विजय मंत्री, एमडी और सीईओ, प्रैमेरिका म्यूचुअल फंड :
इस साल और आने वाले सालों में कर बचाने के लिए किस तरह निवेश करें,
इसकी योजना बनाते समय सबसे बड़ा सवाल यह होना चाहिए कि बीते समय में किस निवेश में सबसे ज्यादा पैसे बने हैं और आने वाले समय में किसमें बन सकते हैं?
वैसे तो कर बचत के लिए निवेश बहुत होते हैं और उनकी जानकारी एक आम निवेशक को काफी आसानी से समझ आ जाती है। ये निवेश बैंक एफडी, पीपीएफ, ईपीएफ, एनएससी, जीवन बीमा आदि हो सकते हैं। इन सभी निवेशों में अक्सर 8% के आस-पास का लाभ मिलता है। इन निवेशों में ज्यादा जद्दोजहद नहीं होती है, क्योंकि ये सारे के सारे काफी आसान होते हैं। निवेशक को इनमें निवेश करते समय अक्सर इसकी अच्छी जानकारी होती है कि कितना लाभ मिलेगा। मेरा ध्यान इन निवेशों की बजाय संपदा निर्माण (वेल्थ क्रिएशन) पर है, जो ईएलएसएस के माध्यम से हो सकता है। ईएलएसएस के बारे में निवेशकों को या तो ज्यादा जानकारी नहीं है, या उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा है।
मैने ईलएसएस को एक नये तरीके से देखने की कोशिश की है। इसके लिए मैंने आगे दी गयी तालिका 1 और उसके वर्णन से ईएलएसएस को संपदा निर्माण के औजार के तौर पर दिखाने की कोशिश की है।
अगर इस तालिका को गौर से देखें तो पायेंगे कि कर बचत के किसी भी दूसरे विकल्प के मुकाबले ईएलएसएस ने निवेशकों के लिए सबसे ज्यादा पैसा बनाया है। इस तालिका का पहला कॉलम साल का है। दूसरा कॉलम यह दर्शाता है कि हर साल निवेशक ने ईएलएसएस में 10,000 रुपये का निवेश किया। यह निवेश हर साल मार्च के पहले कार्यकारी दिन को इक्विटी बाजार में डाला गया। यहाँ हमने निफ्टी के लाभ को ईएलएसएस लाभ के बराबर माना है, जबकि ईएलएसएस का लाभ निफ्टी के लाभ से काफी ज्यादा रहा है।
तीसरा कॉलम उस निवेश के एक साल बाद उसकी कीमत बताता है। इस कॉलम में आप पायेंगे कि पिछले 15 वर्षों में से 10 वर्षों में एक साल बाद निवेशक का पैसा बना है, जबकि 5 सालों में नुकसान हुआ।
चौथा कॉलम दर्शाता है कि तीन साल बाद उस निवेश का मूल्य क्या था? इस कॉलम में आप पायेंगे कि 13 में से 11 सालों में निवेशकों को मुनाफा हुआ है, जबकि दो सालों में नुकसान दिखता है। नुकसान वाली अवधि थी - 2000 से 2003 और 2006 से 2009 की। मगर इन दोनों निवेशों को अगर पाँच या सात साल तक बढ़ा दिया जाये तो वो सकारात्मक हो जाता है।
पाँचवाँ कॉलम हर पाँच साल बाद निवेश की कीमत बताता है। इस कॉलम से यह पता चलता है कि अगर आपने हर साल के मार्च के पहले कारोबारी दिन को पैसा डाला है और उसे पाँच साल तक रखा है तो आपको कभी भी पाँच वर्ष बाद नुकसान नहीं हुआ है। वही बात कॉलम छह, सात और आठ में दिखती है। अगर निवेशक ने 1999 से लेकर साल 2013 तक कभी भी मार्च के पहले कारोबारी दिन में पैसा डाला हो और उसे पाँच साल, सात साल, 10 साल या 15 साल तक रखा है तो निवेशकों को कभी नुकसान नहीं हुआ है, उन्हें काफी फायदा हुआ है।
अगर हम इसी चीज को थोड़ा दूसरे तरीके से देखेंगे तो पायेंगे कि निवेश के जो बाकी विकल्प हैं, चाहे वो बैंक एफडी, ईपीएफ, पीपीएफ, एनएससी आदि, उन सबमें साल-दर-साल करीब 8% लाभ मिलता है। इन बाकी कर बचत विकल्पों पर 8% की दर से इस कितना लाभ मिलता है, इसे भी आगे के विवरण में देखा जा सकता है।
पिछले 15 सालों में अगर आपने हर साल 10,000 रुपये बाकी विकल्पों जैसे ईपीएफ, पीपीएफ, एफडी, एनएससी वगैरह में डाला तो पिछले 15 सालों में आपका निवेश रहा 1,50,000 रुपये। उस निवेश का एक फरवरी 2014 तक मूल्य होगा 2,91,433 रुपये। इसके मुकाबले ईएलएसएस जैसे निवेश में यही 1,50,000 का निवेश 4,26,736 रुपये तक पहुँच गया।
अगर आपने कर लाभ के लिए ईएलएसएस चुना है तो हो सकता है कभी-कभी एक साल या तीन साल पर आपको नुकसान दिखे। लेकिन अगर उस निवेश को पाँच या सात साल तक ले जायेंगे तो सब नफे में हो जायेगा। देखने का दूसरा तरीका यह है कि अगर आपने पिछले 15 सालों में ईएलएसएस जैसे उत्पाद में निवेश किया तो आपका पैसा करीब-करीब तीन गुना बढ़ गया। इस दौरान कुछ साल ऐसे भी थे, जिनमें आपको अस्थाई तौर पर अपने पोर्टफोलियो में नुकसान दिखा हो। पूरी बात का निष्कर्ष यह है कि हर साल ईएलएसएस में पैसा डालें और संपत्ति बनायें। लंबे समय में ईएलएसएस बाकी सारे विकल्पों से श्रेष्ठ साबित हुआ है।
(निवेश मंथन, मार्च 2014)