दूसरी तिमाही के नतीजे बाजार का उत्साह बढ़ाने में नाकाम रहे हैं।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) ने इसे सुस्त नतीजों की तिमाही बताया है। ऐसी ही टिप्पणी आईसीआईसीआई डायरेक्ट की भी है, जिसने इसे ठंडी तिमाही कहा है। इसने अपनी रिपोर्ट में बीती तिमाही की समीक्षा करते हुए बताया है कि सेंसेक्स आय (ईपीएस) साल-दर-साल केवल 1.8% बढ़ी है, जबकि सेंसेक्स कंपनियों की आमदनी में 2.2% और कामकाजी मुनाफे (ऑपरेटिंग प्रॉफिट) में 2.0% की सालाना वृद्धि दर्ज की गयी है।
एमओएसएल के मुताबिक बीती तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों की सकल बिक्री 4% की वृद्धि के अनुमान की तुलना में केवल 3% बढ़ सकी। एबिटा में 8% के बदले 6% और मुनाफे में 11% के बदले 5% बढ़त दर्ज की जा सकी। इसी तरह निफ्टी कंपनियों (बीपीसीएल छोड़ कर) की कुल बिक्री 4% बढ़ी, जबकि अनुमान 5% बढ़त का था। इस दौरान निफ्टी कंपनियों की एबिटा आय 9% के अनुमान की तुलना में केवल 6% बढ़ पायी, जबकि मुनाफे में वृद्धि 11% के अनुमान के बदले केवल 5% रही। जिन दिग्गज कंपनियों ने उम्मीदों से बेहतर नतीजे सामने रखे, उनमें इन्फोसिस, एसीसी, एचपीसीएल, ग्रासिम, भारत फोर्ज, हिंदुस्तान जिंक, ब्रिटानिया, डिविस लैब और आइडिया सेलुलर शामिल हैं। दूसरी ओर निराश करने वाली दिग्गज कंपनियों में टाटा स्टील, पीएनबी, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स, डीएलएफ, सिप्ला, एशियन पेंट्स, टाइटन और टीसीएस के नाम प्रमुख हैं।
मुनाफे में सबसे तेज बढ़त दर्ज करने वाली सेंसेक्स कंपनियों में भारती एयरटेल (170%), हीरो मोटोकॉर्प (59%), गेल (42%), एसबीआई (31%) और मारुति सुजुकी (29%) शामिल हैं। दूसरी ओर बीएचईएल ने मुनाफे में 79% की भारी गिरावट दर्ज की। टाटा स्टील (-37%), टाटा स्टील (-37%), कोल इंडिया (-29%), एनटीपीसी (-18%), डॉ. रेड्डीज (-17%) और सिप्ला के मुनाफे में भी कमी आयी।
इन तिमाही नतीजों के बाद एमओएसएल ने अपने ताजा आकलन में कारोबारी साल 2015-16 के लिए सेंसेक्स ईपीएस के अनुमान को 0.5% घटा दिया है। इसका कहना है कि 2015-16 में सेंसेक्स ईपीएस पिछले साल से 22% बढ़ कर 1,866 रुपये रहेगी। वहीं 2014-15 में सेंसेक्स ईपीएस 14% बढ़ कर 1,529 रुपये रहने का अनुमान है। इसने 2014-15 के सेंसेक्स ईपीएस अनुमान को भी अपने पिछले अनुमान से 1% घटाया है।
सेंसेक्स और निफ्टी की दिग्गज कंपनियों से बाहर नजर डालने पर भी कहानी लगभग वैसी ही रही है। एमओएसएल के मुताबिक उसकी समीक्षा में शामिल सभी कंपनियों की कुल बिक्री में 6% के अनुमान के बदले 5% की बढ़त दर्ज हुई है। इन कंपनियों की एबिटा आय 10% के अनुमान के बदले 7% बढ़ी, जबकि मुनाफे में वृद्धि 13% के अनुमान की तुलना में आधे से भी कम केवल 6% रही।
इन कंपनियों का क्षेत्रवार विश्लेषण देखें, तो बिक्री बढऩे की दर वित्तीय क्षेत्र के लिए 13%, उपभोक्ता क्षेत्र में 12%, स्वास्थ्य-सेवा में 12%, ऑटो में 11%, आईटी में 9% और टेलीकॉम में 9% रही है। दूसरी ओर तेल-गैस (आरएम छोड़ कर) ने 7% और कैपिटल गुड्स ने 5% की गिरावट दिखायी। मुनाफे में सबसे अच्छी बढ़त टेलीकॉम क्षेत्र (86%) ने दिखायी।
धातु या मेटल क्षेत्र में 19%, वित्तीय क्षेत्र में 16%, स्वास्थ्य-सेवा में 15%, आईटी में 13% और उपभोक्ता क्षेत्र में 12% की दर से तिमाही मुनाफा बढ़ा। वहीं तेल-गैस (आरएम छोड़ कर) क्षेत्र के मुनाफे में 14% की कमी आयी। यूटिलिटी क्षेत्र में 11% और कैपिटल गुड्स में 8% की गिरावट आयी।
पहली तिमाही से भी सुस्त रहे नतीजे
इस कारोबारी साल की पहली तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों की बिक्री बढऩे की रफ्तार 15% रही थी और वह दो अंकों में बिक्री बढऩे वाली लगातार चौथी तिमाही थी। बिक्री बढऩे की दर अप्रैल-जून 2014 के 15% से घट कर जुलाई-सितंबर 2014 में सीधे 3% पर आ जाना बेस इफेक्ट का नतीजा भी है, क्योंकि जुलाई-सितंबर 2013 में कई तिमाहियों की सुस्ती के बाद बिक्री बढऩे की दर दो अंकों में लौटी थी और 13% रही थी।
एमओएसएल का आकलन है कि सेंसेक्स कंपनियों की बिक्री इस कारोबारी साल की तीसरी तिमाही में भी 3% और चौथी तिमाही में 4% बढ़ेगी। हालाँकि आने वाली तिमाहियों में मुनाफे की स्थिति कुछ बेहतर रहने का अनुमान है। एमओएसएल ने सेंसेक्स कंपनियों के मुनाफे में इस बार की 5% वृद्धि की तुलना में तीसरी तिमाही में 10% और चौथी तिमाही में 15% वृद्धि होने की संभावना जतायी है। कुल मिला कर दूसरी छमाही में सेंसेक्स कंपनियों के मुनाफे में 13% बढ़त की उम्मीद है, जबकि पहली छमाही में 12% की बढ़त हासिल हुई है।
(निवेश मंथन, दिसंबर 2014)