दिल्ली में अपना घर होने का सपना देख रहे लोगों के लिए खुशखबरी है।
दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अपनी आवासीय योजना 2014 पेश कर दी है। इस योजना के तहत अलग-अलग श्रेणी के कुल 25,034 फ्लैट होंगे। इनमें वन-बीएचके के 22,626 फ्लैट सामान्य श्रेणी के लोगों के लिए और 700 ईडब्लूएस (आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग) को मिलेंगे। इस नीलामी में 800 पुराने फ्लैट भी शामिल हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल और डीडीए के अध्यक्ष नजीब जंग की अध्यक्षता में हुई डीडीए बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया।
साथ ही दिल्ली के निवासियों को आवास योजना 2014 में 80% फ्लैट आरक्षित किये जाने के मामले में डीडीए बोर्ड ने अपने पूर्व के निर्णय को बदल दिया है। डीडीए बोर्ड ने आवास योजना को स्वीकृति देने से पहले स्पष्ट किया कि दिल्ली लघु भारत है, यहाँ आवास योजना में 80% का आरक्षण नहीं दिया जा सकता। इसलिए इस आवास योजना में कोई आरक्षण नहीं होगा।
लेकिन बोर्ड ने पाँच साल तक फ्लैट नहीं बेच पाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इसके कारण जिन लोगों को फ्लैट मिलेगा, वे पाँच साल तक इसे नहीं बेच सकेंगे। आवेदन पत्र 1 सितंबर 2014 से 9 अक्टूबर 2014 तक मिलेंगे और ड्रॉ क्लोजर डेट (यानी फॉर्म बिकने की आखिरी तारीख) के 20 दिनों बाद निकाला जायेगा। डीडीए ने इस नीलामी से जुड़े फॉर्म को बेचने का अधिकार 13 बैंकों को दिया है। जसोला और वसंत विहार में पुराने फ्लैट हैं, जिन्हें डीडीए मरम्मत के बाद देगा। इनकी संख्या 811 हैं। सबसे ज्यादा 10,875 फ्लैट रोहिणी के सेक्टर 34 और 35 में होंगे। इसके बाद नरेला में सबसे ज्यादा 6,422 फ्लैट होंगे। इसके अलावा द्वारका, सिरसपुर और रोहिणी सेक्टर 4 में भी फ्लैट होंगे।
इस बार ईडब्लूएस के लिए बड़ी संख्या में फ्लैट हैं। ईडब्लूएस फ्लैट के लिए 1.5 लाख रुपये तक का सालाना आय प्रमाण-पत्र देना होगा। डीडीए ने ईडब्लूएस फैल्टों की कीमत 6.7 लाख रुपये से 11 लाख के बीच रखी है, जबकि बीएचके फ्लैट्स की कीमत 14.9 लाख रुपये से लेकर 22 लाख रुपये के बीच रखी गयी है।
डीएलएफ को 630 करोड़ रुपये जुर्माना
रियल एस्टेट क्षेत्र की दिग्गज कंपनी डीएलएफ को जोरदार झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के निर्णय के खिलाफ डीएलएफ की ओर दायर की गयी याचिका को खारिज कर दिया है। उच्चतम न्यायालय ने डीएलएफ को तीन महीने की भीतर 630 करोड़ रुपये का जुर्माना जमा कराने का आदेश दिया है। इसके अलावा उच्चतम न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि डीएलएफ तीन हफ्ते के भीतर 50 करोड़ रुपये जमा करे।
साल 2011 में सीसीआई ने डीएलएफ को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया था। तब सीसीआई ने डीएलएफ पर 630 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। डीएलएफ पर फ्लैट की बिक्री में दबदबे के गलत इस्तेमाल का आरोप लगाया गया था। साथ ही डीएलएफ पर प्रोजेक्ट में देरी और बिना मंजूरी फ्लोर बढ़ाने का भी आरोप था।
वृंदावन में ‘कृष्णभूमि’ परियोजना की पेशकश
इन्फिनिटी ग्रुप ने वृंदावन में ‘कृष्णभूमि’ परियोजना की शुरुआत की है। ‘कृष्णभूमि’ परियोजना वृंदावन चंद्रोदय मंदिर के ठीक पास में 40 एकड़ क्षेत्रफल में बनेगी। कृष्णभूमि में ‘श्याम कुटीर, केशव कुटीर और गोपाल कुटीर’ जैसे लक्जरी विला होंगे, वहीं दूसरी ओर यहाँ स्टूडियो से लेकर 3 बेडरूम बनाये जायेंगे। यहाँ बुजुर्गों एवं विकलांगों के लिए विशेष सेवाएँ उपलब्ध करायी जायेंगी। इसके अलावा एक नैदानिक केंद्र एवं फार्मेसी की सुविधाएँ भी होंगी। यहाँ अत्याधुनिक आर्ट क्लब, स्विमिंग पूल, इन्डोर एवं आउटडोर गेम्स, जिम्नेजियम, बेहतरीन स्पा, आयुर्वेदिक वेलनेस सेंटर एवं एक फूड कोर्ट भी होगा। इसके अलावा दर्शनार्थियों के लिए मुफ्त बस सेवा और पार्किंग के लिए स्थान भी है। ‘कृष्णभूमि’ के प्रथम चरण में गोवर्धन वास को बुकिंग के लिए खोला गया है। गोवर्धन वास में 11 टावर होंगे। इसमें हर तरह के अपार्टमेन्ट होंगे, यहाँ से चंद्रोदय मंदिर का परिसर दिखायी देगा।
इन्फिनिटी ग्रुप के सीएमडी रविन्द्र चमारिया का कहना है कि ‘कृष्णभूमि हमारे लिए केवल एक महत्वाकांक्षी परियोजना ही नहीं है, यह हमारे लिए इस प्रतिष्ठित विकास कार्य का हिस्सा बनने का गौरवशाली अवसर है। हमें उम्मीद है कि इसके साथ हम वृंदावन की पवित्र भूमि को दुनिया के नक्शे पर सशक्त बनाने में कामयाब होंगे। आने वाले समय में यह एक ऐसा गंतव्य बन जायेगा जिसे देखने दुनिया भर से पर्यटक आयेंगे। इसकी योजना में हर छोटे से छोटे पहलू को ध्यान में रखा गया है जैसे इसे बुजुर्ग़ों के लिए अनुकूल बनाना, नैदानिक एवं डे केयर सेंटर, डॉक्टर का नियमित विजिट, स्वास्थ्य जाँच की सुविधाएँ आदि। हम कृष्णभूमि के माध्यम से लोगों के जीवन को समृद्ध बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगे।'
(निवेश मंथन, सितंबर 2014)