राजीव रंजन झा :
महीने भर पहले की तुलना में इस समय बाजार की संरचना में कोई बड़ा अंतर नहीं आया है,
हालाँकि इस दौरान बाजार ने लगातार नयी ऊँचाइयाँ छूना जारी रखा है और नित नये रिकॉर्ड बनते गये हैं। बाजार का जो ऊपरी रुझान महीने भर पहले दिख रहा था, वह अब भी नजर आ रहा है। इस ऊपरी रुझान के बीच जो खास बाधा नजर आ रही थी, वह अब भी तकरीबन उसी तरह है। इस बाधा के साथ लिपट कर, जरा छकाते हुए बाजार ने अपनी चाल कायम रखी है।
पिछले अंक में मैंने लिखा था कि मौजूदा स्तरों पर या इसके कुछ ऊपर जा कर अटक जाने पर भी बाजार में किसी बड़ी गिरावट का खतरा नहीं बनेगा। मेरा मानना था कि ‘ऊपर की ओर काफी बड़ी संभावनाएँ खुली हुई हैं, जबकि अटक जाने या गिरने पर गिरावट सीमित ही रहेगी। यदि प्रतिशत के लिहाज से देखें तो 5-7% से ज्यादा बड़ी गिरावट आने का जोखिम नहीं लग रहा।' यह बात आज भी उसी तरह कायम है।
हालाँकि इस बीच सेंसेक्स और निफ्टी ने मई के मध्य से अब तक चल रही चढ़ती पट्टी (राइजिंग चैनल) से भी ऊपर निकलने का एक प्रयास किया है। लेकिन इस बात पर सावधानी से नजर रखनी होगी कि यह प्रयास कितना सफल होता है। इस चढ़ती पट्टी से भी ऊपर निकल जाना तकनीकी रूप से बाजार में एक और बड़ी उछाल का संकेत बन सकता है। हालाँकि इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कई बार बाजार अपना रुख बदलने से पहले झूठे संकेत दे कर छकाता भी है।
पिछले अंक में भी मैंने सवाल रखा था कि क्या सेंसेक्स और निफ्टी एक बार फिर जुलाई की तरह अपनी पट्टी की ऊपरी रेखा पर अटक जायेंगे, या सितंबर की तरह इस रेखा से थोड़ा ऊपर जा कर छकाने के बाद वापस नीचे इस पट्टी के अंदर लौट आयेंगे या पक्के तौर पर इस पट्टी से ऊपर निकलते हुए नये उच्चतम स्तरों का आसमान छूने की ओर बढ़ जायेंगे?
हाल में सेंसेक्स और निफ्टी इस पट्टी से ऊपर निकलते हुए भी दिखे हैं और नये उच्चतम स्तर भी बने हैं। अगर यह रुझान पक्का होता है तो बाजार नये ऊपरी लक्ष्यों की ओर बढ़ सकता है। लेकिन अगर थोड़ा छकाने के बाद बाजार फिर से नीचे की ओर पलट जाये तो हमें इस पट्टी की ऊपरी रेखा के पास बाजार का व्यवहार देखना होगा। अगर दोनों सूचकांक ऊपरी रेखा को नीचे की ओर काट कर इसके नीचे ही टिकते नजर आये तो एक बार फिर से पट्टी की निचली रेखा को छूने की संभावना बन सकती है।
अभी सेंसेक्स के चार्ट पर इस पट्टी की ऊपरी रेखा 28,300 के पास है। इसके नीचे जा कर कमजोरी का रुझान बनने पर सेंसेक्स निचली रेखा की ओर फिसल सकता है, जो अगले कुछ सत्रों में 27,000 के पास होगी। इसी तरह निफ्टी के चार्ट पर नजर डालें तो ऊपरी रेखा लगभग 8500 पर और निचली रेखा 8100 के पास है। इस तरह यह पट्टी सेंसेक्स में लगभग 1200-1300 अंक और निफ्टी में 400 अंक की गिरावट का संकेत दे सकती है। इस साल मिली एक अच्छी-खासी बढ़त के बाद लगभग 5% की ऐसी किसी गिरावट को सीमित गिरावट ही कहा जा सकता है।
ज्यादा बड़ी गिरावट का खतरा तभी बनेगा, जब सेंसेक्स और निफ्टी अपनी इस पट्टी के भी नीचे चले जायें। लेकिन वह बहुत दूर की बात है। अगर आने वाली कोई गिरावट 5% या उससे छोटी ही रहे तो इससे बाजार के प्राथमिक तेज रुझान पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लिहाजा अगर सेंसेक्स 27,000 के पास और निफ्टी 8,000-8,100 के पास जायें तो उसे खरीदारी के मौके की तरह देखा जायेगा।
हालाँकि सेंसेक्स के लिए 27,000 की बात करने से पहले ध्यान रखना चाहिए कि सेंसेक्स को 28,000 के पास भी सहारा मिलेगा। इसी तरह निफ्टी के लिए भी लगभग 8,350 के पास अच्छा सहारा होगा। दोनों के 20 दिनों के प्रिंसपल मूविंग एवरेज (एसएमए) इन स्तरों के आसपास ही हैं।
अगर बाजार में यहाँ मुनाफावसूली या किसी अन्य वजह से कमजोरी नहीं आती है, तो ऊपर किन लक्ष्यों के बारे में सोचा जाये? सेंसेक्स के चार्ट पर अगस्त की तलहटी से सितंबर के शिखर और फिर अक्टूबर में बनी तलहटी के विस्तार को देखें तो 138.2% विस्तार 28,844 पर है, जिसे यह लगभग छू चुका है। इस स्तर पर बाधा पा कर अटकने पर स्वाभाविक रूप से 100% विस्तार के स्तर यानी 28,033 पर सहारा मिलने की उम्मीद की जा सकती है। वहीं 138.2% विस्तार पार कर लेने पर अगला बड़ा लक्ष्य 161.8% विस्तार यानी 29,345 का होगा। इसके आगे 200% विस्तार का स्तर 30,156 का है। इसी तरह निफ्टी के चार्ट पर मौजूदा स्तरों पर अटकने पर नीचे मुख्य सहारा 8,364 का है, जबकि 8600 को अच्छी तरह पार कर लेने पर ऊपर 8,760 और फिर उसके आगे 9,004 के लक्ष्य बनते हैं।
यहाँ ध्यान रखने की जरूरत है कि सेंसेक्स और निफ्टी ने मौजूदा स्तरों पर मासिक चार्ट पर भी अपने बड़े लक्ष्य हासिल कर लिये हैं। लिहाजा इन स्तरों पर जरा अटक जाने में कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। सेंसेक्स और निफ्टी की साल 2008 की तलहटी से 2010 के शिखर और फिर 2011 की तलहटी के विस्तार की संरचना में दोनों ने 100% विस्तार के महत्वपूर्ण स्तर को छू लिया है।
इस संरचना के हिसाब से अगर बाजार यहाँ अटकता है तो आने वाली गिरावट में बड़ा सहारा सेंसेक्स के लिए 25,865 पर और निफ्टी के लिए 7,800 पर होगा। वहीं इस समय ही या जरा नीचे आने के बाद फिर से ऊपरी चाल पकडऩे के बाद जब भी सेंसेक्स और निफ्टी 100% विस्तार को पक्के तौर पर पार कर लेंगे तो अगला बड़ा लक्ष्य सेंसेक्स के लिए 33,670 और निफ्टी के लिए 10,171 पर होगा।
इन लक्ष्यों तक जाने में सेंसेक्स और निफ्टी को अभी कुछ वक्त लगेगा। अगर बाजार अपनी मौजूदा तेज रफ्तार के साथ भी चलता रहा तो इन लक्ष्यों तक जाने में इसे कैलेंडर वर्ष 2015 की दूसरी छमाही तक का समय लग ही सकता है। वहीं अगर यह एक गिरावट के बाद उस लक्ष्य की ओर बढ़े तो वहाँ तक जाने में लगने वाला समय गिरावट की मात्रा और उसमें खपे समय पर निर्भर करेगा। मगर इतना स्पष्ट है कि आने वाले कई साल भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहद अनुकूल रहने वाले हैं। ऐसे में नियमित मासिक निवेश और बड़ी गिरावटों पर खरीदारी की रणनीति ही बेहतर है।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2014)