जरा-जरा ख्वाहिशें ऐसी, न माँगें तुझसे जन्नत हम
नागरिक की पहचान उसका पहला हक : देश के सभी नागरिकों का एक केंद्रीय डेटाबेस बने और हर नागरिक को एक सर्वमान्य पहचान-पत्र मिले।
यह पहचान-पत्र पूरे भारत में किसी भी कार्य के लिए पर्याप्त हो, चाहे बैंक खाता खुलवाना हो या ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट बनवाना हो। जहाँ भी केवाईसी की जरूरत हो, वह सीधे इस केंद्रीय डेटाबेस से जुड़ा हो। व्यक्ति का पता या कोई भी विवरण इस केंद्रीय डेटाबेस में बदलने पर हर जगह अपने-आप बदल जाये।
कतार मुक्त सरकार : किसी भी काम-धंधे, व्यवसाय और उद्योग के लिए कोई लाइसेंस की कतार न हो। केवल तय दिशानिर्देश और नियम हों, जिन्हें पूरा करके किसी को स्वत: लाइसेंस मिल जाये। सरकार से पैसा पाने वालों को सीधे उनके बैंक खाते में पैसा जाये। सरकारी कामकाज के लिए किसी भी विभाग में खिड़कियों पर कतार लगने की नौबत न आये, चाहे किसी को पासपोर्ट लेना हो या आयकर रिटर्न दाखिल करना हो।
रेलवे में माँग पर टिकट : लोग माँगें और टिकट मिले। कोई प्रतीक्षा सूची नहीं। बुलेट ट्रेन चाहिए, मगर बाद में। पहले तो दिल्ली से पटना-हावड़ा जाने का टिकट ही आराम से मिल जाये। टिकट खिड़की की कतार खत्म हो।
कतार मुक्त स्वास्थ्य : प्रधानमंत्री जी को हाल में कभी एम्स नहीं जाना पड़ा होगा। ईश्वर न करे कि जाना भी पड़े। लेकिन जिन्हें जाना पड़ता है, उनकी हालत के बारे में वे जान तो सकते हैं। वहाँ की कतारें कितनी लंबी हैं, यह जान सकते हैं। और ये कतारें इसलिए हैं कि देश भर के मरीज यहाँ आते हैं। क्यों न वे एम्स की एक ओपीडी और पैथोलोजी लैब हर जिले में खुलवा दें।
कतार मुक्त शिक्षा : नर्सरी से उच्च शिक्षा तक कतार से मुक्ति चाहिए। स्कूल-कॉलेजों से लेकर मेडिकल और इंजीनियरिंग तक के लिए नामांकन की पूरी प्रक्रिया एक केंद्रीय एजेंसी को सौंपी जाये। उच्च शिक्षा के हर क्षेत्र में छात्रों को केवल एक अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा में बैठने की जरूरत हो और उसके अंकों के आधार पर केंद्रीकृत एजेंसी सभी निजी और सरकारी शिक्षण संस्थाओं में नामांकन की व्यवस्था सँभाले।
सीए के बिना रिटर्न : सरकार को जहाँ भी व्यक्तियों या व्यवसायों से कर या शुल्क वसूलने हैं, उनका आकलन इतना आसान होना चाहिए कि सीए के पास जाने की जरूरत ही नहीं हो। लोग सीधे वेबसाइट पर जायें, अपना विवरण डालें और वेबसाइट पर उन्हें खुद ही पता चल जाये कि कितना कर-शुल्क चुकाना है। वहीं भुगतान करें और काम खत्म।
कृषि-ओपीडी : देश के हर ब्लॉक में एक कृषि ओपीडी खुले, जहाँ किसान अपनी भूमि की जाँच करा सकें और उपयुक्त फसल, बीज, खाद, कीटनाशक वगैरह की जानकारी के साथ-साथ कृषि की नयी तकनीकों को सीख सकें।
हर जिले में हवाई सेवा : हर जिले में एक हवाई अड्डा विकसित करके उन्हें विमान सेवा से जोड़ा जाये।
हर छत पर सौर ऊर्जा : देश में हर घर की बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए घरों की छतों पर सौर ऊर्जा उपकरण लगाने की व्यवस्था हो। घर की खपत के बाद अतिरिक्त बिजली हो तो वह ग्रिड में जाये और उसके पैसे घर के मालिक को मिलें।
जल मार्ग : गंगा और देश की अन्य बड़ी नदियों में विभिन्न शहरों के बीच पानी के जहाज चलाने की यात्री और माल-ढुलाई सेवा शुरू हो। एक शहर के अंदर भी यथासंभव शहरी यातायात को जलमार्ग से संभव बनाया जाये। जलमार्ग यातायात का सबसे सस्ता साधन है, लेकिन भारत में सबसे उपेक्षित है।
हर शहर में सरकारी धर्मशालाएँ : सेठों की धर्मशालाएँ अब अतीत का हिस्सा बन गयी हैं। इसलिए सरकार सारे प्रमुख शहरों में सरकारी धर्मशालाएँ खोले, जहाँ पूरी साफ-सफाई के साथ रहने-सोने की न्यूनतम बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध हों।
(निवेश मंथन, जून 2014)