सुशांत शेखर :
भारतीय ऑनलाइन रिटेलिंग क्षेत्र इन दिनों बहुत उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है।
जहाँ एक ओर दिग्गज अमेरिकी ऑनलाइन रिटेल कंपनी अमेजन आक्रामक तरीके से भारत में विस्तार कर रही है, वहीं दूसरी ओर घरेलू कंपनियां भी इस मुकाबले के लिए कमर कस रही हैं। इसी कड़ी में भारत में ऑनलाइन रिटेल क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों फ्लिपकार्ट और मिंत्रा ने विलय का करार किया है। इस विलय के बाद फ्लिपकार्ट देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन जायेगी।
फ्लिपकार्ट के मिंत्रा को खरीदने की चर्चा पिछले कुछ महीनों से चल रही थी और 22 मई को दोनों ने विलय का ऐलान कर दिया। हालाँकि दोनों कंपनियों ने सौदे की रकम का औपचारिक तौर पर ऐलान नहीं किया है। लेकिन माना जा रहा है कि फ्लिपकार्ट ने मिंत्रा को करीब 2,000 करोड़ रुपये में खरीदा है।
ये सौदा पूरी तरह शेयरों की अदला-बदली यानी शेयर स्वैप के जरिये हुआ है। विलय की शर्तों के तहत मिंत्रा के सह-संस्थापक मुकेश बंसल फ्लिपकार्ट के बोर्ड में शामिल होंगे और वे फ्लिपकार्ट के फैशन कारोबार की कमान सँभालेंगे।
सौदे के बाद भी फ्लिपकार्ट और मिंत्रा अलग-अलग इकाइयों के तौर पर काम करती रहेंगी। लेकिन मिंत्रा में स्टॉक ऑप्शन रखने वाले अधिकारियों को फ्लिपकार्ट के शेयर मिलेंगे। फ्लिपकार्ट ने मिंत्रा में एक से डेढ़ साल के भीतर 10 करोड़ डॉलर के निवेश का इरादा जताया है। फ्लिपकार्ट ने कंपनी को शेयर बाजार में भी सूचीबद्ध कराने का इरादा जताया है, हालाँकि इसकी अभी निकट भविष्य में योजना नहीं है।
फ्लिपकार्ट और मिंत्रा के सौदे में उनके साझा निवेशकों, टाइगर ग्लोबल और एस्सेल पार्टनर्स की बड़ी भूमिका रही है। माना जा रहा है कि दोनों बड़े निवेशक चाहते थे कि फ्लिपकार्ट और मिंत्रा साथ आ जायें। सौदे के ऐलान के बाद फ्लिपकार्ट और मिंत्रा ने कहा कि इससे दोनों कंपनियों के निवेशक संतुष्ट हैं। मिंत्रा डॉट कॉम मुख्य तौर पर ऑनलाइन फैशन रिटेलिंग क्षेत्र की कंपनी है, जिसकी इस क्षेत्र में करीब 30% हिस्सेदारी है। फ्लिपकार्ट भी फैशन क्षेत्र में अपने कदम जमाना चाहती है। फ्लिपकार्ट के सीईओ सचिन बंसल कई बार फैशन क्षेत्र में अपने इरादे जता चुके हैं। मिंत्रा की खरीद के बाद दोनों कंपनियों की सामूहिक बिक्री करीब 150 करोड़ डॉलर यानी करीब 9,000 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है। फ्यूचर ग्रुप, आदित्य बिरला और रिलायंस जैसे रिटेल के पुराने खिलाडिय़ों की सालाना बिक्री भी करीब इतनी ही है।
फ्लिपकार्ट और मिंत्रा सौदे ने भारतीय ऑनलाइन रिटेलिंग क्षेत्र में खलबली मचा दी है। यह भारत के ई-कॉमर्स क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा सौदा है। इसके पहले पिछले साल जुलाई में आईबिबो ग्रुप ने रेडबस को 10 करोड़ डॉलर यानी करीब 600 करोड़ रुपये में खरीदा था।
फ्लिपकार्ट और मिंत्रा के सौदे ने अन्य प्रमुख ऑनलाइन रिटेल कंपनी स्नैपडील के सामने बड़ी चुनौती रख दी है, जो इस साल के अंत तक फैशन क्षेत्र में 1,000 करोड़ रुपये की बिक्री वाली पहली ऑनलाइन रिटेल कंपनी बनना चाहती है।
भारतीय ऑनलाइन रिटेल बाजार
पिछले कुछ सालों में भारत में ऑनलाइन रिटेलिंग कारोबार तेजी से बढ़ा है। भारतीय ऑनलाइन रिटेल कारोबार 2007-08 में जहाँ महज 1,500 करोड़ रुपये का था, वहीं 2012-13 में बढ़ कर करीब 13,900 करोड़ रुपये का हो गया। मतलब इस दौरान इस उद्योग ने सालाना करीब 56% की विकास दर हासिल की है। 2020 तक भारतीय ऑनलाइन रिटेल कारोबार के 5,000 से 7,000 करोड़ डॉलर यानी करीब 3-4 लाख करोड़ रुपये का होने की उम्मीद जताई जा रही है।
भारतीय ऑनलाइन रिटेल कारोबार ने वेंचर कैपिटल निवेशकों का ध्यान खींचा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2009 के बाद से भारतीय ऑनलाइन रिटेल कारोबार ने करीब 165 करोड़ डॉलर का निवेश हासिल किया है। इंटरनेट के लगातार विस्तार और ऑनलाइन रिटेल कंपनियों की अच्छी सेवाओं ने इस क्षेत्र में विकास की रफ्तार और तेज होने की उम्मीदें बढ़ा दी हैं।
मिंत्रा का सफर
मिंत्रा का गठन फरवरी 2007 में आईआईटी से पढ़ कर निकले चार दोस्तों - मुकेश बंसल, आशुतोष लावनिया, इमरान खान और विनीत सक्सेना ने मिल कर किया था। चारों दोस्तों ने मिंत्रा में 50 लाख रुपये का शुरुआती निवेश किया था।
अक्टूबर 2007 में ही मिंत्रा अपने साथ तीन कैपिटल वेंचर निवेशकों को जोडऩे में कामयाब रही। एस्सेल पार्टनर्स, मुंबई एंजेंल्स और एक अन्य एंजेल निवेशक ने कंपनी में शुरुआती निवेश किया। नवंबर 2008 में मिंत्रा ने एनईए-इंडोयूएस वेंचर्स, आईडीजी वेंचर्स और एस्सेल पार्टनर्स से 50 लाख डॉलर का निवेश हासिल किया। बाद में मिंत्रा के साथ टाइगर ग्लोबल और प्रेमजी इनवेस्ट भी जुड़े। मिंत्रा में वेंचर कैपिटल निवेशकों ने अब तक करीब 12.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
मिंत्रा ने 2007 में पर्सनलाइज्ड कॉफी मग, की चेन जैसे उत्पादों की बिक्री से अपना कारोबार शुरू किया। लेकिन तीन साल बाद यानी 2010 में कंपनी ऑनलाइन फैशन रिटेलिंग के क्षेत्र में पूरी तरह उतर गयी। फिलहाल मिंत्रा 600 घरेलू और विदेशी ब्रांडों के 50,000 से ज्यादा उत्पाद बेचती है। इनमें नाइक, प्यूमा, ली, लेवाइस, फिला, एडिडास, रीबॉक, बेसिक्स, कैट, टिंबरलैंड, बीबी, फेबइंडिया जैसे ब्रांड शामिल हैं।
(निवेश मंथन, जून 2014)