बीते कुछ समय से आईटी क्षेत्र के सिरमौर शेयर के रूप में अपना मुकुट टीसीएस के हाथों गँवा देने के बावजूद इन्फोसिस ने लंबी अवधि के निवेशकों को निराश नहीं किया है।
मई 2014 के निचले स्तर 2880 से करीब 3800 के मौजूदा स्तरों पर यह चंद महीनों में ही करीब 32% का लाभ दे चुका है। डॉ. विशाल सिक्का के हाथों में कंपनी की कमान जाने के बाद बाजार की नजर इस बात पर है कि वे कंपनी में किस तरह के बदलाव लाते हैं। फिलहाल बाजार डॉ. सिक्का के नेतृत्व पर भरोसा कर रहा है और उन्हें समय देना चाहता है। डॉ. सिक्का के आने से कंपनी में बीते कुछ समय से शीर्ष प्रबंधन को लेकर मचा गतिरोध और असमंजस खत्म हुआ है। इसलिए यह उम्मीद की जा सकती है कि डॉ. सिक्का के नेतृत्व में इन्फोसिस न केवल अपनी पुरानी रंगत में लौट सकेगी, बल्कि और भी निखर कर आयेगी। आने वाले समय में अगर बाजार के उतार-चढ़ाव में इन्फोसिस 3500-3600 के पास मिले तो वहाँ खरीदारी आकर्षक होगी। इसके लिए 4000, 4300, 4500 और फिर 4700 के लक्ष्य दिखते हैं। खास कर 3850 का स्तर निर्णायक ढंग से पार करने के बाद इसकी चाल तेज हो सकती है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज : गैस की कीमत तय होने का इंतजार
लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद बाजार में आये उत्साह के दौरान रिलायंस के शेयर में भी अच्छी तेजी बनी थी। चुनावी नतीजे के दिन ही 16 मई को इसने 1145 रुपये का ऊपरी स्तर छुआ, लेकिन इसके बाद ऊपरी स्तरों पर टिक नहीं पाया। बाजार ने शायद यह मान लिया था कि नयी सरकार आते ही तुरंत गैस की कीमतों पर फैसला करेगी और रिलायंस उस फैसले से फायदे में रहेगी। लेकिन सरकार ने राजनीतिक रूप से इस बेहद संवेदनशील मसले पर फूँक-फूँक कर कदम रखना बेहतर समझा है। साथ ही गैस की कीमतों का मामला अदालत में भी है। लेकिन आखिरकार गैस की कीमतों पर कुछ फैसला तो होगा ही। इसने 16 मई के बाद से लगातार कमजोरी का रुख दिखाया है। इसलिए जब तक यह वापस सँभलने का रुझान न दिखाये, तब तक नयी खरीदारी न करें। आने वाले दिनों में अगर यह 800-860 के आसपास के भावों पर मिले तो वह खरीदारी का आकर्षक स्तर होगा। भविष्य में 1050 के ऊपर निकलने के बाद 1100-1150 तक जाने में इसे शायद ज्यादा समय नहीं लगे। परिस्थितियाँ अनुकूल होने पर आने वाले समय में यह 1240 और 1300 की ओर बढ़ सकता है।
आईसीआईसीआई बैंक : सहारे के पास
निजी क्षेत्र के इस सबसे बड़े बैंक के लिए मौजूदा कारोबारी साल कुछ धीमा रह सकता है, लेकिन अगले साल अच्छी वृद्धि की संभावनाएँ रहेंगी। कोटक सिक्योरिटीज का अनुमान है कि इसकी ईपीएस 2014-15 में 8.9% और 2015-16 में 15.7% बढ़ेगी। जहाँ एचडीएफसी बैंक 2014-15 की अनुमानित आय पर 20.2 के पीई पर है, वहीं आईसीआईसीआई बैंक केवल 15.4 के पीई पर है। बुक वैल्यू पर तो आईसीआईसीआई बैंक का मूल्यांकन एचडीएफसी बैंक की तुलना में लगभग आधा है। सितंबर की शुरुआत में 1600 के ऊपर का भाव छूने के बाद यह शेयर कुछ नरम पड़ा है। इस समय यह 1400 के करीब आ गया है, जहाँ इसे सहारा मिल सकता है। लेकिन यह सहारा टूटने पर यह 1300 के आसपास फिसल सकता है। जब यह वापस सँभलने का रुझान दिखाने लगे तो इसे लंबी अवधि के लिए खरीदा जा सकता है।
एसबीआई : उचित मूल्यांकन पर
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के लिए बीता कारोबारी साल बुरा रहा था, जब इसकी ईपीएस 29.3% घट गयी थी। लेकिन कोटक सिक्योरिटीज का अनुमान है कि इसकी ईपीएस 2014-15 में 33.7% और अगले साल 16.6% बढ़ेगी। यह अभी उचित मूल्यांकन पर ही है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट के मुताबिक 2014-15 के अनुमानित आँकड़ों के आधार पर इसका पीई अनुपात 13.0 और मूल्य/बीवी अनुपात 1.9 का है। यह फरवरी 2014 में 1455 तक फिसलने के बाद मई 2014 में 2835 तक चढ़ा था। इस समय यह 2400 के आसपास है। इसके लिए 2300-2350 के बीच अच्छा सहारा है। हालाँकि इसके नीचे फिसलने पर यह 2150 तक जा सकता है। लेकिन बाजार में अगली बड़ी तेजी में यह 3000 और फिर 3500 की ओर बढ़ सकता है। इसलिए इसे निचले स्तरों पर खरीदते रहने की रणनीति अपनायी जा सकती है।
बैंक ऑफ इंडिया : सस्ता भाव
सरकारी बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया अभी सबसे सस्ते मूल्यांकन वाले शेयरों में है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट के अनुसार 2014-15 के अनुमानित आँकड़ों पर इसका पीई अनुपात 5.4 और मूल्य/बीवी अनुपात 0.8 है। कोटक के अनुसार तो इसका मूल्य/बीवी अनुपात केवल 0.6 का है। इसके डूबे कर्जों (एनपीए) और संपत्तियों की गुणवत्ता को लेकर बाजार चिंतित रहा है, लेकिन अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ इस मोर्चे पर बैंक को राहत मिलेगी। उस स्थिति में यह बेहद सस्ते मूल्यांकन से सामान्य मूल्यांकन की ओर लौटेगा। यदि यह शेयर 200-225 के आसपास तक फिसले तो वह निचले भावों पर इसे खरीदने का अच्छा मौका होगा। हालाँकि यहाँ जोखिम यह है कि इस दायरे से नीचे फिसलने पर यह फरवरी 2014 के निचले स्तर 165 की ओर फिसल सकता है। लेकिन इसे निचले भावों पर खरीदते रहने की रणनीति अच्छा मुनाफा दे सकती है।
एसीसी : अर्थव्यवस्था में सुधार का मिलेगा सीधा फायदा
सीमेंट क्षेत्र उन चुनिंदा क्षेत्रों में से है, जिन्हें आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था में होने वाले सुधार का सीधा-सीधा फायदा मिलेगा। यानी अर्थव्यवस्था में संभावित सुधार का फायदा उठाना हो तो इस क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों को निवेश के लिए चुना जा सकता है। लेकिन इस क्षेत्र के शेयरों की समस्या यह है कि बाजार में उत्साह के कारण इनके शेयर भाव काफी ऊँचे मूल्यांकन पर चले गये। इस क्षेत्र की एक प्रमुख कंपनी एसीसी का शेयर जनवरी 2014 के निचले स्तर 970 से उछल कर सितंबर 2014 के पहले हफ्ते में 1565 तक चढ़ा। कोटक सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के मुताबिक 1392 के भाव पर यह शेयर 2014-15 की अनुमानित आय के हिसाब से 28.6 के पीई पर है, जो एक सीमेंट कंपनी के लिए काफी ऊँचा कहा जा सकता है। लेकिन इस शेयर पर निगाह जमाये रखें। बाजार के उतार-चढ़ाव में जब इसका भाव कुछ नीचे आये तो इसे खरीदा जा सकता है। अगर यह करीब 1250 के स्तर तक लौटता है, तो वहाँ खरीदारी करना बेहतर होगा। आने वाले वर्षों में 1650, 1850 और फिर करीब 2100 के लक्ष्य मिल सकते हैं।
एलऐंडटी : बढ़ी है नये ठेके मिलने की रफ्तार
दिग्गज इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) भी अर्थव्यवस्था में आने वाले सकारात्मक बदलाव से सबसे ज्यादा फायदा उठाने वाली कंपनियों में शामिल होगी। हाल में इसे लगातार नये ठेके मिलने की खबरें मिलती रही हैं, जो इसके कारोबारी चक्र में सुधार का संकेत है। इन नये ठेकों का कंपनी की आमदनी पर असर 2014-15 की दूसरी छमाही से दिखना शुरू होने की उम्मीद है। हालाँकि पिछले साल अगस्त से आयी भारी तेजी के बाद इसका शेयर हाल में मुनाफावसूली के दबाव में कुछ नीचे आया है। जून 2014 में यह 1777 तक चढ़ा था, जिसके बाद यह फिसल कर इस समय 1400 के कुछ ऊपर है। इसके लिए करीब 1350 पर अच्छा सहारा है, लिहाजा वहाँ कुछ खरीदारी की जा सकती है। लेकिन अगर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच यह इस सहारे को तोड़ दे तो आगे करीब 1225 और 1100 की ओर भी फिसलने की आशंका रहेगी। लेकिन ये निचले स्तर आपको मिल ही जायेंगे, यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता। इसलिए निचले स्तरों पर खरीदारी करते रहना अच्छा होगा। इसे अपने पोर्टफोलिओ में अगले कई सालों के लिए बनाये रखा जा सकता है।
भारती एयरटेल : प्रतिस्पर्धा की आहट
हमने रिलायंस इंडस्ट्रीज को निचले भावों पर खरीदने की बात की है। इसके साथ ही भारती एयरटेल का शेयर पोर्टफोलिओ में रखने पर टेलीकॉम क्षेत्र के संभावित विकास को निवेशक अपनी झोली में डाल सकेंगे। यदि रिलायंस ने टेलीकॉम में बाजार के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लिया तो उसका फायदा रिलायंस के शेयर भाव पर दिखेगा। लेकिन यदि रिलायंस ने भारती एयरटेल जैसे मौजूदा दिग्गज को गंभीर चुनौती नहीं दी, तो संभावित प्रतिस्पर्धा के दबाव से मुक्त होने का फायदा भारती के शेयर में नजर आयेगा। इस साल फरवरी से भारती का शेयर मजबूती दिखा रहा है। फरवरी 2014 के निचले स्तर 282 से चढ़ कर यह शेयर सितंबर 2014 में 420 रुपये के ऊपरी स्तर पर पहुँचा। हालाँकि उस स्तर पर बाधा पा कर यह शेयर पलटा है। लिहाजा 400 रुपये के नीचे फिसलने पर यह लगभग 370 तक गिर सकता है, जो खरीदारी के लिए अच्छा स्तर होगा।
मारुति सुजुकी : शानदार चाल
एक अरसे बाद कार कंपनियों की बिक्री ने फिर से पाँचवे गियर में रफ्तार पकड़ी है। कोटक सिक्योरिटीज का अनुमान है कि कंपनी की ईपीएस 2014-15 में 23.4% और अगले साल 60.1% की दर से बढ़ेगी। हाल के महीनों में मारुति का शेयर भाव एकदम खड़ी चढ़ाई के साथ ऊपर आया है। अगस्त 2013 में यह 1215 रुपये की तलहटी पर था, जहाँ से लगातार चढ़ते हुए यह 23 सितंबर 2014 को 3112 रुपये के ऊपरी स्तर पर नजर आया। अभी यह 3000 के कुछ ऊपर-नीचे चल रहा है। अगर बाजार के उतार-चढ़ाव में इसमें कुछ मुनाफावसूली उभरे तो खरीदारी के लिए उस मौके का फायदा उठाना चाहिए। हालाँकि इसमें टाटा मोटर्स जैसी ही कहानी दोहराने की भी संभावना हो सकती है, जिसमें यह शेयर आने वाले कुछ समय तक कोई गंभीर गिरावट देखे ही नहीं। इसलिए थोड़ी-थोड़ी नरमी पर भी इस शेयर को जमा करते रहना बेहतर होगा।
हीरो मोटोकॉर्प : लौटी है रौनक
दोपहिया बाजार में रौनक लौटने का सबसे अच्छा फायदा उठाने की स्थिति में हीरो मोटोकॉर्प दिख रही है। त्यौहारी मौसम में कंपनी की बिक्री में जोरदार वृद्धि होने की उम्मीदों के बीच दूसरी तिमाही मे कंपनी के नतीजे काफी अच्छे रहने की उम्मीदें हैं। वैसे तो दोपहिया बाजार की तेजी का फायदा उठाने के लिए बजाज ऑटो भी एक मजबूत दावेदार है, लेकिन अभी हीरो मोटोकॉर्प तुलनात्मक रूप से बेहतर नजर आ रहा है। कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक 2014-15 में हीरो मोटोकॉर्प की ईपीएस 27.7% और बजाज ऑटो की केवल 7.8% बढऩे की संभावना है। अगले साल भी हीरो मोटोकॉर्प की ईपीएस 40.5% और बजाज ऑटो की केवल 15.8% बढऩे का अनुमान है। इसलिए अभी बजाज ऑटो की तुलना में हीरो मोटोकॉर्प को निवेश के लिए बेहतर माना जा सकता है। हीरो मोटोकॉर्प आने वाले महीनों में 4000 के बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ सकता है।
(निवेश मंथन, अक्टूबर 2014)