सुगंधा सचदेव, धातु विश्लेषक, रेलिगेयर कमोडिटीज :
नवंबर में लगातार पाँचवे महीने सोने की कीमत में गिरावट रही है।
एमसीएक्स पर सोने की कीमत लगभग डेढ़ प्रतिशत और कॉमेक्स पर आधा प्रतिशत गिरी हैं। हालाँकि नवंबर महीने के अंत में सोने की कीमतें अपने निचले स्तरों से सँभली हैं। डॉलर की मजबूती कम होने की वजह से निचले स्तरों पर सोने में मजबूती आयी है। स्विस मतदाताओं ने अपने देश में केंद्रीय बैंक के स्वर्ण भंडार को बढ़ा कर विदेशी मुद्रा भंडार के 20% के स्तर पर ले जाने के प्रस्ताव को नकार दिया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 1,142.91 डॉलर प्रति औंस के निचले स्तर तक लुढ़क गया, हालाँकि उसके बाद सँभल कर 1,197.10 डॉलर के ऊपरी स्तर तक लौटा। कच्चे तेल की कीमतों के कुछ सँभलने से भी यह चिंता हल्की पड़ी कि महँगाई दर निचले स्तरों पर बनी रहेगी। इसके चलते सोने की माँग कुछ सुधरी।
भारत में जुलाई-सितंबर 2014 की तिमाही में सोने की मांग 225.1 टन की रही, जो जुलाई-सितंबर 2013 से 39% ज्यादा है।
कुल मिला कर पिछले महीने उतार-चढ़ाव के बीच सोने की कीमतें थोड़ा नीचे आयीं। महीने की शुरुआत में सोने की कीमतें कुछ बढ़ी थीं, लेकिन बाद में मंदडिय़ा खेमा हावी हो गया। एमसीएक्स में 26,800 रुपये और कॉमेक्स में 1,200 डॉलर के स्तरों से ऊपर बने रहने में विफल रहने पर इसमें कमजोरी आयी। वर्तमान में सोने की कीमतों में नीचे का रुझान है और बंद भाव के आधार पर 1,260 डॉलर से नीचे बने रहने तक इसमें कमजोरी का रुझान कायम रहेगा।
पिछले महीने सोने में लगातार तीन हफ्ते बिकवाली रही, जिस वजह से इसमें गिरावट बढऩे की आशंका है। चार्ट पर 25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर बनाये रखने पर सोने की कीमतों को कुछ सहारा मिल सकता है, लेकिन टिकाऊ मजबूती के लिए जरूरी होगा कि इसकी कीमत 27,000 रुपये के स्तर से ऊपर बंद हो, जहाँ इसके लिए एक कड़ी बाधा दिख रही है। इसके ऊपर बंद होने पर ही कारोबारी सोने में खरीदारी का उत्साह दिखा सकेंगे।
फिलहाल, कारोबारियों के लिए यही सलाह है कि सोने की कीमत 25,000 रुपये से नीचे नहीं जाने की स्थिति में वे गिरावट पर 25,500-25,300 रुपये के आसपास सोने में खरीदारी करें। ध्यान रखें कि यदि सोने ने 25,000 रुपये के स्तर को पक्के तौर पर तोड़ दिया तो इसमें तेज गिरावट आ सकती है। कॉमेक्स में इसकी कीमतों को 1130-1120 डॉलर के दायरे में मजबूत सहारा मिलेगा।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2014)