कारोबारी साल 2014-15 की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2014 के नतीजों ने यह साल पहले से बेहतर होने का भरोसा बढ़ाया है।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज (एमओएसएल) ने इन नतीजों का विश्लेषण करते हुए अपनी रिपोर्ट में इसे मजबूत वृद्धि वाली तिमाही बताया है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने भी कहा है कि पिछले कारोबारी साल की सुस्त चौथी तिमाही के बाद इस तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों की आय वृद्धि ने रफ्तार पकड़ी है। हालाँकि कोटक सिक्योरिटीज का कहना है कि यह तिमाही अच्छी रही है, पर शानदार नहीं।
इन तिमाही नतीजों पर जारी रिपोर्ट में एमओएसएल ने बताया है कि 2014-15 की पहली तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों की सकल बिक्री 15% बढ़ी है, जबकि अनुमान 14% वृद्धि का था। इससे पहले 2013-14 की चौथी तिमाही में इसमें 12% की वृद्धि हुई थी।
इनकी एबिटा आय में इस बार 18% वृद्धि दर्ज की गयी है, जबकि पिछली तिमाही में 12% की हल्की बढ़त हुई थी। वहीं इनका मुनाफा 19% बढ़ा है, जबकि अनुमान 20% बढ़त का था। पिछली तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों का मुनाफा 11% बढ़ा था। इस तिमाही में सेंसेक्स की नौ कंपनियों ने अनुमानों से बेहतर मुनाफा दिखाया, 10 कंपनियों का मुनाफा अनुमान से कमजोर रहा, जबकि 11 कंपनियों ने अनुमान के मुताबिक ही मुनाफा दर्ज किया।
सेंसेक्स कंपनियों में टाटा मोटर्स ने मुनाफे में सबसे तेज 191% वृद्धि हासिल की। इसके बाद टाटा पावर (131%), सेसा स्टरलाइट (124%), डॉ. रेड्डीज (68%) और भारती एयरटेल (61%) का स्थान रहा। दिग्गजों में ल्युपिन, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, ऑयल इंडिया, अंबुजा सीमेंट्स, आइडिया सेलुलर, एचयूएल और जेएसडब्लू स्टील ने भी अनुमानों से बेहतर प्रदर्शन किया।
दूसरी ओर बीएचईएल की आय में सबसे ज्यादा 58% की गिरावट आयी। जिन अन्य दिग्गज कंपनियों की आय घटी, उनमें टाटा स्टील (-47%), सिप्ला (-38%), गेल (-23%) और एनटीपीसी (-11%) प्रमुख हैं। इसके अलावा जिन और दिग्गजों ने सबसे ज्यादा निराश किया, उनमें जेएसपीएल, हीरो मोटोकॉर्प, बजाज ऑटो, हिंदुस्तान जिंक, डाबर, कोल इंडिया और सेसा स्टरलाइट शामिल हैं।
क्षेत्रवार निगाह डालें तो ऑटो कंपनियों के लिए बीती तिमाही शानदार रही है। एमओएसएल की रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र की बिक्री में 26% की बढ़त दर्ज हुई, जबकि मुनाफा 80% उछल गया। टेलीकॉम क्षेत्र के मुनाफे में अच्छा सुधार हुआ और यह 48% बढ़त दर्ज करने में सफल रहा।
आईटी क्षेत्र की बिक्री में 18% और मुनाफे में 25% की मजबूती आयी। दूसरी ओर कैपिटल गुड्स के आँकड़े अब भी फिसड्डी ही रहे। इस क्षेत्र की बिक्री में 1% की कमी आयी, जबकि मुनाफा 13% घट गया। इन तिमाही नतीजों को देखते हुए एमओएसएल ने साल 2015-16 के लिए सेंसेक्स की प्रति शेयर आय (ईपीएस) के अपने अनुमानों को 1% बढ़ा कर 1,854 रुपये कर दिया है। इसे उम्मीद है कि 2015-16 में सेंसेक्स ईपीएस 2014-15 की तुलना में 21% बढ़ेगी। साल 2014-15 में सेंसेक्स ईपीएस 14.2% बढ़ कर 1,532 रुपये रहने का अनुमान है। इससे पहले 2013-14 में सेंसेक्स ईपीएस 13.4% बढ़ कर 1341 रुपये रही थी।
साल 2008-09 से 2012-13 तक तकरीबन हर साल सेंसेक्स ईपीएस में नकारात्मक या धीमी बढ़त दर्ज हुई थी। यह 2008-09 में 1.6% घटी थी, जबकि 2009-10 में महज 1.7% बढ़ पायी थी। इसके बाद 2010-11 में जरूर 22.8% की चमकदार वृद्धि हुई, लेकिन यह चमक टिकी नहीं। अगले साल 2011-12 में वृद्धि दर फिर से घट कर 9.7% और 2012-13 में केवल 5.3% पर आ गयी। इन आँकड़ों से जाहिर है कि अब सेंसेक्स ईपीएस फिर से तेज वृद्धि पर पथ पर लौटी है। दरअसल 2015-16 में 21% वृद्धि के बाद अगले साल 2016-17 में भी 19.3% वृद्धि का अनुमान है।
(निवेश मंथन, सितंबर 2014)