आवासीय योजना के लिए आवेदन करने और आवंटन होने जैसी खबरें आम तौर पर सरकारी प्राधिकरणों से ही जुड़ी होती हैं।
लेकिन ठंडे बाजार में भी लोढ़ा समूह ने मुंबई के वर्ली में अपनी आने वाली परियोजना ब्लू मून में उपलब्ध घरों की संख्या से दोगुने आवेदन पहले ही दिन हासिल कर लिये। इसकी ब्लू मून परियोजना 600 से कुछ ज्यादा घरों की है, लेकिन इसे 1300 से ज्यादा संभावित ग्राहकों के आवेदन मिले हैं। अब लोढ़ा समूह इन आवेदकों को एक स्वचालित प्रक्रिया के आधार पर घरों का आवंटन करेगा।
निजी क्षेत्र की किसी परियोजना में, वह भी लक्जरी श्रेणी के महँगे घरों के लिए, इस तरह की खबर जरा चकित करती है। दरअसल ग्राहकों की यह भीड़ उमड़ी है बाजार भाव से कम कीमत के चलते। मुंबई के वर्ली में आम तौर पर 29,000 रुपये प्रति वर्ग फुट के बाजार भाव की तुलना में लोढ़ा समूह ने यह परियोजना 23,391 रुपये प्रति वर्ग फुट के भाव पर पेश की। इस परियोजना के घरों की कीमत 3.2 करोड़ रुपये से ऊपर की है और पूरी परियोजना में होने वाली बिक्री से लोढ़ा समूह को लगभग 6,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। इस परियोजना के लिए लोढ़ा समूह ने हाल ही में डीएलएफ से 18 एकड़ जमीन 2,727 करोड़ रुपये में खरीदी है।
जगह चुनें ठीक से तो मिलेगा लाभ
साल 2012 जमीन-जायदाद (रियल एस्टेट) क्षेत्र के लिए ठंडा रहने के बावजूद जानकार मान रहे हैं कि आवासीय क्षेत्र में अगले पाँच सालों में निवेशकों को 18.6-29% तक सालाना औसत लाभ मिल सकता है। लेकिन उनका कहना है कि अच्छा लाभ पाने के लिए निवेशकों को जगह का चुनाव सावधानी से करना होगा। नाइट फ्रैंक की एक ताजा रिपोर्ट बताती है कि मुंबई में वडाला और चेंबूर जैसी जगहों से अच्छी उम्मीदें हैं। कीमतें साल 2013 से 2017 के बीच वडाला में 133% और चेंबूर में 125% बढ़ सकती हैं। नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के मुताबिक एनसीआर में नोएडा एक्सटेंशन में कीमतें इस दौरान 111% बढऩे वाली हैं।
हालाँकि बीता साल बिक्री के लिहाज से सुस्त रहा। नाइट फ्रैंक ने बीते साल के बारे में बताया है कि 2012 में छह बड़े शहरों में आवासीय बिक्री 16% घट गयी। इससे पहले 2011 में भी 14% कमी आयी थी। ठंडे बाजार के चलते नयी योजनाओं में भी सुस्ती आयी। साल 2012 में रियल एस्टेट की नयी परियोजनाओं में 30% कमी आयी।
मगर बैंकों ने रियल एस्टेट क्षेत्र से एकदम हाथ खींच लिये हैं। जून 2011 में इस क्षेत्र को बैंकों से मिलने वाले कर्ज की वृद्धि दर 23.21% के चरम पर थी। यह दर सितंबर 2012 में घट कर केवल 3.88% रह गयी।
आम्रपाली के इंडिपेंडेंट फ्लोर
नोएडा के सेक्टर 119 में आम्रपाली ने कम ऊँचाई वाले आवासीय भवनों की नयी परियोजना आम्रपाली टाइटैनियम में घरों की बिक्री शुरू की है। खास बात यह है कि इस परियोजना में निर्माण कार्य समाप्ति के काफी करीब है, जबकि इसमें बिक्री अभी-अभी शुरू ही की गयी है। यानी इस परियोजना में घर खरीदने वालों को कब्जा लेने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। कंपनी के दावों को मानें तो इसमें अगले छह महीनों के भीतर खरीदारों को मकान मिल जायेगा।
दरअसल टाइटैनियम परियोजना आम्रपाली की पहले से जारी परियोजना प्लैटिनम का ही हिस्सा है। इसमें भूतल (ग्राउंड फ्लोर) के अलावा केवल दो और फ्लोर ही हैं। इसमें 2662-3807 वर्ग फुट तक के 3 बेडरूम वाले और 3504-4656 वर्ग फुट के 4 बेडरूम वाले घर उपलब्ध हैं, जिनकी कीमत लगभग 1.5 करोड़ से 2.5 करोड़ रुपये तक है। केवल दूसरे तल तक के घर होने के बावजूद इस परियोजना में लिफ्ट सुविधा भी दी गयी है।
गोल्फ पसंद करने वालों के लिए अगर इसमें गोल्फपटिंग है तो अक्सर पार्टी देने वालों को अपने ब्लॉक के टेरेस पर स्प्लैश पूल का होना पसंद आ सकता है। छत को खूबसूरत डिजाइन में सजाने के चलते यह पार्टी के लिए अच्छी जगह होगी, जो सभी फ्लोर के लोगों के लिए खुली होगी।
सेक्टर 119 से नोएडा सिटी सेंटर के मेट्रो स्टेशन, साई मंदिर और फोर्टिस अस्पताल तक आसानी से पहुँचा जा सकता है। साथ ही डीएनडी फ्लाईवे के रास्ते दिल्ली पहुँचना भी आसान है और नोएडा का मुख्य व्यावसायिक केंद्र सेक्टर 18 भी ज्यादा दूर नहीं है।
(निवेश मंथन, फरवरी 2013)