सूचना तकनीक (आईटी) क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी कंपनी टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज के कारोबारी साल 2012-13 की चौथी तिमाही के नतीजे बाजार के अनुमान के मुताबिक रहे हैं।
तिमाही-दर-तिमाही आधार पर कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 3,550 करोड़ रुपये से 1.9% बढ़ कर 3,616 करोड़ रुपये हो गया। सालाना आधार पर भी कंपनी ने मुनाफे में 24.9% की बढ़ोतरी दिखायी है।
टीसीएस की तिमाही आधार पर आमदनी 2.24% बढ़ कर 16,430 करोड़ रुपये हो
गयी। सालाना आधार पर आमदनी 23.9% बढ़ी है। इस दौरान कंपनी की अन्य आय बढ़ कर 442 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछली तिमाही में कंपनी की अन्य आय 221 करोड़ रुपये रही थी। अन्य आय में 124.3 करोड़ रुपये का फॉरेक्स मुनाफा शामिल है।
जनवरी-मार्च 2013 में टीसीएस का ईपीएस (बेसिक) बढ़ कर 18.46 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 14.70 रुपये रहा था। इस तिमाही में कंपनी ने 52 नये ग्राहक जोड़े हैं। अगर कंपनी के कारोबारी साल 2012-13 के नतीजों की बात करें, तो इस दौरान कंपनी
का कंसोलिडेटेड मुनाफा 33.65% बढ़ कर 13,917 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल कंपनी का मुनाफा 10,413 करोड़ रुपये रहा था। टीसीएस की सालाना आधार पर आमदनी 28.8% बढ़ कर 62,989 करोड़ रुपये हो
गयी। कंपनी ने 1 रुपये अंकित मूल्य वाले शेयरों पर 13 रुपये का अंतिम लाभांश का ऐलान किया है।
कंपनी का कहना है कि कारोबारी साल 2012-13 का प्रदर्शन अच्छा रहा है और आने वाला साल और बेहतर रहने की उम्मीद है। कारोबार के लिहाज से बैंकिंग, बीमा सहित सभी क्षेत्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया है। एंजेल ब्रोकिंग का कहना है कि टीसीएस के परिणाम उम्मीदों के अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर को जमा करें। इसका लक्ष्य भाव 1624 रुपये है।
विप्रो के मुनाफे में मामूली बढ़त
आईटी क्षेत्र की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी विप्रो का कंसोलिडेटेड मुनाफा 1% बढ़ा है। जनवरी-मार्च 2012-13 तिमाही में कंपनी का मुनाफा बढ़ कर 1729 करोड़ रुपये हो गया, जबकि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी को 1716 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इस दौरान कंपनी की कुल आय भी मामूली बढ़ी है। इस अवधि में कंपनी की आय 9613 करोड़ रुपये रही है। पिछली तिमाही में विप्रो की आय 9588 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कंपनी की प्रति शेयर आमदनी यानी ईपीएस 7.00 रुपये से बढ़ कर 7.04 रुपये हो गयी।
अगर सालाना नतीजों की बात करें, तो कारोबारी साल 2012-13 में कंपनी का शुद्ध मुनाफा 19% बढ़ कर 6636 करोड़ रुपये दर्ज हुआ है, जबकि 2011-12 में कंपनी को 5573 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इस दौरान कंपनी की कुल आय भी 17% बढ़ कर 37685 करोड़ रुपये रही है, जो कि बीते वर्ष 32205 करोड़ रुपये दर्ज हुई थी। इस दौरान कंपनी की प्रति शेयर आमदनी यानी ईपीएस 22.75 रुपये से बढ़ कर 27.05 रुपये हो गयी है। ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि विप्रो के नतीजे उम्मीदों से कमजोर रहे हैं। हालाँकि ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर को खरीदें। इसका लक्ष्य भाव 410 रुपये है।
एचसीएल टेक का लाभ बढ़ा
आईटी क्षेत्र की कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज के मुनाफे में वृद्धि हुई है। जनवरी-मार्च 2012-13 तिमाही में कंपनी का मुनाफा बढ़ कर 1040 करोड़ रुपये हो गया है। यह मुनाफा पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही के 603 करोड़ रुपये की तुलना में 72.5% ज्यादा है।
ठीक पिछली तिमाही, यानी इस कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के 965 करोड़ रुपये के मुकाबले यह 7.8% ज्यादा है। कारोबारी साल 2012-13 की तीसरी तिमाही में कंपनी की आमदनी भी बढ़ी है। इस दौरान साल-दर-साल कंपनी की आमदनी 23.2% बढ़ कर 6425 करोड़ रुपये हो गयी है। ठीक पिछली तिमाही, यानी इस कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के 6274 करोड़ रुपये के मुकाबले यह 2.4% ज्यादा है। आनंद राठी सिक्योरिटीज का कहना है कि अन्य आय में बढ़ोतरी का असर एचसीएल के नतीजों पर दिख रहा है। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर को खरीदें। इसका लक्ष्य भाव 825 रुपये है।
रिलायंस के नतीजे उम्मीदों से बेहतर
भारत की सबसे बड़ी निजी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जनवरी-मार्च 2013 की तिमाही के दौरान 5,589 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया है। यह मुनाफा पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही के 4,236 करोड़ रुपये से 31.9% ज्यादा है। ठीक पिछली तिमाही, यानी इस कारोबारी साल की तीसरी तिमाही के 5,502 करोड़ रुपये के मुकाबले यह 1.6% ज्यादा है। ये नतीजे बाजार के अनुमान के बेहतर रहे हैं। बाजार के विश्लेषकों का अनुमान था कि कंपनी का मुनाफा 5550 करोड़ रुपये के आसपास रहेगा।
कंपनी का शुद्ध कारोबार (नेट टर्नओवर) 84,198 करोड़ रुपये रहा है, जो ठीक पिछली तिमाही के 93,886 से 10.32% कम है। कारोबारी साल 2011-12 की चौथी तिमाही के 85,182 से 1.2% कम है। कंपनी का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन 10.1 डॉलर प्रति बैरल रहा है। यह 2012-13 की तीसरी तिमाही में 9.6 डॉलर प्रति बैरल रहा था। जनवरी-मार्च 2013 में कंपनी का ईपीएस (बेसिक) बढ़ कर 17.3 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 12.9 रुपये रहा था।
रिफाइनिंग कारोबार में कंपनी की तिमाही आमदनी 77,872 करोड़ रुपये रही है, जो ठीक पिछली तिमाही के 86,641 करोड़
रुपये से 10% कम है। 2011-12 की चौथी तिमाही के 76,211 करोड़ रुपये से 2.2% ज्यादा है।
कंपनी के तेल-गैस खनन कारोबार की आमदनी 1,597 करोड़ रुपये रही है। इसमें तिमाही-दर-तिमाही 16.9% की गिरावट आयी है, जबकि साल-दर-साल 38.8% की कमी आयी है। पेट्रोकेमिकल कारोबार में कंपनी की आमदनी साल-दर-साल 3.5% बढ़ कर 22,158 करोड़ रुपये रही है। इसमें तिमाही-दर-तिमाही भी 0.5% बढ़ोतरी हुई है।
अगर कंपनी के कारोबारी साल 2012-13 के नतीजों की बात करें, तो इस दौरान कंपनी का मुनाफा 4.8% बढ़ कर 21,003 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल कंपनी का मुनाफा 20,040 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी की सालाना आधार पर आमदनी 9.2% बढ़ कर 3,60,297 करोड़ रुपये हो गयी। इस दौरान कंपनी का ईपीएस (बेसिक) बढ़ कर 64.8 रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल में यह 61.2 रुपये रहा था। कंपनी ने 10 रुपये अंकित मूल्य वाले शेयरों पर 9 रुपये का लाभांश का ऐलान किया है। ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि रिलायंस का ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन और मुनाफा अनुमान के मुताबिक ही रहा है। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर को जमा करें। इसका लक्ष्य भाव 867 रुपये है।
एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का मुनाफा 24% बढ़ा
जनवरी-मार्च 2012-13 तिमाही में एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस का मुनाफा 24% बढ़ा है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा बढ़ कर 316 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 254 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान कंपनी की कुल आय भी 24% बढ़ कर 2055 करोड़ रुपये हो गयी है, जो कि बीते वर्ष 1662 करोड़ रुपये दर्ज हुई थी।
कंपनी के सालाना नतीजों की बात करें तो, कारोबारी साल 2012-13 में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 12% बढ़ कर 1023 करोड़ रुपये रहा है, जबकि बीते वर्ष यह 914 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान कंपनी की कुल आय भी 24% बढ़ कर 7576 करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले वर्ष 6115 करोड़ रुपये रही थी। निर्मल बांग का कहना है कि एलआईसी हाउसिंग के नतीजे उम्मीदों से बेहतर रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर को रखने की है। इसका लक्ष्य भाव 290 रुपये है।
ऐक्सिस बैंक का मुनाफा बढ़ कर 1555 करोड़
जनवरी-मार्च 2012-13 तिमाही में ऐक्सिस बैंक का मुनाफा बढ़ कर 1555 करोड़ रुपये हो गया है। बीते वर्ष की इसी अवधि में यह 1277 करोड़ रुपये दर्ज हआ था। इस तरह बैंक के मुनाफे में 22% की वृद्धि हुई है। कारोबारी साल 2012-13 की चौथी तिमाही में बैंक की कुल आय भी 18% बढ़ कर 9055 करोड़ रुपये रही है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 7648 करोड़ रुपये रही थी।
सालाना नतीजों की बात करें तो, कारोबारी साल 2012-13 में बैंक का कंसोलिडेटेड मुनाफा 24% बढ़ कर 5234 करोड़ रुपये रहा है, जबकि बीते वर्ष यह 4219 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान बैंक की कुल आय भी 24% बढ़ कर 34035 करोड़ रुपये रही है, जो कि पिछले साल 27482 करोड़ रुपये रही थी।
आनंद राठी सिक्योरिटीज का कहना है कि ऐक्सिस बैंक के नतीजे अच्छे रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर को खरीदें। इसका लक्ष्य भाव 1635 रुपये है।
एचडीएफसी बैंक के मुनाफे में बढ़ोतरी
कारोबारी साल 2012-13 की चौथी तिमाही में एचडीएफसी बैंक का मुनाफा बढ़ कर 1890 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान तिमाही में यह 1453 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह बैंक के मुनाफे में 30% की वृद्धि हुई है। जनवरी-मार्च 2012 तिमाही में बैंक की कुल आय भी 21% बढ़ कर 11,128 करोड़ रुपये रही है, जो कि बीते वर्ष की इसी अवधि में 9190 करोड़ रुपये रही थी। कारोबारी वर्ष 2012-13 में बैंक का कंसोलिडेटेड मुनाफा 30% बढ़ कर 6870 करोड़ रुपये रहा है, जो बीते वर्ष 5247 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान बैंक की कुल आय 26% बढ़ कर 42994 करोड़ रुपये रही है, जो बीते वर्ष 34186 करोड़ रुपये थी। ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर ने एचडीएफसी बैंक के नतीजों को मजबूत बताया और इसे निचले भावों पर जमा करने की सलाह दी है। इसका लक्ष्य भाव 725 रुपये है।
प्रोविजनिंग से आईसीआईसीआई बैंक के मुनाफे पर दबाव
जनवरी-मार्च 2012-13 तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक का कंसोलिडेटेड मुनाफा बढ़ कर 2492 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 1810 करोड़ रुपये दर्ज हुआ था। इस प्रकार बैंक के मुनाफे में 38% का इजाफा हुआ है। इस दौरान बैंक की कुल आमदनी 5% बढ़ कर 20,240 करोड़ रुपये हो गयी है। बीते वर्ष यह 19,301 करोड़ रुपये रही थी। बैंक का कहना है कि इस तिमाही में प्रोविजनिंग पर ज्यादा खर्च करने के कारण नतीजों पर असर हुआ है। इस तिमाही में शुद्ध ब्याज मार्जिन 3.3% रहा। कारोबारी साल 2013-14 में शुद्ध ब्याज मार्जिन में 0.1% का सुधार संभव है। इस दौरान 779 करोड़ रुपये के नये एनपीए जुड़े हैं।
कारोबारी वर्ष 2012-13 में बैंक का कंसोलिडेटेड मुनाफा 26% बढ़ कर 9604 करोड़ रुपये रहा है, जो कि पिछले साल 7643 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान बैंक की कुल आय भी 11% बढ़ कर 74,204 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि पिछले साल यह 66,658 करोड़ रुपये रही थी। बैंक ने कारोबारी साल 2012-13 के लिए अपने शेयरधारकों को प्रति शेयर 20 रुपये का लाभांश देने की घोषणा की है। दौलत कैपिटल का कहना है कि आईसीआईसीआई बैंक के नतीजे उम्मीदों से अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि बैंक के शेयर को खरीदें। इसका लक्ष्य भाव 1360 रुपये है।
कैर्न इंडिया का मुनाफा घटा, आय बढ़ी
कारोबारी साल की चौथी तिमाही में कैर्न इंडिया के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 23.35% की कमी आयी है। जनवरी-मार्च 2012-13 तिमाही में कंपनी का मुनाफा घटकर 2564 करोड़ रुपये हो गया, जबकि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी को 3345 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी का मुनाफा 2186 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान कंपनी की आय 2% बढ़ी है। इस अवधि में कंपनी की आय 4363 करोड़ रुपये रही है। पिछली तिमाही में कंपनी की आय 4278 करोड़ रुपये रही थी।
अगर सालाना नतीजों की बात करें, तो कारोबारी साल 2012-13 के दौरान कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 52% की अच्छी दर से बढ़ा है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा बढ़ कर 12,056 करोड़ रुपये रहा है, जो कि बीते वर्ष में 7937 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी की आय भी 48% बढ़ कर 17,524 करोड़ रुपये रही है, जबकि पिछले साल में यह 11,861 करोड़ रुपये दर्ज हुई थी। कंपनी ने 6.5 रुपये प्रति शेयर का अंतिम लाभांश देने का ऐलान किया। एंजेल ब्रोकिंग का कहना है कि कैर्न इंडिया के नतीजे उम्मीदों से कमजोर रहे हैं। हालाँकि ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर को खरीदें। इसका लक्ष्य भाव 345 रुपये है।
यस बैंक का मुनाफा बढ़ा
कारोबारी साल 2012-13 की चौथी तिमाही में यस बैंक के कंसोलिडेटेड मुनाफे में वृद्धि हुई है। इस दौरान बैंक का मुनाफा 33% बढ़ कर 362 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में बैंक का मुनाफा 272 करोड़ रुपये रहा था। जनवरी-मार्च 2012-13 तिमाही में बैंक की कुल आमदनी भी 30% बढ़ कर 2667 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि 2011-12 की इसी तिमाही में यह 2051 करोड़ रुपये रही थी।
निर्मल बांग सिक्योरिटीज का कहना है कि यस बैंक के नतीजे उम्मीदों से अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि बैंक के शेयर को रखने की है। इसका लक्ष्य भाव 576 रुपये है।
मारुति सुजुकी का दमदार प्रदर्शन
कारोबारी साल 2012-13 की चौथी तिमाही में मारुति सुजुकी का मुनाफा बढ़ कर 1240 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान तिमाही में यह 640 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह कंपनी के मुनाफे 94% की वृद्धि हुई है।
जनवरी-मार्च 2012-13 तिमाही में कंपनी की कुल आमदनी 13% बढ़ कर 13,304 करोड़ रुपये दर्ज हुई है, जो कि गत वर्ष की इसी तिमाही में 11,727 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कंपनी की अन्य आय 297 करोड़ रुपये से बढ़ कर 399 करोड़ रुपये रही। सालाना आधार पर इस तिमाही में कंपनी की घरेलू बिक्री 3.21 लाख यूनिट से घटकर 3.08 लाख यूनिट रही। इस कारोबारी साल के दौरान सुजुकी पावरट्रेन इंडिया कंपनी का मारुति सुजुकी में विलय हुआ। इसलिए कंपनी के तिमाही नतीजों में सुजुकी पावरट्रेन के विलय के प्रभाव को जोड़ा गया है। कंपनी ने 8 रुपये प्रति शेयर का लाभांश देने का ऐलान किया है। कंपनी के वार्षिक नतीजों की बात करें तो, कारोबारी वर्ष 2012-13 में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 47% बढ़ कर 2469 करोड़ रुपये हो गया है, पिछले साल कंपनी को 1681 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इस दौरान कंपनी की कुल आय भी बीते वर्ष के 36090 करोड़ रुपये के मुकाबले 19% बढ़ कर 44304 करोड़ रुपये रही है। कंपनी का कहना है कि येन की कमजोरी, नयी कारों की बिक्री बढऩे और खर्चों में कटौती के चलते मुनाफा बढ़ा है। इन नतीजों के बाद ब्रोकिंग फर्म एमके शेयर की सलाह मारुति सुजुकी के शेयर को जमा करने की है। इसका लक्ष्य भाव 1900 रुपये है।
एचयूएल का मुनाफा बढ़ा
कारोबारी साल 2012-13 की चौथी तिमाही में हिंदुस्तान यूनिलीवर के मुनाफे में 17% की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा बढ़ कर 787 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान अवधि में यह 687 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान कंपनी की कुल आय भी 12% बढ़ कर 6466 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि बीते वर्ष की समान अवधि में यह 5766 करोड़ रुपये रही थी। साल 2012-13 में कंपनी का कंसोलिडेटेड मुनाफा 37% बढ़ कर 3829 करोड़ रुपये हो गया है, जो बीते वर्ष 2791 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान कंपनी की कुल आय 15% बढ़ कर 27004 करोड़ रुपये रही थी, जबकि पिछले साल यह 23436 करोड़ रुपये दर्ज हुई थी। इसने अपनी मूल कंपनी यूनिलीवर को दी जाने वाली रॉयल्टी बढ़ा दी है। कंपनी के निदेशक मंडल ने यूनिलीवर को 3.15% रॉयल्टी देने की मंजूरी दी है, जो अब तक 1.4% थी। हिंदुस्तान यूनिलीवर के नतीजों के बाद ब्रोकिंग फर्म फस्र्टकॉल इंडिया इक्विटी ने कंपनी के शेयर को खरीदने की सलाह दी है। इसका लक्ष्य भाव 545 रुपये है।
हीरो मोटोकॉर्प का मुनाफा मामूली घटा
कारोबारी साल 2012-13 की चौथी तिमाही में दुपहिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के मुनाफे में 5% की कमी आयी है। इस दौरान कंपनी का मुनाफा घट कर 574 करोड़ रुपये रहा है। बीते वर्ष की समान अवधि में कंपनी को 604 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। हालाँकि कंपनी की कुल आय बढ़ी है। इस दौरान कंपनी की कुल आय 6035 करोड़ रुपये से 2% बढ़ कर 6146 करोड़ रुपये रही है।
कंपनी के सालाना नतीजें की बात करें तो, कारोबारी साल 2012-13 में कंपनी को 2118 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था, जबकि बीते वर्ष कंपनी का मुनाफा 2379 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह कंपनी के मुनाफे में 11% की वृद्धि हुई है। इस दौरान कंपनी की कुल आय भी पिछले साल के 23579 करोड़ रुपये के मुकाबले मामूली बढ़ कर 23768 करोड़ रुपये हो गयी है।
दौलत कैपिटल का कहना है कि हीरो मोटोकॉर्प के नतीजे उम्मीदों से अनुसार रहे हैं। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि कंपनी के शेयर को खरीदें। इसका लक्ष्य भाव 1800 रुपये है।
आइडिया सेलुलर के मुनाफे में इजाफा
कारोबारी साल 2012-13 की चौथी तिमाही में आइडिया सेलुलर का कंसोलिडेटेड मुनाफा बढ़ कर 308 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की समान तिमाही में यह 239 करोड़ रुपये था। इस तरह मुनाफे में 29% वृद्धि हुई है। जनवरी-मार्च 2012-13 तिमाही में कंपनी की कुल आय 13% बढ़ कर 6061 करोड़ रुपये हो गयी है, जो बीते वर्ष की इसी तिमाही में 5370 करोड़ रुपये थी।
साल 2012-13 में कंपनी का कंसोलिड़ेटेड मुनाफा 40% बढ़ कर 1011 करोड़ रुपये रहा, जो बीते वर्ष 723 करोड़ रुपये था। कुल सालाना आय पिछले साल के 19541 करोड़ रुपये के मुकाबले 1५% बढ़ कर 22458 करोड़ रुपये रही है। ब्रोकिंग फर्म आनंद राठी सिक्योरिटीज की सलाह आइडिया सेलुलर के शेयर को खरीदने की है। इसका लक्ष्य भाव 140 रुपये है।
(निवेश मंथन, मई 2013)