2014-15 की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज की एबिटा आय (सालाना +6%, तिमाही-दर-तिमाही-10%) मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) के अनुमानों से हल्की रही।
कंपनी का पेट्रोकेमिकल . मार्जिन घटा, लेकिन सकल रिफाइनिंग मार्जिन (जीआरएम) 8.5 डॉलर के अनुमान की तुलना में 8.7 डॉलर प्रति बैरल रहा। इसके तिमाही मुनाफे को एमओएसएल ने अपने अनुमानों से बेहतर माना है। मूल्यह्रास (डेप्रिशिएशन) और ब्याज लागत कम रहने के चलते मुनाफे में सुधार दिखा। खुदरा (रिटेल) कारोबार में बिक्री और मार्जिन में अच्छी बढ़त आयी है।
ओएनजीसी, सब्सिडी बोझ में राहत, उत्पादन लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद :
पिछली तिमाही से कंपनी के मुनाफे में 2.2% कमी आयी है। इसके खर्च बढ़े हैं। सूखे कुओं के चलते 3,830 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले गये हैं। सब्सिडी घटने और सकल प्राप्तियाँ (ग्रॉस रियलाइजेशन) ऊँचा रहने से कच्चे तेल पर तिमाही शुद्ध प्राप्ति सालाना आधार पर 17% और पिछली तिमाही से 44% ज्यादा रही है। तिमाही घरेलू उत्पादन सपाट रहा, जबकि ओएनजीसी विदेश (ओवीएल) का उत्पादन सालाना 6.6% बढ़ा। नयी घरेलू परियोजना में उत्पादन शुरू होने के आधार पर केआर चोकसी सिक्योरिटीज का मानना है कि कंपनी 2014-15 में उत्पादन का लक्ष्य को हासिल कर लेगी।
इंडियन ऑयल, विदेशी मुद्रा लाभ से चमका तिमाही मुनाफा :
पहली तिमाही में इंडियन ऑयल का मुनाफा आईसीआईसीआई डायरेक्ट के 978.9 करोड़ रुपये के अनुमान से काफी ऊपर रहा। हालाँकि इसमें ऊँची अन्य आय और विदेशी मुद्रा लाभ असामान्य आय का बड़ा योगदान रहा है। आमदनी, जीआरएम और बिक्री की मात्रा, तीनों ही आईसीआईसीआई डायरेक्ट के अनुमानों से कम रही हैं। तेल मार्केटिंग कंपनियों को हर महीने डीजल की कीमतें 50 पैसे प्रति लीटर बढ़ाने की अनुमति देने के सरकारी फैसले की वजह से डीजल की खुदरा बिक्री पर घाटा जनवरी के 8 रुपये प्रति लीटर से कम हो कर अब केवल 1.3 रुपये प्रति लीटर रह गया है।
एलऐंडटी, एकमुश्त आय ने सँवार दी मुनाफे की सूरत :
शेयर खान ने लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) के तिमाही नतीजों को जरा नरम बताया है। इसके बुनियादी ढाँचा कारोबार का प्रदर्शन अच्छा रहा, लेकिन बिजली, मेटलर्जी और भारी इंजीनियरिंग के मुनाफे पर दबाव रहा। वहीं कंसोलिडेटेड स्तर पर हाइड्रोकार्बन कारोबार ने पीबीआईटी स्तर पर 942 करोड़ रुपये का घाटा दिया है। इसका कंसोलिडेटेड मुनाफा 967 करोड़ रुपये का रहा, लेकिन इसमें धामरा बंदरगाह की संपत्ति बिक्री से 1,150 करोड़ रुपये की एकमुश्त आय का योगदान शामिल है।
बीएचईएल, कायम रहा तिमाही नतीजों से निराशा का सिलसिला :
बीती तिमाही में बीएचईएल ने एक बार फिर अपने नतीजों से बाजार को निराश कर दिया। आईसीआईसीआई डायरेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार इसकी तिमाही आमदनी 5,807 करोड़ रुपये के अनुमान की तुलना में केवल 5,154 करोड़ रुपये रही। इसके बिजली कारोबार की तिमाही आमदनी साल-दर-साल 23% घट कर 4,144 करोड़ रुपये रह गयी। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2014-15 की दूसरी छमाही कंपनी के लिए नये ठेकों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होगी।
मारुति सुजुकी, ज्यादा गाडिय़ाँ बिकने से मुनाफे ने पकड़ी चाल:
मारुति सुजुकी के पहली तिमाही के नतीजों को रेलिगेयर कैपिटल ने अपने अनुमानों से बेहतर माना है। इसका तिमाही एबिटा मार्जिन 11.4% से सुधर कर 11.7% हो गया। गाडिय़ों की तिमाही बिक्री की संख्या 12.8% बढऩे के साथ-साथ रुपये की विनिमय दर अनुकूल रहने से भी इसके मार्जिन पर सकारात्मक असर पड़ा। रेलिगेयर को उम्मीद है कि मारुति की गाडिय़ों की बिक्री में वृद्धि दर 2014-15 में 12%, 2015-16 में 15% और 2016-17 के दौरान भी 15% बनी रहेगी।
टीसीएस, नतीजे अनुमानों से बेहतर, पर मार्जिन में कमी :
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के तिमाही नतीजों में आमदनी और मुनाफा, दोनों को एंजेल ब्रोकिंग ने अनुमानों से बेहतर माना है, हालाँकि एबिट मार्जिन थोड़ा कमजोर रहा। एबिट मार्जिन पिछली तिमाही से 2.86% अंक घट कर 26.3% रहा, जबकि अनुमान 27.1% रहने का था। कंपनी प्रबंधन ने कहा है कि साल 2014-15 पिछले कारोबारी साल से बेहतर रहने की उम्मीद है। एंजेल ब्रोकिंग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2014-16 के वित्त वर्षों के दौरान टीसीएस की आमदनी डॉलर में 14.6% और रुपये में 14.4% सालाना औसत (सीएजीआर) की दर से बढऩे की उम्मीद है।
इन्फोसिस, मार्जिन में सुधार की संभावना, नये नेतृत्व से उम्मीदें :
पहली तिमाही में इन्फोसिस के नतीजों को प्रभुदास लीलाधर ने मिला-जुला बताया, हालाँकि इस शेयर के लिए आक्रामक लक्ष्य रखते हुए खरीदने की सलाह दी है। इसका कहना है कि डॉ. विशाल सिक्का के नेतृत्व में इन्फोसिस नये रणनीतिक प्रयास कर सकती है। कंपनी प्रबंधन ने 2014-15 में मार्जिन सपाट रहने का अनुमान जताया है, हालाँकि प्रभुदास लीलाधर के मुताबिक लागत नियंत्रण से इसके मार्जिन में सुधार आयेगा। प्रभुदास लीलाधर ने इन्फोसिस के लिए 4,040 रुपये का लक्ष्य दिया है, जो 2015-16 की अनुमानित आय के 17 पीई के आधार पर है।
पावरग्रिड कॉर्पोरेशन, तिमाही मुनाफे पर एकमुश्त भुगतानों का असर :
कंपनी के तिमाही नतीजों को रेलिगेयर कैपिटल ने अनुमानों से पीछे बताया, पर कैपिटलाइजेशन और नयी लाइनों के चालू होने के रुझान को रेलिगेयर ने असरदार माना है। बाढ़-गोरखपुर, रायगढ़-चंपा और बालीपाड़ा -बोंगाईगाँव लाइनों के चालू होने से इस वर्ष कैपिटलाइजेशन में और मदद मिलेगी। कंपनी ने 12वीं योजना के शेष वर्षों में पूँजीगत खर्च की योजना को पहले जितना ही बनाये रखा है। बीती तिमाही में बिहार सरकार को विवाद निपटारे के लिए 50 करोड़ रुपये के भुगतान और टेलीकॉम कारोबार में 17 करोड़ रुपये के प्रावधान के चलते मुनाफे पर एकमुश्त असर पड़ा।
एनटीपीसी, क्षमता विस्तार और बिजली क्षेत्र के सुधारों पर नजर :
बीती तिमाही में उत्पादन में 3.9% वृद्धि और बिजली दर में 20.2% वृद्धि दर्ज की गयी। इसके कोयला संयंत्रों का पीएलएफ 86.9% से सुधर कर 88.7% हो गया। लेकिन बढ़ी हुई क्षमता के कारण ऊँची नियत लागत (फिक्स्ड कॉस्ट) और मूल्यह्रास (डेप्रि-सिएशन) ने मुनाफा बढऩे की दर को धीमा कर दिया। आईसी-आईसीआई डायरेक्ट का कहना है कि स्थिर एनडीए सरकार की ओर से बिजली क्षेत्र में मजबूत सुधारों की उम्मीद है, जिससे इस क्षेत्र से जुड़ी चिंताएँ दूर होंगी।
सन फार्मा, तिमाही नतीजे कुछ हल्के, शेयर भाव में बढ़त सीमित :
कंपनी की तिमाही आमदनी को इंडिया इन्फोलाइन (आईआईएफएल) ने अपने अनुमानों से थोड़ा नीचे बताया है। आईआईएफएल का मानना है कि इसके घरेलू कारोबार की गति अच्छी रहने, रैनबैक्सी के साथ विलय के चलते बनने वाले तालमेल और अमेरिका में नयी दवाओं के बाजार में आने से कंपनी के कारोबार में मजबूती रहेगी। हालाँकि इसका मूल्यांकन 2015-16 की अनुमानित आय के 23.5 पीई पर होने के मद्देनजर शेयर भाव में बढ़त की उम्मीदें सीमित हैं।
ल्युपिन, अनुमानों से काफी बेहतर नतीजे, मार्जिन और बढऩे की उम्मीद :
अमेरिका और भारत, दोनों देशों में कंपनी का कारोबार बाजार अनुमानों की तुलना में काफी तेज रहने से इसकी आमदनी और मुनाफे दोनों में शानदार बढ़त दर्ज हुई। इसका तिमाही मुनाफा आईसीआईसीआई डायरेक्ट के 452.8 करोड़ रुपये के अनुमान की तुलना में 629.6 करोड़ रुपये रहा। तिमाही एबिटा मार्जिन 9.60% अंक की छलांग के साथ 33.4% हो गया। ब्रोकिंग फर्म ने अपनी रिपोर्ट में कंपनी को ज्यादा मूल्यांकन देते हुए इसका लक्ष्य भाव बढ़ाया है, लेकिन रखे रहने (होल्ड) की सलाह दी है।
एसबीआई, नये डूबे कर्जों में वृद्धि, कामकाजी स्थिरता लौटने के संकेत :
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के तिमाही नतीजों पर शेयरखान ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ऊँचे प्रावधानों की वजह से इसका मुनाफे में धीमी बढ़त दर्ज हुई, हालाँकि कामकाजी स्तर पर प्रदर्शन स्थिर रहा। बैंक के ताजा डूबे कर्जों (एनपीए) में पिछली तिमाही से 9,932 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। ऋण पुनर्गठन ठीक पिछली तिमाही के ७,६३६ करोड़ रुपये से काफी घट कर बीती तिमाही में केवल 3,600 करोड़ रुपये पर आ गया। शेयरखान का आकलन है कि 2014-16 के वित्त-वर्षों के दौरान बैंक की आय में सालाना औसतन 25% वृद्धि होगी।
पीएनबी, एनआईआई में सुधार और कम प्रावधानों से चमका मुनाफा :
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के तिमाही नतीजे बाजार अनुमानों से बेहतर रहे। शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) ऊँची रहने और कम प्रावधानों से सकारात्मक असर दिखा। प्रभुदास लीलाधर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि संपत्तियों की गुणवत्ता स्थिर रही। इसका कहना है कि एनपीए के पुनर्गठन से संबंधित जोखिम के बावजूद पहली तिमाही में संपत्तियों की गुणवत्ता से संकेत मिलता है कि इसका सबसे बुरा दौर बीत चुका है। हालाँकि प्रभुदास लीलाधर की राय है कि इसकी संपत्तियों की गुणवत्ता पर लगातार नजर रखने की जरूरत है, क्योंकि समकक्ष बैंक शेयरों में यह सबसे कमजोर लगता है।
आईसीआईसीआई बैंक, एनपीए का दबाव जारी, खुदरा ऋणों पर जोर :
आईसीआईसीआई बैंक ने बीती तिमाही में जारी खुदरा ऋणों में 26.4% की अच्छी बढ़त के साथ कुल ऋणों में १५% की स्वस्थ बढ़त दर्ज की। एनआईआई अनुमानों के मुताबिक ही रहने के बावजूद ऊँची अन्य आय की वजह से मुनाफा अनुमानों से बेहतर रहा। डूबे कर्जों (एनपीए) का स्तर ऊँचा बना रहा। इसका सकल एनपीए ठीक पिछली तिमाही के 3.0% की तुलना में इस बार 3.1% रहा। वहीं शुद्ध एनपीए 1.0% के स्तर पर बना रहा। रेलिगेयर ने 1,850 का लक्ष्य भाव रखा है, जो 2015-16 की अनुमानित ईपीएस (समायोजित) के 10.1 पीई के आधार पर है।
जेपी एसोसिएट्स, कमजोर कारोबार के बीच आय के अनुमानों में कटौती :
जयप्रकाश एसोसिएट्स के मुख्य कारोबार के प्रदर्शन को मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) ने अपने अनुमानों से 14% कमजोर बताया है। टैक्स राइट बैक के चलते इसके मुनाफे (घाटे) पर 121.1 करोड़ रुपये का सकारात्मक असर पड़ा। हालाँकि इसके बाद भी कंपनी ने 80.6 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है। एमओएसएल ने 2014-15 में कंपनी की आय के अनुमानों को 14% घटाया है। इसका आकलन है कि कंपनी इस साल 289 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल कर सकेगी।
यस बैंक, ऋणों में अच्छी बढ़त, मार्जिन बना रहा स्थिर :
बीती तिमाही में बैंक के ऋणों में 23.2% और जमा में 16.7% की वृद्धि हुई है। ऋणों में अच्छी बढ़त से इसकी तिमाही शुद्ध ब्याज आय 13.1% बढ़ी है। इसका एनआईएम 3% के स्तर पर सपाट रहा। इसके स्लिपेज यानी डूबे कर्ज (एनपीए) में बदले ऋणों की मात्रा पिछली तिमाही के 48.1 करोड़ रुपये से बढ़ कर 115 करोड़ रुपये हो गयी। हालाँकि डूबे कर्ज के प्रतिशत के लिहाज से यस बैंक को एंजेल ब्रोकिंग ने सर्वोत्तम बैंकों की कतार में माना है। इसका सकल एनपीए 0.33% और शुद्ध एनपीए मात्र 0.07% है।
एचडीएफसी बैंक, मुनाफे में बढ़त धीमी पड़ी, लेकिन भविष्य को लेकर भरोसा :
एचडीएफसी बैंक के तिमाही मुनाफे को अनुमान से थोड़ा कमजोर बताते हुए भी प्रभुदास लीलाधर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बैंक की आय वृद्धि को लेकर ज्यादा जोखिम नहीं है। बीती तिमाही में अन्य आय कमजोर रहने और ऊँची क्रेडिट लागत की वजह से मुनाफे में 26% के अनुमान की तुलना में 21% की ही वृद्धि दर्ज हुई। हालाँकि शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) बढ़ कर 4.45% हो जाने से शुद्ध ब्याज आय में वृद्धि अच्छी रही। सकल एनपीए और शुद्ध एनपीए पिछली तिमाही की तुलना में स्थिर रहे।
(निवेश मंथन, सितंबर 2014)