वृद्धि लगातार दूसरी तिमाही में दो अंकों में है और नौ तिमाहियों के ऊँचे स्तर पर है।
3) इन 90 कंपनियों में से वित्तीय क्षेत्र को अलग रखने पर शेष का एबिटा मार्जिन 2.10% अंक बढ़ कर 21.9% रहा है।
4) मार्जिन में हुआ विस्तार स्वास्थ्य-सेवाओं और आईटी को छोड़ कर बाकी तमाम क्षेत्रों में व्यापक रूप से है।
5) ऑटो, सीमेंट, कैपिटल गुड्स, धातु और तेल-गैस ने सकारात्मक रूप से चौंकाया है, जबकि मीडिया और वित्तीय क्षेत्र इस बार घिसट गये हैं, वित्तीय क्षेत्र का यह हाल केवल ऐक्सिस बैंक की वजह से है ।
(निवेश मंथन, नवंबर 2016)