आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने दीपावली के मुहुर्त कारोबार पर अगले एक साल के लिए बाजार की चाल को समझाया है
और आपके लिए चुने हैं सात खास शेयर, जो दे सकते हैं अगली दीपावली तक बड़ा मुनाफा।
पिछली दीपावली से अब तक भारतीय बाजार ने 25% से ज्यादा तेजी दर्ज की है। इसमें मुख्य रूप से कंपनियों की आय में सुधार, नयी सरकार से कड़े सुधारों की उम्मीद और अर्थव्यवस्था के आँकड़ों में सुधार का योगदान है। सरकार ने विश्वास बढ़ाने के लिए कई उपाय किये हैं, जैसे कई क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति, रेलवे के किरायों में वृद्धि, पर्यावरण एवं वन संबंधी स्वीकृति ऑनलाइन करना वगैरह।
विकास दर (जीडीपी) बढ़ कर 2014-15 की पहली तिमाही में बढ़ कर 5.7% हो गयी है, जो नौ तिमाहियों का सबसे ऊँचा स्तर है। इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतें हाल में 90 डॉलर प्रति बैरल के आसपास आ गयी हैं, जिससे चालू खाते का घाटा (सीएडी) और सरकारी घाटा (फिस्कल डेफिसिट) नियंत्रण में रहने की उम्मीदें बनी हैं। कच्चे तेल की कीमतें कम रहने से महँगाई दर भी नीचे आयेगी, हाल के दिनों में ऊँचे स्तर पर टिकी रही है। हमारा अनुमान है कि खुदरा महँगाई दर मौजूदा 7.8% से घट कर 2014-15 के अंत तक 7% के नीचे आ जायेगी, जिससे ब्याज दरों में कटौती का रास्ता भी खुलेगा।
सेंसेक्स कंपनियों की प्रति शेयर आय (ईपीएस) साल 2013-14 में 17.1% बढ़ी थी, जिसमें बीते दो वर्षों के दौरान सालाना औसत 6.9% की धीमी वृद्धि का असर भी शामिल था। हमारा अनुमान है कि साल 2014-15 में सेंसेक्स ईपीएस बढऩे की दर थोड़ा घट कर 16.2% रहेगी और अगले साल फिर से सँभल कर 18.5% हो जायेगी। अगली दीपावली तक सेंसेक्स 2015-16 के लिए 1880 रुपये की अनुमानित ईपीएस के 16.5 पीई अनुपात के आधार पर लगभग 31,000 पर पहुँचने का अनुमान है। इसी तर्ज पर निफ्टी अगली दीपावली तक 9,250 पर पहुँच सकता है।
हम मजबूत माँग के अनुमानों के आधार पर ऑटो और सीमेंट क्षेत्रों के लिए और बही-खाते में सुधार एवं मार्जिन बढऩे की उम्मीदों के आधार पर कैपिटल गुड्स के लिए सकारात्मक नजरिया ले कर चल रहे हैं। कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय भावों में कमी से तेल-गैस क्षेत्र भी आकर्षक हो गया है। हम अभी बुनियादी ढाँचा और रियल एस्टेट क्षेत्र से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं, क्योंकि इन दोनों क्षेत्रों का परिदृश्य अभी धुंधला लग रहा है। इस दीपावली के अवसर पर मुहुर्त के पसंदीदा शेयरों में हमने सात खास नाम चुने हैं।
एसबीआई : लक्ष्य 3,234 रुपये
एसबीआई ने लगातार जमा (डिपॉजिट) और ऋण (एडवांस) दोनों में लगभग 16-17% की बाजार हिस्सेदारी बरकरार रखी है। इसकी कुल जमाओं में खुदरा जमा का योगदान लगभग 82% है। एसबीआई की पूँजी लागत (कॉस्ट ऑफ फंड) 6% से कम है। इसी वजह से यह बैंक 3.2% का दमदार शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) हासिल कर पाता है। हमारा अनुमान है कि बैंक का मुनाफा 2014-16 के दौरान 18% की चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ कर 15,908 करोड़ रुपये हो जायेगा।
अल्ट्राटेक सीमेंट : लक्ष्य 3,180 रुपये
अल्ट्राटेक सीमेंट 6.2 करोड़ टन की क्षमता एवं लगभग 17% घरेलू बाजार हिस्सेदारी के साथ भारतीय सीमेंट क्षेत्र की अग्रणी कंपनी है। साल 2010-14 में इसने बिक्री में 29.9% और मुनाफे में 18.3% की सालाना औसत वृद्धि (सीएजीआर) दर्ज की है। इसका मुनाफा 2013-14 में 19.2% गिरा था, लेकिन 2014-15 में 18.0% बढऩे का अनुमान है। इसके अगले साल मुनाफा बढऩे की दर 26.7% रह सकती है।
रैलिस इंडिया : लक्ष्य 302 रुपये
टाटा समूह की रैलिस इंडिया कृषि रसायनों की प्रमुख कंपनी है। इसने 2010-14 के दौरान बिक्री में 18.4% और मुनाफे में 10.6% की औसत वृद्धि (सीएजीआर) दर्ज की है। साल 2014-17 के दौरान इसकी बिक्री में 16.8% और मुनाफे में 21.6% की औसत वृद्धि (सीएजीआर) होगी। हमने 2015-16 और 2016-17 की औसत ईपीएस 12.6 रुपये के 24 पीई पर 18-24 महीनों के लिए 302 रुपये का लक्ष्य रखा है।
एक्साइड इंडस्ट्रीज : लक्ष्य 220 रुपये
एक्साइड भारत में बैटरी की सबसे बड़ी उत्पादक है। अनुमान है कि 2015-17 के दौरान लगभग 9 करोड़ वाहनों में बैटरियों की बिक्री होगी। साथ ही आने वाले समय में ओईएम क्षेत्र की माँग भी तेज होने की उम्मीद है। हमारा अनुमान है कि 2014-17 के दौरान इसकी बिक्री में लगभग 17% और मुनाफे में लगभग 30% की सालाना औसत दर (सीएजीआर) से वृद्धि होगी।
एसकेएफ इंडिया : लक्ष्य 1,448 रुपये
एसकेएफ इंडिया भारत में सबसे बड़ी बियरिंग उत्पादक कंपनी है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 28% है। ऑटो क्षेत्र की सुधरती स्थिति का इसे फायदा मिलने की उम्मीद है। हमारा अनुमान है कि कैलेंडर वर्ष 2013-16 के दौरान इसकी बिक्री में 13.4% की सालाना औसत दर (सीएजीआर) से वृद्धि होगी। इसका मार्जिन कैलेंडर वर्ष 2016 में 13.6% हो जाने की उम्मीद है, जो 2013 में 11.5% था।
महाराष्ट्र सीमलेस : लक्ष्य 430 रुपये
महाराष्ट्र सीमलेस भारत में सीमलेस और ईआरडब्लू पाइप बनाने वाली प्रमुख कंपनी है। यह तेल-गैस क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली ड्रिल-पाइपें भी बनाती है। सीमलेस पाइप एवं ट्यूब पर सेफगार्ड ड्यूटी लगने से कंपनी को फायदा होने की उम्मीद है। हमारा आकलन है कि आगे चल कर यह क्षमता इस्तेमाल को बढ़ा सकेगी और कीमतों में भी सुधार होगा। हमने 2015-16 की अनुमानित ईवी/एबिटा के 6 गुणे के आधार पर लंबी अवधि (18-24 महीने) के लिए इसका लक्ष्य 430 रुपये रखा है।
कानसाई नेरोलेक : लक्ष्य 2,396 रुपये
कानसाई नेरोलेक (केएनएल) भारत में सबसे बड़ी औद्योगिक पेंट कंपनी है। इसकी बाजार हिस्सेदारी औद्योगिक पेंट में 35% और पूरे पेंट बाजार में 14% है। ऑटो क्षेत्र से माँग बढऩे के कारण औद्योगिक पेंट की श्रेणी में फिर से मजबूती दिखने की उम्मीद है। यह शेयर इस समय एशियन पेंट्स की तुलना में सस्ते मूल्यांकन पर चल रहा है। आगे चल कर मूल्यांकन का यह फर्क घटने की उम्मीद है।
(निवेश मंथन, अक्टूबर 2014)