यह दिलचस्प है कि बीते एक वर्ष में सबसे ज्यादा लाभ देने वाली अधिकतर योजनाएँ छोटे-मँझोले शेयरों की हैं।
यह स्वाभाविक भी है, क्योंकि बीते एक वर्ष में (8 अगस्त 2014 को) निफ्टी की 35.99% बढ़त की तुलना में बीएसई मिडकैप ने 65.69% और सीएनएक्स मिडकैप ने 58.33% की बढ़त दर्ज की है। दरअसल छोटे-मँझोले शेयरों की श्रेणी की म्यूचुअल फंड योजनाओं का औसत लाभ बीते एक वर्ष में 76.29% रहा है। यह प्रदर्शन 8 अगस्त 2014 की एनएवी पर पिछले एक वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर है।
इस लिहाज से कहा जा सकता है कि म्यूचुअल फंडों ने कम-से-कम पिछले एक वर्ष में बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है। यह बात केवल छोटे-मँझोले शेयरों वाली योजनाओं के लिए ही नहीं, बल्कि दिग्गज शेयरों की श्रेणी में भी सच है। दिग्गज शेयरों के म्यूचुअल फंडों की श्रेणी का एक साल का औसत लाभ 42.67% है, जो निफ्टी के 35.99% से बेहतर है। इसके बाद यह दिखता है कि बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर) से संबंधित योजनाओं ने बाजार से बेहतर प्रदर्शन किया है। बुनियादी ढाँचा श्रेणी की योजनाओं का एक साल औसत लाभ ही 72% है।
बीते एक वर्ष में सबसे ज्यादा कमाऊ योजना रही है रिलायंस स्मॉलकैप फंड ग्रोथ। इसने साल भर में 117.8% फायदा दिया है। पिछले तीन वर्षों के प्रदर्शन के आधार पर भी इसे नियमित रूप से अच्छा प्रदर्शन करने वाली योजनाओं में गिना जा सकता है। इसने पिछले तीन वर्षों में 26.60% का औसत सालाना लाभ दिया है।
एक साल के लाभ में दूसरा स्थान है यूटीआई ट्रांसपोर्टेशन ऐंड लॉजिस्टिक्स फंड ग्रोथ का, जिसने 115.1% लाभ दिया है। नियमित अच्छे प्रदर्शन के लिहाज से इसे रिलायंस स्मॉलकैप से भी बेहतर कहा जा सकता है, क्योंकि इसका सालाना औसत लाभ तीन वर्षों में 33.74% और पाँच वर्षों में 29.28% है। एचएसबीसी मिडकैप इक्विटी फंड ग्रोथ ने एक साल में 114.8% लाभ दिया है। इस लिहाज से यह यूटीआई ट्रांसपोर्टेशन के काफी करीब है।
मगर तीन साल और पाँच साल के प्रदर्शन में यह कुछ सुस्त रह गयी है। इस योजना का सालाना औसत लाभ तीन साल में 17.9% और पाँच साल में 12.2% है। बिड़ला सनलाइफ प्योर वैल्यू फंड रेगुलर ग्रोथ एक साल में 106.7% लाभ के साथ चौथे स्थान पर है। तीन साल और पाँच साल के पैमाने पर यह एचएसबीसी मिडकैप से बेहतर रही है।
वहीं आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मिडकैप फंड रेगुलर ग्रोथ ने 104.6% लाभ के साथ एक साल की सूची में पाँचवा स्थान हासिल किया है। इसने तीन साल में 22.1% और पाँच साल में 19.2% का सालाना औसत लाभ दिया है।
तीन साल और पाँच साल में सालाना औसतन 20% से अधिक लाभ देने के साथ बीते एक वर्ष में सर्वाधिक लाभ के पैमाने पर देखें तो डीएसपी ब्लैकरॉक माइक्रोकैप फंड रेगुलर ग्रोथ (101.3%), यूटीआई थीमैटिक मिडकैप फंड ग्रोथ (96.5%), केनरा रोबैको, इमर्जिंग इक्विटीज रेगुलर ग्रोथ (94.4%), फ्रैंकलिन इंडिया स्मॉलर कंपनीज फंड ग्रोथ (90.7%), रिलायंस टैक्स सेवर फंड ग्रोथ (90.4%) और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड रेगुलर ग्रोथ (85.4%) का प्रदर्शन भी बेहतरीन रहा है।
अगर हम बीते एक साल में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली योजनाओं को देखें तो इनमें मुख्य रूप से गोल्ड ईटीएफ वाली योजनाएँ हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय इक्विटी में निवेश वाली योजनाएँ भी एक साल में सबसे कमजोर रही हैं। यदि भारतीय इक्विटी वाली योजनाओं में देखें तो बिड़ला सन लाइफ एन्हेंस्ड आर्बिट्राज फंड रेगुलर ग्रोथ ने बीते एक साल में केवल 8.1% का सुस्त लाभ दिया। कुछ ऐसा ही हाल रेलिगेयर इन्वेस्को आर्बिट्राज फंड ग्रोथ (8.6%), रिलायंस आर्बिट्राज एडवांटेज फंड ग्रोथ (8.7%), एचडीएफसी आर्बिट्राज फंड रिटेल ग्रोथ (8.8%), यूटीआई स्प्रेड फंड ग्रोथ (8.8%), आईडीएफसी आर्बिट्राज प्लस फंड रेगुलर ग्रोथ (8.8%) और एसबीआई आर्बिट्राज अपॉर्चुनिटीज फंड ग्रोथ (9.3%) का भी रहा।
क्षेत्रवार देखें तो सबसे कमजोर प्रदर्शन एफएमसीजी क्षेत्र की योजनाओं का रहा। एक साल में एसबीआई एफएमसीजी फंड ग्रोथ ने 17.8% और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एफएमसीजी फंड रेगुलर ग्रोथ ने 16.5% का लाभ दिया। हालाँकि इनका प्रदर्शन बीएसई एफएमसीजी सूचकांक से तो बेहतर ही रहा, जिसमें बीते एक साल के दौरान केवल 8.9% की बढ़त दर्ज की गयी।
इन्फ्रा, बिजली की टूटी तंद्रा
बुनियादी ढाँचा (इन्फ्रास्ट्रक्चर) और बिजली क्षेत्रों की कई योजनाएँ ऐसी हैं, जिन्होंने बीते कई वर्षों की अपनी नींद तोड़ी है। हमने ऐसी योजनाओं की सूची बनायी, जिन्होंने बीते तीन साल और पाँच साल में सालाना औसतन 7% से कम लाभ दिया हो, यानी महँगाई दर से कम लाभ के साथ एक तरह से निवेशकों का नुकसान कराया हो, मगर बीते एक साल में काफी अच्छा लाभ दिया हो। ऐसी योजनाओं में एस्कॉट्र्स इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड ग्रोथ ने पाँच वर्ष में -2.3% का सालाना औसत नकारात्मक लाभ दिया और तीन वर्षों में भी केवल 1.2% की सालाना वृद्धि दिखायी। लेकिन बीते एक वर्ष में 90.6% की शानदार बढ़त हासिल की है। इसी फंड घराने की एक अन्य योजना एस्कॉट्र्स पावर ऐंड एनर्जी फंड ग्रोथ ने पाँच साल में महज 0.3% और तीन साल में 5.4% की सालाना औसत वृद्धि दर्ज की, मगर पिछले एक साल में इसने 87.7% लाभ दिया है। पिछले तीन और पाँच साल में 7% से कम लाभ, मगर बीते एक साल में शानदार लाभ वाली अन्य योजनाओं में रिलायंस डाइवर्सिफाइड पावर सेक्टर फंड ग्रोथ (76.2%), सुंदरम इन्फ्रास्ट्रक्चर एडवांटेज फंड ग्रोथ (71.1%), सहारा इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड फिक्स्ड प्राइसिंग ग्रोथ (66.8%), सहारा पावर ऐंड नेचुरल रिसोर्सेज फंड ग्रोथ (60.6%), एसबीआई मैग्नम कॉमा फंड ग्रोथ (59.8%), यूटीआई एनर्जी फंड ग्रोथ (55.7%), एसबीआई इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड ग्रोथ (53.9%), टाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड प्लान ए ग्रोथ (53.8%), टाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर टैक्स सेविंग फंड ग्रोथ (51.2%), एस्कॉट्र्स टैक्स प्लान ग्रोथ (45.2%), टाटा इंडो-ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड प्लान ए ग्रोथ (38.3%) और सुंदरम सेलेक्ट थीमैटिक फंड्स इंटरटेनमेंट अपॉर्चुनिटीज (36.3%) शामिल हैं।
तीन साल में कौन बेहतर
भले ही एक साल में ज्यादा लाभ के लिहाज से छोटे-मँझोले शेयरों वाली योजनाओं ने बाजी मारी हो, मगर तीन साल के नियमित अच्छे प्रदर्शन के पैमाने पर दिग्गज शेयरों में निवेश वाली योजनाओं और खास कर निर्यात आधारित शेयरों में निवेश वाली योजनाओं ने अपना दमखम दिखाया है। हालाँकि इस सूची में सबसे आगे है यूटीआई ट्रांसपोर्टेशन ऐंड लॉजिस्टिक्स फंड ग्रोथ का, जिसका सालाना औसत लाभ तीन वर्षों में 33.74% रहा है। जैसा कि हमने पहले देखा, एक साल की सूची में भी यह 115.1% लाभ के साथ दूसरे स्थान पर है और नियमित अच्छे प्रदर्शन की झलक पाँच वर्षों में सालाना औसत 29.28% लाभ से भी दिखती है।
अमेरिकी बाजार में नैस्डैक 100 के बेहतर प्रदर्शन का फायदा मिला है मोतीलाल ओसवाल मोस्ट शेयर्स नैस्डैक 100 ईटीएफ को, जिसने तीन साल में 33.7% का सालाना औसत लाभ दिया है। हालाँकि पिछले एक साल में यह 23.66% का अपेक्षाकृत हल्का लाभ ही दे पाया। वहीं आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल टेक्नोलॉजी फंड रेगुलर ग्रोथ तीन साल में 29.50% लाभ के साथ तीसरे स्थान पर रहा। इसने पिछले पाँच साल में भी 26.8% लाभ के साथ नियमित रूप से अच्छे प्रदर्शन वाले योजनाओं में अपनी जगह बनायी है। बीते एक साल में इसका लाभ 53.1% रहा है।
(निवेश मंथन, सितंबर 2014)