साल 2014-15 की दूसरी तिमाही में ड्राई-वेल खर्चों में कमी और कच्चे तेल की बिक्री में बढ़ोतरी से ओएनजीसी का मुनाफा अनुमानों से अधिक रहा है।
कंपनी की कच्चे तेल की बिक्री पहली तिमाही के ५९ लाख टन सुधर कर 60.2 लाख टन रही है। हालाँकि कच्चे तेल पर प्राप्ति (रियलाइजेशन) और गैस बिक्री में गिरावट आयी है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के बावजूद पहली तिमाही में कंपनी पर सब्सिडी बोझ बढ़ कर 132 अरब रुपये रहा है। कच्चे तेल पर प्राप्ति बढ़ कर 60-65 डॉलर प्रति बैरल होने की उम्मीद और गैस की कीमत बढ़ कर 5.6 डॉलर एमएमबीटीयू होने के कारण रेलिगेयर ने कंपनी के लिए सकारात्मक नजरिया अपनाया है।
एचपीसीएल : जीआरएम में तेज बढ़त
एचपीसीएल ने बीती तिमाही में आमदनी में तो मामूली गिरावट ही दर्ज की, मगर उत्पादों पर ६४० करोड़ रुपये के एकमुश्त लाभ की वजह से इसकी एबिटा आय आईसीआईसीआई डायरेक्ट के ९८५ करोड़ रुपये के अनुमान की तुलना में यह १६०० करोड़ रुपये रही। इसका जीआरएम ०.८ डॉलर के अनुमान की तुलना में २.१ डॉलर प्रति बैरल रहा। उत्पादन भी 2013-14 की दूसरी तिमाही के 3.9 एमएमटी से बढ़ कर बीती तिमाही में 4.5 एमएमटी हो गया। आईसीआईसीआई डायरेक्ट का मानना है कि डीजल की कीमतों पर सरकारी नियंत्रण हटने और कच्चे तेल की कीमतें नीचे रहने का कंपनी को फायदा मिलेगा।
बीपीसीएल : विदेशी मुद्रा नुकसान की चोट
कारोबारी साल 2014-15 की दूसरी तिमाही में बीपीसीएल का मुनाफा तिमाही आधार पर 62% और सालाना 50% घट कर 464 करोड़ रुपये रहा है। इस तिमाही 270 करोड़ रुपये के इन्वेंटरी घाटे, 299 रुपये के विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) घाटे और घटते जीआरएम की वजह से कंपनी का मुनाफा गिरा है। अप्रैल - जून 2014 की तिमाही में 15,174 करोड़ रुपये की तुलना में इस तिमाही कंपनी का कर्ज घट कर 14,061 करोड़ रुपये रहा है। ब्रोकिंग फर्म को कारोबारी साल 2014-15 और 2015-16 में अंडर रिकवरी कम रहने का अनुमान है। के आर चोकसी ने 858 रुपये प्रति शेयर के लक्ष्य के साथ कंपनी के शेयर में खरीदारी की सलाह दी है।
ऑयल इंडिया : सब्सिडी बढऩे से मुनाफे पर दबाव
एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक सब्सिडी बढऩे और प्राप्ति (रियलाइजेशन) घटने से 2014-15 की दूसरी तिमाही में कंपनी का मुनाफा तिमाही आधार पर 29% घट कर 608 करोड़ रुपये रहा है। इस तिमाही में कंपनी का कुल उत्पादन 3.4% बढ़ कर 15.7 लाख टन रहा और बिक्री 2.5% सुधर कर 14.2 लाख टन रही। डीजल विनियंत्रण, गैस की कीमत बढऩे से लाभ, उत्पादन में बढ़ोतरी और सस्ते मूल्यांकन की वजह से ब्रोकिंग फर्म का कंपनी के शेयर पर सकारात्मक रुख है। मौजूदा भाव पर कंपनी का शेयर 2015-16 की अनुमानित आय के मुताबिक 7.9 पीई पर है।
लार्सन ऐंड टुब्रो : आय के अनुमानों में कटौती
एलऐंडटी के नतीजे अनुमानों के अनुरूप रहे हैं। तिमाही स्टैंडएलोन आय सालाना 3% बढ़ कर 127 अरब रुपये और एबिटा आय 4% बढ़ कर 13.4 अरब रुपये रही है। साल 2014-15 की दूसरी तिमाही के दौरान कंपनी के घरेलू कंसोलिडेटेड ठेके 17% बढ़ कर 398 अरब रुपये के रहे हैं। हाइड्रोकार्बन के कारोबार में यह एबिटा स्तर पर फायदे में आ गयी है, जो एक सकारात्मक संकेत हैं। ब्रोकिंग फर्म ने परियोजनाओं के ढीले क्रियान्वयन की वजह से कंपनी की ईपीएस के अनुमानों में 2014-15 के लिए 6% और 2015-16 के लिए 4% की कटौती की है।
बीएचईएल : जारी रहेगा मार्जिन पर दबाव
साल 2014-15 की दूसरी तिमाही में बीएचईएल के नतीजे रेलिगेयर के अनुमानों से कम रहे हैं। इस दौरान कंपनी को मिले ठेके पिछले साल की समान तिमाही के ३० अरब रुपये से बढ़ कर 129 अरब रुपये के रहे। साल 20१५-16 और 20१६-17 में कंपनी के ऑर्डरबुक में सुधार की उम्मीदों की वजह से ब्रोकिंग फर्म ने दिसंबर 2015 के लिए शेयर का लक्ष्य भाव 135 रुपये से बढ़ा कर 200 रुपये कर दिया है। हालाँकि कारोबारी साल 2015-2017 के दौरान सकल मार्जिन पर दबाव बने रहने की संभावना के चलते इस शेयर में बिकवाली की सलाह दी गयी है।
टाटा स्टील : जमीन की बिक्री से बढ़ा मुनाफा
साल 2014-15 की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर कंपनी का स्टैंडएलोन मुनाफा 59% बढ़ कर 2476 करोड़ रुपये रहा है। बोरीवली जमीन की बिक्री से मिले 1,147 करोड़ रुपये भी कंपनी के दूसरी तिमाही के मुनाफे में शामिल हैं। इस दौरान कंपनी की स्टैंडएलोन आय 1०.७% बढ़ कर 10,468 करोड़ रुपये रही है। एबिटा आय 3% बढ़ कर 3,356 करोड़ रुपये रह। वहीं 2014-15 की दूसरी तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा ३७% बढ़ कर १,२५4 करोड़ रुपये रहा है। फस्र्टकॉल ने 2013-16 के दौरान कंपनी की बिक्री 10% सीएजीआर और मुनाफा 16% सीएजीआर की दर से बढऩे का अनुमान जताया है।
टीवीएस मोटर : दूसरी छमाही में तेज होगी बिक्री
साल 2014-15 की दूसरी तिमाही में टीवीएस मोटर की आय 35% बढ़ कर 2,683 करोड़ रुपये रही है। एबिटा मार्जिन मामूली बढ़ कर 6.1% पर रहा है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा 31% बढ़ कर 95 करोड़ रुपये रहा है। कोटक सिक्योरिटीज ने 2014-15 की दूसरी छमाही में कंपनी की बिक्री में तेज वृद्धि जारी रहने की उम्मीद जतायी है। हालाँकि अब तक कंपनी के एबिटा मार्जिन से निराशा ही हुई है। कंपनी प्रबंधन ने अगले तीन साल में 10% एबिटा मार्जिन का लक्ष्य रखा है। कंपनी के लाभ अनुमानों में संशोधन की वजह से ब्रोकिंग फर्म ने कंपनी के शेयर का लक्ष्य भाव 167 रुपये से बढ़ा कर 259 रुपये कर दिया है।
सिप्ला : नतीजे अनुमानों से कमजोर
सिप्ला के 2014-15 की दूसरी तिमाही के नतीजे के आर चोकसी सिक्योरिटीज के अनुमानों से कम रहे हैं। निर्यात बढऩे से कंपनी की कुल आय सालाना आधार पर 9% बढ़ कर 2,767 करोड़ रुपये रही है। सालाना आधार पर कंपनी का एबिटा 1.5% घट कर 558 करोड़ रुपये रहा है। एबिटा मार्जिन 220 अंक घट कर 20.2% पर रहा है। लागत प्रबंधन पर ध्यान देने की वजह से कंपनी के एबिटा मार्जिन में सुधार हुआ है। इस तिमाही में कंपनी की प्रति शेयर आय 3.7 रुपये पर रही है। ब्रोकिंग फर्म को 2014-15 में कंपनी की आय 14.2% और 2014-16 में 18.5% बढऩे, जबकि आय 3.5% और 36.6% बढऩे का अनुमान है।
बैंक ऑफ बड़ौदा : कम प्रावधान, स्लिपेज में कमी
साल 2014-15 की दूसरी तिमाही में बैंक के बेहतर शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) और कम प्रोविजिनिंग लागत की वजह से बीओबी का मुनाफा ब्रोकिंग फर्म एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुमान से बेहतर रहा। तिमाही आधार पर स्लिपेजेज में 8% की कमी आयी है। ब्रोकिंग फर्म ने बैंक के लिए अपने पिछले अनुमानों को बनाये रखा है। इसका मानना है कि पीएसयू बैंकों में बीओबी का प्रदर्शन बेहतर रहेगा। फर्म को उम्मीद है कि बीओबी की परिसंपत्ति गुणवत्ता अपने समकक्ष बैंकों की तुलना में बेहतर रह सकती है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स : मजबूत आय, मार्जिन में सुधार
बीती तिमाही में मजबूत आय और मार्जिन की वजह से कंपनी का मुनाफा तेजी से बढ़ा है। परियोजनाओं को मंजूरी और क्रियान्वयन में तेजी से बिक्री भी अच्छी रफ्तार से बढ़ी है। कामकाजी मार्जिन 7.2% हो गया है, जो पिछले साल की समान तिमाही में -3.3% था। आईडीएफसी . सिक्योरिटीज का अनुमान है कि 2014-16 के दौरान कंपनी की आय बढऩे की दर 12% सीएजीआर रहेगी। अन्य आय के घटने से कंपनी का मुनाफा 7% सीएजीआर की दर से बढऩे रहने का अनुमान है। यह 2015-16 की अनुमानित ईपीएस के आधार पर 16.4 पीई पर है।
पावर ग्रिड : नतीजे अनुमानों के अनुरूप
दूसरी तिमाही में कंपनी की बिक्री 41.5 अरब रुपये और एबिटा आय 35.5 अरब रुपये रही है, जो मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के अनुमानों के अनुरूप है। हालाँकि कंपनी की ब्याज और घटती लागत मामूली बढ़ी है, जिसकी भरपाई अन्य आय के बढऩे से हो गयी। ब्रोकिंग फर्म ने साल 2014-15 में कंपनी का मुनाफा १४% बढ़ कर 51 अरब रुपये और 2015-16 में १८% बढ़ कर 60 अरब रुपये रहने का अनुमान जताया है। ब्रोकिंग फर्म के मुताबिक साल 2015-16 के अनुमानों के आधार पर कंपनी का शेयर अभी 12.8 पीई और 1.9 पी/बीवी पर है।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2014)