सुभाष लखोटिया, कर और निवेश सलाहकार :
सबसे पहली अहम बात ये है कि आप टैक्स चोरी के बारे में बिल्कुल भी ना सोचें।
टैक्स चोरी से आपको जुर्माने और मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।
यह सुनिश्चित करें कि आप अपनी पत्नी, बहू को उपहार ना दे। वर्ना आपको आमदनी जोडऩे से जुड़े प्रावधानों का सामना करना पड़ेगा। अगर आप पत्नी और बहू को उपहार देना ही चाहें तो यह सुनिश्चित करें कि वे रकम का निवेश ऐसी जगहों पर करें जहाँ आय करमुक्त हो जाये।
सिर्फ अपने नाम से आवासीय संपत्ति खरीदने के बारे में ना सोचें। इस साल अपने साथ पत्नी और बालिग बच्चों के नाम से भी नई आवासीय संपत्ति खरीदें। होम लोन लेकर संपत्ति खरीदते हैं तो हर सदस्य ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक की अधिकतम कटौती का दावा कर सकेगा।
अपने और नाबालिग बच्चों के पीपीएफ खाते में 1 लाख रुपये से ज्यादा रकम ना जमा करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो 1 लाख रुपये से ज्यादा की रकम पर आपको ब्याज नहीं मिलेगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि विभिन्न बैंकों में परिवार के सदस्यों के नाम से कई पीपीएफ खाते ना हों।
अपनी रकम से पक्री के नाम पर संपत्ति खरीदने के बारे में ना सोचें। टैक्स के लिहाज से यह अच्छा नहीं है। बेहतर है कि आप अपनी पत्नी के पैसे से संपत्ति खरीदें। अगर उनके पास रकम ना हो तो आप पत्नी को ब्याज लेकर कर्ज दें। पत्नी और बहू को कभी भी ब्याज मुक्त कर्ज ना दें।
ब्याज वाले कर्ज से शेयर बाजार में निवेश के बारे में ना सोचें। अगर आपने ऐसा किया और उस निवेश पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स का फायदा लेते हुए अपने उन शेयरों को बेचा तो कर्ज पर चुकाये गये ब्याज पर कटौती का फायदा नहीं मिलेगा।
अपने माता-पिता, भाई और बहन के जीवन बीमा प्रीमियम का भुगतान आप नहीं करें। मैं जानता हूँ कि आप उन्हें बेहद प्यार करते हैं। लेकिन कर बचत के नजरिये से हकीकत यह है कि अगर आप उनके लिए भुगतान करते हैं तो आपको 80सी के तहत उस पर कर छूट का फायदा नहीं मिलेगा।
भारत के किसी भी हिस्से में सर्किल रेट से कम पर संपत्ति ना खरीदें। अगर आप ऐसा करते हैं तो आय कर गणना के समय सर्किल रेट और कीमत का अंतर आपकी आय में जोड़ा जायेगा।
एक वित्त-वर्ष में गैर-रिश्तेदारों से 50,000 रुपये से ज्यादा का उपहार ना लें, वर्ना टैक्स देने के लिए तैयार रहें।
किसी भी व्यक्ति से नकद में 20,000 रुपये से ज्यादा का कर्ज ना लें, वर्ना कर्ज की रकम के दोगुने के बराबर जुर्माना देने के लिए तैयार रहें।
चाहे कोई भी आपातकालीन स्थति क्यों ना रहे, पर आप किसी एक व्यक्ति को नकद में 20,000 रुपये से ज्यादा का भुगतान ना करें, क्योंकि इस स्थिति में आपके खर्चे वास्तविक होते हुए भी आय कर विभाग उस खर्च को मान्यता नहीं देगा।
कम से कम 6 सालों तक अपने टैक्स दस्तावेज नष्ट ना करें। इससे पुनर्मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान आप अपने दस्तावेज दिखाकर टैक्स विभाग की चिंताओं से मुक्त हो सकते हैं।
एक साल में 50 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति ना खरीदें। अगर आप 50 लाख रुपये से ज्यादा की संपत्ति खरीदना ही चाहते हैं तो 1% की दर से टीडीएस यानी स्रोत पर कर कटौती के लिए तैयार रहें।
बड़े पैमाने पर सोना और सोने के आभूषण ना खरीदें वर्ना अगर आपकी कुल कर योग्य आय 30 लाख रुपये से ज्यादा होगी तो आपको संपदा (वेल्थ) कर देना होगा। बेहतर है कि आप गोल्ड म्युचूअल फंड या गोल्ड बी खरीदें।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2014)