साल 2013-14 की पहली तिमाही के लिए एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि सेंसेक्स की कंपनियों की बिक्री में सालाना आधार पर 2.4% की हल्की बढ़ोतरी होगी, लेकिन पिछली तिमाही से 8.5% कमी आयेगी।
वहीं इनके तिमाही मुनाफे में सालाना 5.6% की बढ़त, लेकिन पिछली तिमाही से 11.1% गिरावट रह सकती है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट के अनुमान भी कुछ ऐसे ही हैं। इसके मुताबिक सेंसेक्स कंपनियों की कुल तिमाही आय सालाना 4.5% बढ़ेगी, पर तिमाही-दर-तिमाही 7.2% घटेगी। हालाँकि इनके तिमाही मुनाफे में सालाना 3.1% बढ़त के साथ-साथ तिमाही-दर-तिमाही भी 2.2% बढ़त का अनुमान जताया गया है। कुल मिला कर इस तिमाही से बाजार ज्यादा उम्मीदें नहीं लगा रहा है।
ऑटोमोबाइल्स क्षेत्र
एंजेल ब्रोकिंग का अनुमान है कि मौजूदा कारोबारी साल की पहली तिमाही में ऑटोमोबाइल कंपनियों की आमदनी में साल दर साल 5.5% की सामान्य बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ब्रोकिंग फर्म का मानना है कि बेहतर प्रोडक्ट मिक्स और कीमतों में वृद्धि के कारण शुद्ध औसत प्राप्तियों में आयी मजबूती से यह संभव हो सकेगा। दूसरी ओर अधिकांश सेगमेंट में जारी धीमेपन की वजह से कंपनियों की बिक्री की मात्रा (वॉल्युम) में साल-दर-साल 4% कमी आ सकती है। कंपनियों के मार्जिन में साल-दर-साल 1.20% अंक की वृद्धि से पहली तिमाही में ऑटोमोबाइल कंपनियों के मुनाफे में साल-दर-साल 13.9% की तेजी आ सकती है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट के अनुसार पहली तिमाही में क्षेत्र की आमदनी में लगभग 6% और कर पश्चात लाभ (पीएटी) में लगभग 14% वृद्धि देखी जा सकती है।
बैंकिंग क्षेत्र
एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि सरकारी बैंकों और पुराने निजी बैंकों के मुकाबले नये निजी बैंकों का बेहतरीन प्रदर्शन मौजूदा साल की अप्रैल-जून तिमाही में भी जारी रह सकता है और इनकी आमदनी में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। फर्म के मुताबिक इस दौरान शुद्ध ब्याज आय (एनआईआई) में साल-दर-साल 26.4% की जबरदस्त वृद्धि और गैर ब्याज आय में सालाना आधार पर 22.3% की शानदार बढ़ोतरी के बूते नये निजी बैंकों के कामकाजी मुनाफे में 24.9% और मुनाफे में 26.6% की सालाना वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट के अनुसार साल 2013-14 की पहली तिमाही में क्षेत्र के पीएटी में 3.7% की बढ़ोतरी देखी जा सकती है।
सीमेंट क्षेत्र
एंजेल ब्रोकिंग के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही में कमतर प्राप्तियों और कामकाजी लागत में खासी बढ़ोतरी की वजह से सीमेंट कंपनियों की आमदनी में साल-दर-साल 26.2% की गिरावट दर्ज की जा सकती है। फर्म का मानना है कि बिक्री की कम मात्रा और कमजोर प्राप्तियों के चलते सीमेंट कंपनियों की आय में इस दौरान साल-दर-साल 1.2% की कमी आ सकती है।
वहीं आईसीआईसीआई डायरेक्ट के अनुसार पहली तिमाही में सीमेंट कंपनियों की आमदनी में सालाना आधार पर 2.7% की गिरावट देखी जा सकती है।
एफएमसीजी क्षेत्र
एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि अधिक मात्रा, बेहतर प्राप्तियों और अच्छे प्रोडक्ट मिक्स की वजह से अप्रैल-जून तिमाही में एफएमसीजी कंपनियों की आमदनी में साल-दर-साल 13.2% की तेजी दर्ज की जा सकती है। आमदनी में इस शानदार तेजी के बूते इन कंपनियों के मुनाफे में इस दौरान 15.6% की शानदार बढ़ोतरी हो सकती है। हालाँकि मार्जिन की बात करें तो आयातित कच्चे माल पर रुपये की गिरावट के प्रभाव और अधिक विज्ञापन व्यय के कारण कुछ कंपनियों का मार्जिन पहली तिमाही में घट सकता है।
लेकिन अगर आईसीआईसीआई डायरेक्ट की मानें तो अप्रैल-जून तिमाही में एफएमसीजी कंपनियों के मार्जिन में सामान्य बढ़त दर्ज की जा सकती है।
बुनियादी ढाँचा क्षेत्र
जहाँ तक बुनियादी ढाँचा क्षेत्र का प्रश्न है, एंजेल ब्रोकिंग के अनुसार कारोबारी साल 2013-14 की पहली तिमाही में आमदनी के मोर्चे पर ढीले-ढाले प्रदर्शन, ऊँची ब्याज लागत और मार्जिन पर दबाव की वजह से इस क्षेत्र की कंपनियों के मुनाफे में इस दौरान बढ़ोतरी दर्ज किये जाने के आसार नहीं दिख रहे। ब्रोकिंग फर्म का मानना है कि लार्सन एंड टुब्रो इस मामले में अपवाद साबित हो सकता है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट का मानना है कि इस तिमाही में बुनियादी ढाँचा क्षेत्र की आमदनी में साल-दर-साल 3% की कमी आ सकती है।
कैपिटल गुड्स क्षेत्र
आईसीआईसीआई डायरेक्ट के अनुमान के अनुसार मौजूदा साल की पहली तिमाही में क्षेत्र की आमदनी में साल-दर-साल 1.5% की तेजी दर्ज की जा सकती है। आमदनी के मोर्चे पर खराब प्रदर्शन, घटते एबिटा और ऊँची ब्याज लागत की वजह से क्षेत्र की कंपनियों के पीएटी में सालाना आधार पर 11% की कमी आ सकती है।
आईटी क्षेत्र
एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि आईटी क्षेत्र की कंपनियों के लिए मौजूदा साल की पहली तिमाही पिछले साल की चौथी तिमाही से बेहतर रहने की उम्मीद है। लेकिन यह तिमाही उतनी बेहतर रहने के आसार नहीं हैं, जितनी बेहतर आम तौर पर पहली तिमाही रहती है। इस अनुमान के पीछे मुख्य वजह है विकसित अर्थव्यवस्थाओं में फैली आर्थिक अनिश्चितता, जिसके कारण इन कंपनियों के मुख्य ग्राहक अपने आईटी बजट में वृद्धि के मोर्चे पर देरी करते नजर आ रहे हैं। फर्म का मानना है कि इस साल की पहली तिमाही में इन कंपनियों की आमदनी की बढ़ोतरी मात्रा पर आधारित रहेगी, जबकि आईटी सेवाओं के मूल्य स्थिर रहने का अनुमान है।
तेल-गैस क्षेत्र
एंजेल ब्रोकिंग का अनुमान है कि मौजूदा साल की पहली तिमाही में मुनाफे के मोर्चे पर तेल-गैस कंपनियों का प्रदर्शन मिला-जुला रह सकता है। फर्म का मानना है कि ओएनजीसी के मुनाफे के खराब आँकड़ों की वजह से तेल-गैस क्षेत्र की कंपनियों के लाभ में वृद्धि की दर पहली तिमाही के दौरान सपाट रह सकती है। यदि ओएनजीसी के आँकड़ों (जिसका मुनाफा साल-दर-साल 9% फिसल सकता है) को निकाल दिया जाये तो इस क्षेत्र की कंपनियों के मुनाफे में साल-दर-साल 7% की बढ़त देखी जा सकती है।
दवा क्षेत्र
एंजेल ब्रोकिंग की मानें तो साल की पहली तिमाही के दौरान दवा क्षेत्र की कंपनियों की आमदनी में साल-दर-साल के आधार पर 18.2% की शानदार बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। लेकिन फर्म का यह भी अनुमान है कि कामकाजी मोर्चे पर इन कंपनियों के मार्जिन में 1.37% अंक की कमी हो सकती है। मार्जिन पर दबाव और अधिक टैक्स दर के बीच इस तिमाही में दवा कंपनियों के मुनाफे में साल-दर-साल 11.1% की तेजी दर्ज की जा सकती है।
धातु (मेटल) क्षेत्र
एंजेल ब्रोकिंग के अनुसार साल 2013-14 की पहली तिमाही के दौरान इस्पात कंपनियों की आमदनी में साल-दर-साल कमी दर्ज की जा सकती है, साथ ही कम कीमतों की वजह से इन कंपनियों के मार्जिन पर भी दबाव दिख सकता है। फर्म का अनुमान है कि नॉन-फेरस कंपनियों को कच्चे माल (इनपुट) की बढ़ती लागत और उत्पादों की घटती कीमतों की दोहरी मार का सामना करना पड़ सकता है। कुल मिला कर धातु कंपनियों के मुनाफे में इस दौरान साल-दर-साल 18.3% गिरावट देखी जा सकती है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने अनुमान व्यक्त किया है कि कम मात्रा में बिक्री से अप्रैल-जून के दौरान धातु कंपनियों की आमदनी में तिमाही-दर-तिमाही 12.8% की कमी आ सकती है।
टेलीकॉम क्षेत्र
एंजेल ब्रोकिंग का मानना है कि एमओयू (बातचीत के मिनट) में वृद्धि, वॉयस एआरपीएम (प्रति मिनट औसत आय) में वृद्धि और आमदनी में वैस (मूल्य वर्धित सेवाओं) की बढ़ती हिस्सेदारी से पहली तिमाही में टेलीकॉम क्षेत्र की कंपनियों की आमदनी में साल-दर-साल 7.9% और तिमाही-दर-तिमाही 2% बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। हालाँकि सालाना आधार पर आइडिया सेलुलर और रिलायंस कम्युनिकेशंस के एबिटा मार्जिन में कमी और भारती एयरटेल के एबिटा मार्जिन में वृद्धि देखी जा सकती है। फर्म ने कहा है कि इस क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार तभी आ सकता है जब कंपनियों को डेटा से होने वाली आमदनी तेजी से बढ़ने लगे।
(निवेश मंथन, जुलाई 2013)