सोने के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी गोल्ड ईटीएफ के चलते आप कह सकते हैं कि जब घर में ना हो सोना, तब चैन की नींद तुम सोना! आप सोने में निवेश करें, उसे खरीदें, लेकिन घर लाने की क्या जरूरत है? घर में पड़ा सोना तो चोरों को न्यौता देता है। इसलिए आप सोने को घर में रखे बिना भी सोने में निवेश का फायदा ले सकते हैं गोल्ड ईटीएफ से। गोल्ड ईटीएफ की ओर अब लोगों का रुझान लगातार बढ़ रहा है।
खास कर धनतेरस, दीपावली और अक्षय तृतीया जैसे मौकों पर गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का झुकाव बढ़ जाता है। ऐसे मौकों पर लोगों की खास रुचि को देखते हुए बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) गोल्ड ईटीएफ में कारोबार करने का समय भी सामान्य दिनों की तुलना में बढ़ा देते हैं।
अक्सर लोग अपने बच्चों के भविष्य और खास कर उनकी शादी की तैयारियों के सिलसिले में काफी पहले से ही खरीदारी करके सोना इकट्ठा करते रहते हैं। ऐसी खरीदारी का पारंपरिक तरीका सोने के गहने खरीदना ही होता है। लोग यही सोचते हैं कि सोने के गहने बनवा कर रख लिये जायें तो बच्चों की शादी के समय काम आयेंगे। लेकिन बदलते समय के साथ बच्चों की शादी तक तो गहने पुराने डिजाइन के हो जायेंगे! इसके बदले गोल्ड ईटीएफ खरीदने पर न तो चोरी का डर रहेगा, न ही गहने रखने के लिए लॉकर पर लगने वाला किराया देना होगा, और न ही गहनों के लिए कोई बनवाई शुल्क देना होगा। फिर जब जरूरत होगी, तब गोल्ड ईटीएफ बेच कर उस समय की पसंद के गहने बनवाये जा सकते हैं।
गोल्ड ईटीएफ में किया गया निवेश सुरक्षित होता है, क्योंकि इसके चोरी होने का डर नहीं होता। यह निवेश डीमैट रूप में इलेक्ट्रॉनिक तरीके से आपके खाते में रहता है। इसे रखने के लिए आपको किसी लॉकर की जरूरत नहीं पड़ती। और फिर, आप जब चाहें इसे बेच सकते हैं। सोने के गहने या सिल्ली (बार) खरीदने पर इस बात की भी पूरी सावधानी बरतनी पड़ती है कि वह एकदम शुद्ध है या नहीं, उसमें कोई मिलावट तो नहीं की गयी। लेकिन गोल्ड ईटीएफ में इस बात को लेकर भी निश्चिंत रहा जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ में आप 99.5% शुद्ध सोने में निवेश करते हैं। एक्सचेंज के माध्यम से इसकी खरीद-बिक्री होने के कारण इसके सौदों में पूरी तरह पारदर्शिता रहती है। ऐसी खरीद-बिक्री में आपके लिए सौदों की लागत भी ज्यादा नहीं होती।
वैसे तो माना जाता है कि जरूरत पडऩे पर सोने के गहने बेचना काफी आसान है और आपको पूरे पैसे मिलते हैं। लेकिन हकीकत में एक ही समय पर जब आप गहने खरीदते हैं तो कुछ और भाव पड़ता है, लेकिन बेचने पर आपको कुछ और भाव मिलता है। गोल्ड ईटीएफ में ऐसा नहीं होता और आपको पूरे देश में एक ही भाव मिलता है। निवेश के लिहाज से सोने की खरीद-बिक्री को गोल्ड ईटीएफ ने काफी आसान बना दिया है। आप इलेक्ट्रॉनिक तरीके से इसे जब चाहें खरीद-बेच सकते हैं। खरीद-बिक्री की मात्रा केवल एक ग्राम भी हो सकती है। केवल सोने के गहने ही नहीं, बल्कि सोने के सिक्कों की तुलना में भी गोल्ड ईटीएफ बेहतर लगता है। इसका कारण यह है कि बैंकों से सोने के सिक्के खरीदने पर 5-7% तक प्रीमियम देना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ में ऐसा कोई प्रीमियम नहीं लगता। करों के मामले में भी गोल्ड ईटीएफ दूसरे विकल्पों से फायदेमंद है। सोने के गहने वगैरह खरीदने पर 1% वैट लगता है, लेकिन गोल्ड ईटीएफ में न तो वैट लगता है, न ही सेल्स टैक्स या शेयरों की तरह सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) लगता है। संपदा कर (वेल्थ टैक्स) में भी राहत मिलती है। किसी के पास सोना और अन्य संपत्तियाँ अगर कुल 30 लाख रुपये से ज्यादा हों, तो उसे 1% संपदा कर चुकाना पड़ता है। लेकिन गोल्ड ईटीएफ संपदा कर के दायरे से बाहर है।
(निवेश मंथन, नवंबर 2016)