टाटा हाउसिंग कंपनी ने साल 2018 तक वरिष्ठ नागरिकों के लिए आवासीय परियोजनाओं में 1,200 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनायी है।
कंपनी बैंगलूरू में प्रथम परियोजना रीवा रेजीडेंसीज पेश कर चुकी है। कंपनी ने आठ अन्य शहरों में भी ऐसी ही आवासीय परियोजनाएँ शुरू करने की तैयारी की है। ये परियोजनाएँ अहमदाबाद, मुंबई, कोलकता, चेन्नई, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और पुणे में शुरू की जायेंगी।
इनमें वरिष्ठ नागरिको की हर जरूरत की सारी सुविधाएँ होंगीं। इनमें मनोरंजन से लेकर स्वास्थ्य सेवाएँ तक शामिल हैं। कंपनी ने रीवा रेजीडेंसीज के लिए अपोलो टेलीहेल्थ सर्विसेज से समझौता भी किया है। कंपनी के एमडी और सीआईओ ब्रोतिन बनर्जी का कहना है कि बैंगलूरू में रीवा रेजीडेंसीज के पेश किये जाने के पहले महीने में विभिन्न स्थानों से 4,000 से अधिक की पूछताछ आयी।
इस बीच टाटा हाउसिंग की सहायक कंपनी (सब्सीडियरी) आर्डेंट प्रॉपर्टीज ने केईसी इंटरनेशनल से जमीन खरीदी है। टाटा हाउसिंग और केईसी इंटरनेशनल ने एक समझौता किया है, जिसके तहत केईसी ने 7.3 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली अपनी जमीन बेची है। यह जमीन महाराष्ट्र के ठाणे जिले के माजिवाडे तालुका गाँव में स्थित है। यह सौदा प्रति एकड़ 29 करोड़ रुपये के भाव पर हुआ है। कंपनी को यह सौदा करीब तीन महीनों में पूरा हो जाने की उम्मीद है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज की चेन्नई में नयी आवासीय परियोजना
गोदरेज प्रॉपर्टीज ने एक नयी आवासीय परियोजना के लिए समझौता किया है। कंपनी ने एसएसपीडीएल के साथ चेन्नई के पाडुर में एक नयी आवासीय परियोजना के लिए यह समझौता किया है। यह प्रस्तावित परियोजना चेन्नई में सात एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैली है। इसमें लगभग 93,000 वर्ग मीटर क्षेत्र बिक्री के लिए उपलब्ध होगा, जिसमें 1,2 और 3 बीएचके अपार्टमेंट्स मुहैया कराये जायेंगे।
इसके अलावा कंपनी ने एक नयी आवासीय परियोजना शुरू की है। कंपनी ने पुणे के मुंधवा में 43 एकड़ क्षेत्र में आवासीय परियोजना के लिए भागीदारी समझौता किया है। यह परियोजना 43 एकड़ क्षेत्र में फैली है, इसमें 260,000 वर्ग मीटर क्षेत्र बिक्री के लिए उपलब्ध होगा, जिसमें 1, 2, 3 और 4 बीएचके अपार्टमेंट मुहैया कराये जायेंगे। गोदरेज प्रॉपर्टीज की अधिकतर परियोजनाओं की तरह यह भी एक संयुक्त उपक्रम परियोजना होगी, जिसमें जीपीएल को परियोजना से मुनाफे का 35% हिस्सा मिलेगा।
सूचीबद्ध कंपनियों की बिक्री में 43% की गिरावट आयी
नाइट फ्रैंक इंडिया की एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि 25 सूचीबद्ध (लिस्टेड) भू-संपदा कंपनियों में से शीर्ष 15 (बाजार पूँजी के आधार पर) कंपनियों की बिक्री बीती आठ तिमाहियों में घट कर लगभग आधी रह गयी है। जनवरी 2012 से दिसंबर 2013 तक आठ तिमाहियों में इनकी बिक्री २.१८ करोड़ वर्ग फुट से घट कर 1.180 करोड़ वर्ग फुट रह गयी है।
इन आठ तिमाहियों के दौरान 25 कंपनियों का मुनाफा ४१% घटा है। इनका औसत कामकाजी लाभ मार्जिन 50% से घट कर 41% रह गया है, जबकि शुद्ध लाभ मार्जिन १३.६% से घट कर ९.७% पर आ गया है। नाइट फ्रैंक का कहना है कि ऊँची ब्याज दरों, महँगी कीमतों और नौकरियों की अनिश्चितता के कारण खरीदार इस समय बाजार से दूर हैं। मगर इस मंदी के बीच भी दाम घटने के बदले बढ़े हैं। उत्तरी भारत में आवासीय संपत्तियों के दाम इन आठ तिमाहियों के दौरान २१% बढ़ गये हैं। हालाँकि जानकार कहते हैं कि ग्राहकों के लिए अभी मोलभाव का अच्छा समय है।
अनिल शर्मा कूदे बिहार के चुनावी अखाड़े में
लोकसभा चुनावों के मैदान में रियल एस्टेट कंपनी आम्रपाली के सीएमडी डॉ. अनिल कुमार शर्मा भी कूद पड़े हैं। जनता दल यूनाइटेड ने बिहार के जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है। शर्मा बाढ़ के समीप पंडारक के रहने वाले हैं। जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र से 2009 के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के ही जगदीश शर्मा जीते थे। इस लोक सभा चुनाव में अनिल कुमार शर्मा का मुख्य मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल के डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अरूण कुमार से होगा। भाजपा ने यह सीट समझौते के तहत आरएलएसपी को दी है।
अनिल शर्मा ने नामांकन के दौरान जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक उनके पास 950 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है। इस बार के लोकसभा चुनाव में वे न केवल बिहार, बल्कि पूरे भारत में सबसे अमीर प्रत्याशियों में गिने जा सकते हैं।
(निवेश मंथन, अप्रैल 2014)