ग्रेटर नोएडा में सस्ते घर का सपना पूरा होने का इंतजार लंबा होता जा रहा है।
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने चार-मंजिला फ्लैटों के निर्माण करने की एक योजना तैयार की, जिसके तहत 30 वर्ग मीटर के फ्लैट बनने हैं। इस योजना में कुल 7,100 फ्लैट बनाने का विचार है। इनमें से 2,000 फ्लैट ग्रेटर नोएडा वेस्ट में होंगे, जबकि बाकी फ्लैट ओमीक्रॉन सेक्टर में बनाये जायेंगे। खबरों के मुताबिक इनकी कीमत भूतल वाले फ्लैट के लिए 8.63 लाख रुपये रखी जानी है, जबकि पहले, दूसरे और तीसरे तल के फ्लैटों की कीमतें 7.52 लाख रुपये होगी। प्रस्तावित योजना के अनुसार इस राशि का भुगतान 7 वर्षों तक किश्तों के माध्यम से किया जाना है। बताया जा रहा था कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी तीन वर्ष में इन फ्लैटों का निर्माण करके खरीदार को सौंप देगी। ऐसी खबरें भी छप गयीं कि यह योजना 26 फरवरी 2013 को शुरू कर दी गयी। लेकिन जब %निवेश मंथन’ ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की वेबसाइट पर नजर डाली तो उस पर इस योजना की कोई जानकारी उपलब्ध नहीं थी। इस विषय में अथॉरिटी के प्रवक्ता ने कहा कि अभी इस योजना को शुरू करने की तिथि तय नहीं हुई है। उनके जवाब से तो ऐसा प्रतीत होता है कि यह योजना फिलहाल अधर में लटक गयी है।
डीडीए बनायेगा 33,000 फ्लैट
डीडीए वित्त वर्ष 2013-14 में करीब 33,000 फ्लैट का निर्माण करेगा। इनमें से द्वारका, नरेला व रोहिणी में 24,660 फ्लैट निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और 4855 फ्लैट कमजोर आय वर्ग (ईडब्लूएस) बनेंगे, जबकि कालका जी एक्सटेंशन में 3000 फ्लैट ‘जहाँ झुग्गी वहीं फ्लैट’ स्कीम के तहत बनेंगे। इसके लिए बजट में लगभग 1238.75 करोड़ रुपये का प्रावधान है। दिल्ली के उपराज्यपाल और डीडीए के अध्यक्ष तेजेंद्र खन्ना की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में वार्षिक बजट के इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है। इस बार अच्छी पहल यह हो रही है कि डीडीए वित्त वर्ष 2013-14 के बजट में प्रस्तावित योजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए समय सीमा निर्धारित करेगा। अगर वित्त वर्ष 2012-13 पर नजर डालें तो 30 हजार 813 फ्लैट का निर्माण चल रहा है। इसमें से 4321 मकान तैयार हैं। उनके आवंटन की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
‘श्री रजनीगंधा ग्रीन्स’ में बनेंगे 1400 फ्लैट
रियल एस्टेट कंपनी राजपूत ग्रुप ने नोएडा से ग्रेटर नोएडा जाने वाली प्रस्तावित मेट्रो के नालेज पार्क स्टेशन से सटे क्षेत्र में अपनी नयी आवासीय परियोजना में घरों की बिक्री शुरू कर दी है। कंपनी ने नीतिश्री बिल्डर के ‘एल्सटोनिया अपार्टमेंट’ का अधिग्रहण करके ‘श्री रजनीगंधा ग्रीन्स’ के नाम से लांच किया है। यह परियोजना ग्रेटर नोएडा के नालेज पार्क-5 के सामने प्लॉट नंबर 10, सेक्टर पाई-2 में स्थित है। यह नोएडा-दिल्ली से ग्रेटर नोएडा के प्रवेश स्थल परी चौक के पास है। यह एफ-1 ट्रैक एवं यमुना एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ा हुआ है। करीब 10 एकड़ में फैली इस परियोजना की 12-35 मंजिला 13 टावरों में कुल 1400 फ्लैट बनाये जायेंगे। ये फ्लैट 2, 2+1, 3 और 3+1 बेडरूम वाले होंगे। इस परियोजना के 400 फ्लैट पहले ही नीतिश्री ने बेच दिये थे। कंपनी का दावा है कि इन फ्लैटों का निर्माण शीघ्र पूरा कर खरीदारों को एक साल के अंदर सौपा जायेगा, जबकि अभी बुकिंग कराने वाले नये खरीदारों को दिसंबर 2015 तक फ्लैट मिल जायेंगे।
कनॉट प्लेस दुनिया में चौथा सबसे महँगा क्षेत्र
दफ्तरों के महँगे किराये के मामले में नयी दिल्ली का कनॉट प्लेस एक पायदान ऊपर चढ़ गया है। साल 1933 में बना कनॉट प्लेस अब यह दुनिया का चौथा सबसे महँगा व्यावसायिक स्थान है। पिछले साल कनॉट प्लेस सबसे महँगे क्षेत्र के मामले में पाँचवें स्थान पर था। यह बात कुशमैन ऐंड वैकफील्ड की ताजा रिपोर्ट ग्लोबल रियल एस्टेट सॉल्युशंस में कही गयी है। कुशमैन ऐंड वैकफील्ड ने दुनिया भर के शहरों के दफ्तरों का किराये के हिसाब से एक सर्वेक्षण किया था। कुशमैन ऐंड वैकफील्ड के रिपोर्ट के अनुसार महँगाई में बढ़ोतरी चलते बीते 12 महीनों में कनॉट प्लेस क्षेत्र के किराये में 25% का इजाफा हुआ है। जहाँ तक दुनिया के सबसे महँगे दफ्तरों वाले क्षेत्र की बात है, लंदन के वेस्ट एंड ने पहला मुकाम फिर से पा लिया है। इसने यह स्थान हांग कांग के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट से छीना, जो अब दूसरे स्थान पर खिसक गया है। तीसरे पायेदान पर रियो डी जेनेरियो (ब्राजील) का जोना सूल क्षेत्र रहा।
(निवेश मंथन, मार्च 2013)