दूसरी छमाही में शुरू होगी मजबूत चाल
अजय बग्गा, एमडी, डॉयशे बैंक इंडिया :
चिंताएँ : यूरोपीय सरकारों के कर्ज संकट के साथ-साथ बैंकों की मुश्किलें भी काफी बड़ी, चीन की अर्थव्यवस्था भी अचानक धीमी पडऩे की आशंका, भारत के लिए एफआईआई की धारणा भी कमजोर हो गयी।
घरेलू मोर्चे पर सरकारी घाटा (फिस्कल डेफिसिट) बड़ी चिंता, सरकार लोक-लुभावन नीतियों की ओर बढ़ी, आर्थिक सुधार अटक गये।
सकारात्मक : भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी मजबूती, यूरो क्षेत्र के संकट का समाधान होने की उम्मीद बने तो भारतीय बाजार में फिर नया निवेश शुरू होगा, मूल्यांकन अब अच्छे क्योंकि सबसे बुरी स्थिति का डर मौजूदा भावों में शामिल।
तेज : बैंक, बुनियादी ढाँचा, कैपिटल गुड्स, आईटी।
धीमे : तेल-गैस।
नजरिया : नये साल की शुरुआत नरम रहेगी, लेकिन साल की दूसरी छमाही में बाजार में मजबूत नयी चाल शुरू होगी। साल 2012 भारतीय बाजार के लिए अच्छा रहेगा, क्योंकि अभी बाजार में धारणा काफी कमजोर है और इसके चलते मूल्यांकन काफी नीचे आ गये हैं।
नया निवेश नहीं तो बाजार कैसे चढ़े?
प्रकाश गाबा, गाबा एंड गाबा फाइनेंशियल :
चिंताएँ : बाजार को ऊपर ले जा सकने वाला निवेश नहीं आ रहा।
सकारात्मक : घरेलू खपत।
तेज : कोई नहीं।
धीमे : सभी क्षेत्र।
नजरिया : बाजार अभी कमजोर रहेगा।
टुकड़ों में, धीरे-धीरे करें खरीदारी
पंकज पांडेय, रिसर्च प्रमुख, आईसीआईसीआई सिक्यो. :
चिंताएँ : यूरोप संकट गहराने पर उतार-चढ़ाव बढ़ेगा और एफआईआई बिकवाली करेंगे। सरकार नीतियाँ बनाने में निष्क्रिय है।
सकारात्मक : कमोडिटी भावों का घटना, महँगाई दर का ठंडा पडऩा, इन बातों से ब्याज दरों में नरमी के संकेत, मूल्यांकन घटने से 2-3 साल के लिहाज से खरीदारी का मौका।
तेज : फार्मा, आईटी, ऑटो।
धीमे : रियल एस्टेट, कैपिटल गुड्स, बुनियादी ढाँचा, बिजली, धातु, शिपिंग।
5 सबसे पसंद शेयर : भारती, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, आईटीसी, टाटा मोटर्स।
नजरिया : भारतीय बाजार 2 साल के निचले स्तर पर है और मूल्यांकन 2-3 सालों के नजरिये से आकर्षक हैं। लेकिन पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्थाओं में तीखे उतार-चढ़ाव और भारतीय राजनीति में अनिश्चितता की वजह से भारतीय बाजार को मिलने वाले मूल्यांकन में कमी आयी है। इस समय निवेशकों को छोटे-छोटे टुकड़ों में धीरे-धीरे खरीदारी करनी चाहिए। यह खरीदारी केवल दिग्गज शेयरों और चुनिंदा अच्छे मँझोले शेयरों में करना ठीक रहेगा।
निफ्टी फिसल सकता है 4,200 तक
प्रदीप सुरेका, कैलाश पूजा इन्वेस्टमेंट :
चिंताएँ : महँगाई, ब्याज दरें, रुपये में कमजोरी।
सकारात्मक : सरकारी सुधार।
तेज : फार्मा।
धीमे : कैपिटल गुड्स।
5 सबसे पसंद शेयर : ऐक्सिस बैंक, डिविस लैब्स, विविमेड, आईएफसीआई, महिंद्रा एंड महिंद्रा।
नजरिया : अभी बाजार मंदी में है और निफ्टी 4200 तक फिसल सकता है। साल 2012 की दूसरी छमाही में बाजार कुछ सँभल सकता है।
बजट के समय बन सकती है तलहटी
गगन रणदेव, सीईओ, रेलिगेयर सिक्योरिटीज :
चिंताएँ : सरकारी घाटा, महँगाई दर, यूरोप संकट।
सकारात्मक : ब्याज दरों में गिरावट शुरू होने से बाजार में उत्साह बनेगा, विधानसभा चुनावों में किसी भी एक बड़े दल को स्पष्ट बढ़त मिलना अच्छा होगा।
5 सबसे पसंद शेयर : टीसीएस, पावर ग्रिड, आईटीसी, हैवेल्स इंडिया, वोल्टास।
नजरिया : पहली छमाही में भारतीय बाजार वैश्विक बाजारों से कमजोर रहेगा, लेकिन दूसरी छमाही में यह वैश्विक बाजारों से तेज चलेगा। बाजार पहली छमाही में ही शायद बजट के समय तलहटी बना लेगा। इस बार बजट लोकलुभावन हो सकता है। उस समय निफ्टी 4200-4300 का स्तर छू सकता है। इसके बाद अगर यूरोप सँभलने लगे, महँगाई दर नीचे आये और ब्याज दरें भी नीचे आने लगें तो सकारात्मक असर दिखेगा। इन सबसे बाजार में नया निवेश आने लगेगा और भारतीय बाजार बाकी ब्रिक देशों (ब्राजील, रूस, चीन) की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन करेगा। साल 2012 में निवेशकों को भारतीय बाजार में एक अच्छा लाभ ही मिलेगा।
इस साल पैसा बनाना होगा मुश्किल
अरुण केजरीवाल, निदेशक, केजरीवाल रिसर्च :
चिंताएँ : सरकारी घाटा, लगातार नयी सब्सिडी की शुरुआत।
सकारात्मक : भारतीय जनांकिकी (डेमोग्राफी)।
तेज : वित्तीय, एफएमसीजी।
धीमे : रियल एस्टेट, कैपिटल गुड्स।
5 सबसे पसंद शेयर : एलआईसी हाउसिंग, एचडीएफसी बैंक, हीरो मोटोकॉर्प, पीएफसी, आईटीसी।
नजरिया : इस साल निवेशकों के लिए पैसा बनाना मुश्किल रहेगा। पहले गिरावट फिर तलहटी बनाने में समय जायेगा, जिसके बाद धीमे और मुश्किल ढंग से बाजार सुधरेगा।
सुधारों की घोषणा हो तो सुधरे बाजार
आर के गुप्ता, एमडी, टॉरस एएमसी :
चिंताएँ : राजनीतिक अनिश्चितता, भारत सरकार में एफआईआई का अविश्वास, कंपनियों की आय बढऩे की दर में कमी, कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी, कुल मिला कर अर्थव्यवस्था का खस्ता-हाल।
सकारात्मक : सरकार कुछ सुधारों की घोषणा करे तो अच्छे असर की आशा, रुपया मजबूत होने की संभावना, अन्य उभरते बाजारों में निवेशकों को कम लाभ, ब्याज दरों और महँगाई दर में कमी की उम्मीद।
तेज : ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि आधारित शेयर, फार्मा, एफएमसीजी।
धीमे : सीमेंट, कंज्यूमर ड्यूरेबल, बैंक, चीनी।
5 सबसे पसंद शेयर : आईडीएफसी, गेल, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स, डिविस लैब्स, बेयर कॉर्प, एससीआई।
नजरिया : वैश्विक स्थितियों, ऊँची महँगाई दर, सरकारी नीतियों पर अनिर्णय, कच्चे माल की ऊँची लागत के चलते लाभ मार्जिन में कमी जैसे कारणों से बाजार एक छोटे दायरे में बँधा रहेगा।
पहली छमाही कठिन, दूसरी छमाही तेज
अनिल मंगनानी, निदेशक, मॉडर्न शेयर्स :
चिंताएँ : रुपया, महँगाई, ब्याज दरें, सरकारी घाटा, राजनीति।
सकारात्मक : महँगाई घटने की उम्मीद, ब्याज दरें अब घटने के संकेत, पिछले साल औद्योगिक उत्पादन कम रहने के चलते अगले साल औद्योगिक उत्पादन बढऩे की दर तेज होगी।
तेज : बैंक, एफएमसीजी।
धीमे : बुनियादी ढाँचा, कैपिटल गुड्स, बिजली।
5 सबसे पसंद शेयर : एचयूएल, गेल, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक, मारुति।
नजरिया : पहली छमाही मुश्किल होगी, लेकिन दूसरी छमाही में तेजी दिखेगी।
दिग्गज कंपनियों पर ही ध्यान दें
गुल टेकचंदानी, निवेश सलाहकार :
चिंताएँ : ब्याज दरें, सरकारी घाटा, महँगाई, रुपये में कमजोरी।
सकारात्मक : घरेलू अर्थव्यवस्था।
नजरिया : निफ्टी पहले 4100-4500 के बीच कहीं तलहटी बनायेगा। अगर यूरो टूटने जैसी कोई घटना होती है, तभी 4100 तक फिसलने की संभावना बनेगी। तलहटी बनाने के बाद बाजार वापस सँभलेगा। साल का शिखर और साल के अंत का लक्ष्य करीब एक जैसे ही हैं। अभी दिग्गज कंपनियों पर ही ध्यान दें। बी समूह के शेयरों में भी काफी दम है, लेकिन दिग्गज शेयरों के चलने के बाद ही बी समूह के शेयर अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। बैंक क्षेत्र अगले साल के लिए ठीक लगता है, जबकि बुनियादी ढाँचा क्षेत्र की चाल धीमी रहेगी। लेकिन बाजार में नयी चाल की शुरुआत इसी क्षेत्र से होगी।
सावधानी भरी उम्मीद का साल होगा यह
सौरभ मित्तल, एमडी, स्वदेशी के्रडिट्स :
चिंताएँ : वैश्विक मंदी, सरकारी उदासीनता, महँगाई बनाम विकास दर, कंपनियों की आय में धीमापन।
सकारात्मक : वैश्विक अर्थव्यवस्था का कम प्रभाव, अन्य बाजारों की तुलना में अब भी अच्छी विकास दर, मध्य वर्ग के उपभोग में बढ़ोतरी।
तेज : आईटी, एफएमसीजी, फार्मा।
धीमे : रियल एस्टेट, बुनियादी ढाँचा, रिफाइनरी।
5 सबसे पसंद शेयर : इन्फोसिस, सिप्ला, आईटीसी, एचयूएल, नेस्ले।
नजरिया : आत्मविश्वास की कमी और वैश्विक उथल-पुथल से निवेशक सावधान रहेंगे। मजबूत डॉलर से आयात घटेगा। महँगाई दर को लेकर चिंता बनी रहेगी। नीतियों पर फैसले लेने में सरकारी अक्षमता से बाजार ठंडा रहेगा। इस साल सावधानी भरी उम्मीदें जागेंगी, पर धीमे-धीमे।
अभी ऋण बाजार है आकर्षक विकल्प
अमर अंबानी, रिसर्च प्रमुख, इंडिया इन्फोलाइन :
चिंताएँ : नीतियों में ठहराव, बुनियादी ढाँचे पर कम खर्च, ऊँची महँगाई दर और ब्याज दरें, रुपये में कमजोरी, बैंकों की संपत्तियों की गुणवत्ता (डूबे कर्ज में बढ़ोतरी)।
सकारात्मक : मूल्यांकन अब उचित स्तरों की ओर, आने वाले महीनों में गिरावट थम जाने की उम्मीद।
तेज : एफएमसीजी, फार्मा, ऑटो।
धीमे : कैपिटल गुड्स, बुनियादी ढाँचा, यूटिलिटी, रियल एस्टेट।
सबसे पसंद शेयर : महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईटीसी, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक।
नजरिया : साल 2012 बाजार के लिए कुछ खास अच्छा नहीं रहेगा, लेकिन चुनिंदा शेयरों में मौके मिलेंगे। ऋण बाजार निवेश के लिए एक आकर्षक विकल्प बना रहेगा।
आगे बड़ी गिरावट आने का अंदेशा
एम बी सिंह, सीईओ, टेक्निकल ट्रेडर्स :
चिंताएँ : सरकारी घाटा, अर्थव्यवस्था के खराब प्रबंधन और कमजोर होती वैश्विक अर्थव्यवस्था के कारण भारत की विकास दर में धीमापन।
सकारात्मक : अर्थव्यवस्था का चक्र ऊपर की ओर है और अगले दो दशकों तक यह स्थिति रहने की उम्मीद है।बीमाऔरकरबचतयोजनाओंसेकाफीनिवेशआयेगा।
तेज : एफएमसीजी, चीनी।
धीमे : बैंक, ऑटो।
5 सबसे पसंद शेयर : हिंदुस्तान यूनिलीवर, एलएंडटी 800 के पास, आईसीआईसीआई बैंक 475 के पास, सांवरिया एग्रो 7 के पास, श्री रेणुका 18 पर।
नजरिया : बाजार से दूर रहें क्योंकि सेंसेक्स के साप्ताहिक चार्ट पर हेड एंड शोल्डर संरचना में हाल में नेकलाइन कट गयी है, जिससे बाजार में बड़ी गिरावट का अंदेशा बनता है।
बैंक, कैपिटल गुड्स, इन्फ्रा रहेंगे तेज
देवेन चोकसी, एमडी, के आर चोकसी सिक्योरिटीज :
चिंताएँ : यूरोप का कर्ज संकट, महँगाई।
सकारात्मक : मौद्रिक नीति में ढील का चक्र अब शुरू होगा।
तेज : कैपिटल गुड्स, बुनियादी ढाँचा, बैंक, ऑटो।
धीमे : फार्मा, एफएमसीजी, आईटी, कमोडिटी।
5 सबसे पसंद शेयर : आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, टाटा मोटर्स, बीएचईएल, आईडीएफसी।
नजरिया : अगले एक-दो महीनों में बाजार अपनी तलहटी बना लेगा। वित्त वर्ष 2012-13 के मध्य से बाजार में जोरदार तेजी आयेगी, जिसका नेतृत्व बैंक, कैपिटल गुड्स और बुनियादी ढाँचा क्षेत्र करेंगे।
2012 की शुरुआत में बनेगी तलहटी
पी के अग्रवाल, निदेशक, पर्पललाइन इन्वेस्टमेंट :
चिंताएँ : राज्यों में चुनाव से राजनीतिक अनिश्चितता, देश में दृढ़ नेतृत्व की कमी।
सकारात्मक : पहले ही हद से ज्यादा बिकवाली की स्थिति, ब्याज दरों का चक्र अपने चरम पर, मार्च-अप्रैल 2012 से ब्याज दरें घटनी शुरू होंगी।
तेज : बैंक, ऑटो, हाउसिंग।
धीमे : बुनियादी ढाँचा, कैपिटल गुड्स, बिजली।
5 सबसे पसंद शेयर : एसबीआई, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी, टीसीएस, डीएलएफ।
नजरिया : यह साल बाजार के लिए 2011 से अच्छा होगा। साल 2012 की शुरुआत में तलहटी बनेगी और फिर धीरे-धीरे यह ऊपर चढ़ेगा।
सस्ते निवेश का सुनहरा मौका
जितेंद्र पांडा, सेल्स हेड - ब्रोकिंग, फ्यूचर कैपिटल :
चिंताएँ : सुधारों और विकास के लिए सरकारी पहल की कमी।
सकारात्मक : विकास के मौके कायम, विश्व की तुलना में हमारी अच्छी बढ़त।
तेज : बुनियादी ढाँचा, आईटी, बैंक।
धीमे : सीमेंट, फार्मा।
5 सबसे पसंद शेयर : ऐक्सिस बैंक, एमएंडएम, आईटीसी, बीएचईएल, इन्फोसिस।
नजरिया : यह आकर्षक मूल्यांकन पर निवेश का सुनहरा मौका है, जिस पर अगले 12 महीनों में अच्छा फायदा मिलेगा।
सरकारी पहल से ही बनेगी बात
के के मित्तल, पीएसएम प्रमुख, ग्लोब कैपिटल :
चिंताएँ : नीतियाँ बनाने में सरकार अटकी, सुधारों की धीमी रफ्तार, लोकलुभावन कदम, बुनियादी ढाँचे की दिक्कतें, सरकारी घाटा, रुपये में कमजोरी।
सकारात्मक : कृषि में अच्छी बढ़त, बजट में एसटीटी घटने की उम्मीद, मौद्रिक नीतियों में ढील और ब्याज दरों में कमी की उम्मीद, 12वीं योजना शुरू होने पर सरकारी खर्च का अनुमान, कमोडिटी भावों में नरमी, जीएसटी और डीटीसी पर स्थिति साफ होने पर सकारात्मक असर।
तेज : आईटी, बैंक, ऑटो, धातु।
धीमे : बुनियादी ढाँचा, निर्माण (कंस्ट्रक्शन), कैपिटल गुड्स, बिजली।
5 सबसे पसंद शेयर : महिंद्रा एंड महिंद्रा, कैर्न, बैंक ऑफ बड़ौदा, इन्फोसिस, टाटा स्टील।
नजरिया : सब कुछसरकारीपहल पर निर्भर है, चाहे मौद्रिक नीति हो या लोगों का भरोसा, निवेश का वातावरण, सरकारी घाटे में कमी वगैरह।
अब तीखी गिरावट की संभावना कम
क्रुणाल दायमा, ऐप्टार्ट टेक्निकल एडवाइजरी :
चिंताएँ : तकनीकी रूप से निचले शिखर और निचली तलहटी की संरचना, निवेशकों का कमजोर उत्साह, लोकपाल और भ्रष्टाचार के मुद्दे, एफआईआई का विश्वास घटना, यूरोपीय संकट।
सकारात्मक : ज्यादातर बुरी खबरों का असर मौजूदा भावों में शामिल, तकनीकी रूप से अब तीखी गिरावट की कम संभावना, महँगाई दर में कमी।
तेज : आईटी, सीमेंट, ऑटो।
धीमे : कैपिटल गुड्स, धातु, बैंक।
5 सबसे पसंद शेयर : अवेंतिस फार्मा, टीसीएस, एमएंडएम, अमार राजा बैट्रीज, अल्ट्राटेक सीमेंट।
नजरिया : साप्ताहिक चार्ट पर एक पट्टी की संरचना में निफ्टी को 4300 पर सहारा मिलेगा और ऊपर 5200 पर बाधा रहेगी। पहली छमाही में बाजार इसी दायरे में नकारात्मक रुझान के साथ चलेगा। लेकिन यह पट्टी ऊपर की ओर कटने की संभावना ज्यादा रहेगी।
इस साल सावधानी, उसके बाद तेजी
सुब्रमण्यम पशुपति, निवेश सलाहकार :
चिंताएँ : रुपये की कमजोरी, महँगाई दर, पूँजी निर्माण में कमी, निवेश इक्विटी से निकल कर ऋणकीओरजाना, म्यूचुअल फंडों में निवेश काफी हल्का।
सकारात्मक : वैश्विक बाजारों का तुलनात्मक रूप से कम प्रभाव, मौजूदा भावों में तकरीबन सभी बुरी खबरों का असर।
तेज : बैंक, कैपिटल गुड्स।
धीमे : आईटी, एफएमसीजी, फार्मा।
5 सबसे पसंद शेयर : एसबीआई, कोटक बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा स्टील, एलएंडटी।
नजरिया : बाजार में निराशावाद हद से ज्यादा हो चुका है। अब बाजार जमने के दौर में है, जिसमें अगले 8-12 महीने जा सकते हैं। इसके बाद हम एक टिकाऊ तेजी देखेंगे, जो सेंसेक्स और निफ्टी को इनके ऐतिहासिक ऊँचे स्तरों के ऊपर ले जा सकेगी। साल 2012 की दूसरी छमाही में ब्याज दरों में कमी और सरकारी प्रतिभूतियों के यील्ड में कमी से शेयर बाजार में निवेश को अच्छा बढ़ावा मिलेगा। इस साल के लिए सावधान रहें, लेकिन इसके आगे तेजी की उम्मीद करें।
बाजार तलहटी के पास, इंतजार न करें
सलिल शर्मा, पार्टनर, कपूर शर्मा एंड कंपनी :
चिंताएँ : रुपये में कमजोरी, नीतियों में ठहराव, परियोजनाओं की धीमी रफ्तार, ऊँचा सरकारी घाटा, सब्सिडी घटाने के उपाय नहीं, आर्थिक सुधारों में ठहराव।
सकारात्मक : घरेलू खपत की कहानी कायम, विश्व के अन्य बाजारों में टिकाऊ ढंग से सुधार, ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर पूरा होने का आरबीआई का संकेत।
तेज : आईटी, एफएमसीजी, ऑटो।
धीमे : रियल एस्टेट, बुनियादी ढाँचा, संचार।
5 सबसे पसंद शेयर : हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, रेमंड, प्राइम फोकस।
नजरिया : निफ्टी अपनी तलहटी बनाने के करीब है, जो 4538 या 4350 के पास होगी। जो निवेशक किनारे बैठ इंतजार कर रहे हैं या कुछ समय पहले निकल गये थे, उन्हें अब और गिरावट का इंतजार करने के बदले बाजार में चरणबद्ध ढंग से प्रवेश करना चाहिए। निफ्टी अगले 12-18 महीनों में अच्छा फायदा देगा।
बाजार अभी निवेश नहीं, सौदों के लायक
पंकज जैन, निदेशक, सनटेक वेल्थमैक्स :
चिंताएँ : तीसरी और चौथी तिमाही के नतीजे, बैंकों के बढ़ते डूबे कर्ज (एनपीए), भारत के चालू खाता घाटे और सरकारी घाटे में बढ़ोतरी, सरकार के लोकलुभावन कदम, डॉलर में मजबूती।
सकारात्मक : विकास दर अब भी मजबूत, घरेलू माँग दमदार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था अच्छी, इस बार मानसून अच्छा रहा।
तेज : एफएमसीजी, फार्मा, बैंक।
धीमे : धातु, खनन, ऑटो।
5 सबसे पसंद शेयर : एचयूएल, कोलगेट, रैनबैक्सी, ऐक्सिस बैंक, वाटरबेस।
नजरिया : बाजार में काफी उतार-चढ़ाव। यह बाजार कारोबारी सौदों के लिए ठीक है, पर निवेश के लिए नहीं।
लोकलुभावन कदमों से होगा नुकसान
अंबरीश बालिगा, सीओओ, वे टू वेल्थ
चिंताएँ : नीतिगत ठहराव, लोकलुभावन कदम, महत्वपूर्ण मुद्दों पर मतभेद से सरकार निष्क्रिय, सरकारी घाटा, महँगाई, रुपया।
सकारात्मक : पेट्रोलियम छोड़ कर अन्य बातों में भारतीय अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर, संकटग्रस्त देशों पर ज्यादा निर्भरता नहीं, घरेलू बचत दरें ऊँची, सही दिशा मिलने से अर्थव्यवस्था में तेज विकास की उम्मीद।
तेज : बैंक, ऑटो, कैपिटल गुड्स, बुनियादी ढाँचा।
धीमे : रियल एस्टेट।
5 सबसे पसंद शेयर : एसबीआई, एलएंडटी, मारुति, एक्साइड, यूनाइटेड फॉस्फोरस।
नजरिया : यूरो संकट और अमेरिका में धीमेपन का सबसे अच्छा फायदा उठाने का मौका हमने गँवाया। नीतियों पर अटक कर हमारे नेतृत्व ने निराश किया और अब लोकलुभावन उपायों को चुन रहे हैं, जिनसे और नुकसान होगा। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने वाले सुधार नहीं होने की स्थिति में एफआईआई अन्य उभरते बाजारों की तुलना में हमें निवेश के लिए नहीं चुनेंगे। उम्मीद है कि सरकार जल्द हरकत में आयेगी।
आयेगी 2016 तक चलने वाली बड़ी तेजी
संजीव अग्रवाल, निदेशक, डायनामिक्स रिसर्च :
चिंताएँ : ऊँची ब्याज दरें, महँगाई, घटती विकास दर।
सकारात्मक : मध्य वर्ग का बड़ा आकार, लंबी अवधि में घरेलू खपत की कहानी।
तेज : आईटी, एफएमसीजी।
धीमे : बुनियादी ढाँचा, रियल एस्टेट।
5 सबसे पसंद शेयर : एचयूएल, आईटीसी, इन्फोसिस, विप्रो, टीसीएस।
नजरिया : मई 2012 तक बाजार कमजोर रहेगा, जहाँ यह 2008 में शुरू हुई गिरावट पूरी करेगा। इस साल दूसरी छमाही में बाजार थोड़ा बेहतर प्रदर्शन करेगा। इसके बाद यह 2016 तक एक बड़ी तेजी में रहेगा।
जरूरत है निवेश के माहौल की
संजय सिन्हा, संस्थापक, साइट्रस एडवाइजर्स :
चिंताएँ : वैश्विक आर्थिक स्थिति, रुपये में कमजोरी, ब्याज दरें, घरेलू आर्थिक नीतियाँ।
सकारात्मक : कमोडिटी भावों और महँगाई दर में कमी। ब्याज दरों का चक्र अब नीचे की ओर, घरेलू खपत मजबूत, नीतियों पर नयी सरकारी पहल की संभावना।
तेज : बैंक, ऑटो, बुनियादी ढाँचा।
धीमे : धातु, संचार (टेलीकॉम)।
नजरिया : साल 2012 बीते साल की तुलना में काफी सकारात्मक रहेगा। हम बेहद कम आशाओं और काफी डर के साथ नये साल में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति एक नयी तेजी का आधार बनती है। लेकिन ये तकनीकी बातें हैं। अगर बुनियादी बातों का समर्थन न मिले तो इनका सच होना मुश्किल होगा। घटते कमोडिटी भावों और 2011 में ऊँची महँगाई दर के बेस इफेक्ट के कारण ब्याज दरों में गिरावट आनी चाहिए। अगर घरेलू खपत पहले की तरह बनी रहे और निवेश को प्रोत्साहित करने वाले माहौल का सहारा मिले तो भारतीय बाजार 2011 में हुए नुकसान की भरपाई कर सकेगा।
2012 का निवेश कई सालों तक देगा लाभ
नितेश चांद, साइंस एंड रे इक्विटीज :
चिंताएँ : एफआईआई बिकवाली, रुपये में कमजोरी।
सकारात्मक : घरेलू खपत और कंपनियों का अच्छा प्रदर्शन।
तेज : बिजली, फार्मा,
धीमे : बैंक, धातु।
5 सबसे पसंद शेयर : हिंदुस्तान यूनिलीवर, एचपीसीएल, बजाज हिंदुस्तान, पेट्रोनेट एलएनजी, एनटीपीसी।
नजरिया : साल 2012 निचले भावों पर शेयर जमा करते रहने का साल होगा। इस साल किये गये निवेश पर आने वाले कई सालों तक लाभमिलतारहेगाऔरवहनिवेशआपकेलिएसंपत्तिबनायेगा।
साल भर में 20% बढ़त की उम्मीद
गजेंद्र नागपाल, सीईओ, यूनिकॉन इन्वेस्टमेंट :
चिंताएँ : ऊँची महँगाई, ऊँची ब्याज दरें, बढ़ता सरकारी घाटा, विकास दर में धीमापन और इसके चलते कर संग्रह में कमी।
सकारात्मक : घरेलू खपत जारी रहेगी।
तेज : बैंक, कैपिटल गुड्स।
धीमे : रियल एस्टेट, धातु।
5 सबसे पसंद शेयर : एलएंडटी, बीएचईएल, ऐक्सिस बैंक, एसबीआई, रिलायंस इंडस्ट्रीज।
नजरिया : अभी काफी नकारात्मक बातों का असर मौजूदा भावों में शामिल हैं। अगले 12 महीनों में भारतीय शेयर बाजार करीब 20% की बढ़त हासिल कर सकता है।
अप्रैल से तेजी शुरू होने की उम्मीद
शोमेश कुमार, डेरिवेटिव प्रमुख, कार्वी :
चिंताएँ : घरेलू राजनीतिक अड़चनें।
सकारात्मक : इस साल ब्याज दरें घटेंगी, जिससे उधारी लागत घटेगी।
तेज : बैंक।
धीमे : चीनी, रियल एस्टेट।
5 सबसे पसंद शेयर : एसीसी, एलएंडटी, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, टीसीएस।
नजरिया : शेयर बाजार जनवरी-फरवरी 2012 में तलहटी बना लेगा, मार्च में कुछ जमेगा और अप्रैल 2012 से तेजी शुरू होने की उम्मीद रहेगी।
अच्छे शेयरों को जमा करने का मौका
सुरेंद्र कुमार गोयल, निदेशक, बोनांजा पोर्टफोलिओ :
चिंताएँ : ऊँची महँगाई, कॉर्पोरेट गवर्नेंस, ब्याज दरें, वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता।
सकारात्मक : बाजार अपने समर्थन स्तरों के पास, उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा गिरावट आने के चलते वापस उछाल की संभावना, कंपनियों के मूल्यांकन आकर्षक।
तेज : एफएमसीजी, बुनियादी ढाँचा, पूँजी प्रधान क्षेत्र, आईटी, फार्मा।
धीमे : बैंक, धातु।
5 सबसे पसंद शेयर : आईटीसी, टीवीएस मोटर, हेक्सावेयर, ल्युपिन, सन फार्मा।
नजरिया : जनवरी में 2011-12 की तीसरी तिमाही के नतीजे आयेंगे। अग्रिम कर (एडवांस टैक्स) संग्रह के जो आँकड़े आये हैं, उनसे लगता है कि ये नतीजे कमजोर ही होंगे। चौथी तिमाही भी हल्की रह सकती है। लिहाजा निफ्टी 2012 के मध्य तक 4800-5000 के आसपास तक जमेगा। वैश्विक स्थिति और घरेलू विकास दर वापस सँभलने से 2012 की दूसरी छमाही से ज्यादा उम्मीदें हैं और साल के अंत तक निफ्टी सँभल कर 5500-5700 तक जा सकता है। इसलिए अभी बुनियादी रूप से मजबूत शेयरों को जमा करने का अच्छा मौका है, जो आगे वापस उछाल में बड़ा फायदा देंगे।
हालात सँभलें तभी चढ़ सकेगा बाजार
आशीष कुकरेजा, निदेशक, क्राफ्टवेल्थ मैनेजमेंट :
चिंताएँ : एफआईआई बिकवाली, राजनीतिक अनिश्चितता, सुधारों का अटकना, बैंकों के ऊँचे डूबे कर्ज, महँगाई, सरकारी घाटा।
सकारात्मक : ब्याज दरों में कमी, सुधार, बुनियादी ढाँचे पर अधिक खर्च, बाजार के अनुकूल बजट, राजनीतिक स्थिरता और वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार की उम्मीद।
तेज : फार्मा, उपभोक्ता वस्तुएँ, आईटी, बुनियादी ढाँचा।
धीमे : वित्तीय क्षेत्र, रियल एस्टेट।
5 सबसे पसंद शेयर : डॉ. रेड्डीज, रिलायंस इन्फ्रा, तिलक नगर इंडस्ट्रीज, स्पाइसजेट, अल्फालवाल।
नजरिया : भारतीय बाजार अभी चौराहे पर है। सुधारों में देरी और अस्थिर राजनीतिक माहौल से वैश्विक निवेशकों से मिलने वाला प्रीमियम खत्म हो गया है। ऊँची महँगाई दर और बजट घाटा बड़ी चिंताएँ हैं। वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता आये, आर्थिक सुधार हों और आरबीआई ब्याज दरें घटा सके तो बाजार नयी ऊँचाई छू सकेगा, वरना यह धीरे-धीरे फिसलता रहेगा।
ढहेंगे बैंक, बड़ी मंदी की आहट
अमित गोयल, निदेशक, पेस स्टॉक :
चिंताएँ : बैंकों का ढाँचा ढहने की आशंका, धीमा विकास, वैश्विक धीमापन।
सकारात्मक : खुदरा निवेशकों की कम सहभागिता, बेहद हल्की खरीदारी।
तेज : एफएमसीजी, हेल्थकेयर।
धीमे : बैंक, कैपिटल गुड्स।
5 सबसे पसंद शेयर : नेस्ले, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, फोर्टिस हेल्थकेयर, एनटीपीसी।
नजरिया : काफी मंदी की आशंका।
अभी राजनीतिक चिंता ही सबसे बड़ी
सिमि भौमिक, निवेश सलाहकार
चिंताएँ : राजनीतिक।
सकारात्मक : महँगाई दर नियंत्रण में रहने पर आने वाले दिनों में ब्याज दरें घटेंगी।
तेज : ऑटो।
धीमे : कैपिटल गुड्स।
5 सबसे पसंद शेयर : इन्फोसिस, टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, ऑनमोबाइल।
यह निवेश के बदले सौदों का साल
डी प्रसाद, पार्टनर, इक्विटी स्ट्रेटेजिस्ट :
चिंताएँ : नीतियों में ठहराव।
सकारात्मक : लोगों की कम उम्मीदें।
तेज : एफएमसीजी, कृषि।
धीमे : रियल एस्टेट, बुनियादी ढाँचा।
5 सबसे पसंद शेयर : कावेरी सीड्स, नेस्ले, रैलिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, अजंता फार्मा।
नजरिया : इस साल लोगों को निवेश के बदले कारोबारी सौदों (ट्रेडिंग) के मौके ज्यादा मिलेंगे।
भारत के विकास की कहानी पर सवाल
जगन्नादम तुनुगुंटला, रिसर्च प्रमुख, एसएमसी ग्लोबल :
चिंताएँ : रुपये की कमजोरी, एफआईआई निवेश घटना, कंपनियों के ऑर्डर बुक में कमी, कंपनियों के मुनाफे में बढ़ोतरी की रफ्तार धीमी। ऊँची ब्याज दर और महँगाई दर। नीतियाँ बनाने में ढीलापन।
सकारात्मक : घरेलू खपत, युवा उपभोक्ता, कंपनियों पर कर्ज तुलनात्मक रूप से कम, भारत का कर्ज-जीडीपी अनुपात भी कम।
तेज : एफएमसीजी, जिन क्षेत्रों में एफडीआई की मंजूरी मिले उनके शेयर।
धीमे : रियल एस्टेट, बुनियादी ढाँचा, हवाईसेवा, ऑटो।
5 सबसे पसंद शेयर : बिकवाली करें डीएलएफ, जेट एयरवेज, जीएमआर इन्फ्रा, जीवीके पावर और एल्स्टॉम प्रोजेक्ट में।
नजरिया : भारत के विकास की कहानी पर अब सवाल उठने शुरू हो गये हैं। भारत में विदेशी निवेश को दोबारा आकर्षित करने के लिए जल्दी ही नीतिगत सुधार के रास्ते पर बढऩा होगा। विदेशी कर्ज की स्थिति को सँभालने के लिए भारत को विदेशी मुद्रा भंडार और मजबूत करना होगा। महँगाई दर अब भी एक मुख्य चिंता है। साथ में सरकार को इस बात पर ध्यान देना होगा कि अर्थव्यवस्था में रोजगार के पर्याप्त मौके पैदा हों, क्योंकि ऐसा नहीं होने पर सामाजिक अशांति भी फैल सकती है।
नजर रहेगी सरकार के कदमों पर
शर्मिला जोशी, इक्विटी प्रमुख, फेयरवेल्थ सिक्यो. :
चिंताएँ : अर्थव्यवस्था संबंधी मुद्दे।
सकारात्मक : ब्याज दरें घटने की उम्मीद। पूँजी की जरूरत वाले प्रमुख क्षेत्रों - बुनियादी ढाँचा, बिजली, कैपिटल गुड्स में वृद्धि लौटने की उम्मीद।
तेज : बैंक, बुनियादी ढाँचा, एफएमसीजी।
धीमे : रियल एस्टेट।
5 सबसे पसंद शेयर : एसबीआई, एलएंडटी, भारती, मारुति, एचयूएल।
नजरिया : ब्याज दरें अब घटनी चाहिए। कॉर्पोरेट क्षेत्र का प्रदर्शन सुधरने की उम्मीद रहेगी। इस बात पर खास ध्यान होगा कि सरकार कैसे कदम उठाती है और सुधारों पर क्या रुख रहता है।
महँगाई, ब्याज दरें घटने पर दारोमदार
राजेश अग्रवाल, रिसर्च प्रमुख, ईस्टर्न फाइनेंशियर्स :
चिंताएँ : रुपये में कमजोरी, नीतिगत ठहराव, ब्याज दरें, विदेशी ऋण की वापसी।
सकारात्मक : विकास दर, घरेलू खपत, आकर्षक मूल्यांकन।
तेज : बैंक, हेल्थकेयर, घरेलू खपत आधारित क्षेत्र, तेल-गैस।
धीमे : सीमेंट, रियल एस्टेट, शिपिंग, कपड़ा।
5 सबसे पसंद शेयर : आंध्र बैंक, अपोलो हॉस्पिटल, लवेबल लिंजरी, जिंदल स्टील एंड पावर, लार्सन एंड टुब्रो।
नजरिया : जब तक ब्याज दरें घटनी शुरू नहीं होतीं, तब तक आर्थिक गतिविधियाँ कमजोर रहेंगी। वैश्विक अनिश्चितताओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। जनवरी से महँगाई दर घटने की उम्मीद है, जिसके बाद ब्याज दरें भी नीचे आने लगेंगी। इससे ज्यादातर दिक्कतें खत्म हो सकेंगी। मूल्यांकन काफी आकर्षक हैं, क्योंकि शेयरों के भाव एक साल पहले से 30-40% नीचे हैं। इसलिए जल्दी विलय-अधिग्रहण की गतिविधियाँ शुरू हो सकती हैं।
इस साल अच्छी तेजी की उम्मीद
संगीत लक्कर, वीपी, कीनोट कैपिटल्स :
चिंताएँ : ऊँची ब्याज दरें, राजनीति और सुधारों पर अनिश्चितता, कमजोर रुपया।
सकारात्मक : घरेलू खपत, भारत के आर्थिक विकास की कहानी।
तेज : बैंक, खुदरा (रिटेल)।
धीमे : आईटी, कृषि और संबंधित क्षेत्र।
5 सबसे पसंद शेयर : एलएंडटी, यस बैंक, एमएंडएम, ग्लैक्सो फार्मा, जुबिलैंट फूड।
नजरिया : इस साल अच्छी तेजी रहेगी।
सरकार नीतियों पर करे सही फैसले
डी डी शर्मा, सीईओ, रिस्क कैपिटल एडवाइजर्स :
चिंताएँ : नीतियों में ठहराव, ब्याज दरें, रुपये में कमजोरी।
सकारात्मक : अगर एफआईआई निवेश लौटे तो रुपया फिर मजबूत होने की उम्मीद। महँगाई घटने पर ब्याज दरों में कमी आये और सरकार सुधारों को आगे बढ़ाये तो यह बाजार के लिए अच्छा होगा।
तेज : बैंक, ऑटो, बुनियादी ढाँचा।
धीमे : रियल एस्टेट, कागज, केमिकल, कैपिटल गुड्स।
5 सबसे पसंद शेयर : आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावर ट्रेडिंग, टाटा मोटर्स, बायोकॉन।
नजरिया : हमें उम्मीद है कि सरकार नीतिगत मोर्चे पर सही फैसले लेना शुरू करेगी, महँगाई दर नीचे आयेगी और आरबीआई अपनी ब्याज दरें घटाना शुरू करेगा। यह सब होने पर एफआईआई निवेश लौटेगा, जिससे रुपये को मजबूती मिलेगी। इन सब चीजों से बाजार का पूरा चक्र ऊपर की ओर हो जायेगा।
पहली और दूसरी तिमाही चुनौती भरी
नीरज दीवान, निदेशक, क्वांटम सिक्योरिटीज :
चिंताएँ : ब्याज दरें, धीमा विकास, रुपये में कमजोरी, यूरोपीय कर्ज संकट।
सकारात्मक : महँगाई का घटना शुरू, ब्याज दरों का चक्र चरम पर, मूल्यांकन काफी आकर्षक।
तेज : बैंक, कैपिटल गुड्स, तेल-गैस।
धीमे : एफएमसीजी, आईटी।
5 सबसे पसंद शेयर : आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एलएंडटी, रिलायंस कम्युनिकेशंस, एस्कॉट्र्स।
नजरिया : इन स्तरों से ज्यादा गिरावट की आशंका नहीं, लेकिन इस साल की पहली और दूसरी तिमाही चुनौती भरी होगी। बाजार में अब किसी गिरावट को अच्छे शेयरों को जमा करने में इस्तेमाल करना चाहिए।
तेज विकास दर लौटने की आशा
पी एन विजय, संस्थापक और सीईओ, पीएनवीएफ :
चिंताएँ : कमजोर रुपया, कच्चे तेल के ऊँचे भाव।
सकारात्मक : विकास दर में तेज बढ़त की आशा, आकर्षक मूल्यांकन, ब्याज दरों का चक्र अपने चरम पर।
तेज : ऑटो, बैंक।
धीमे : धातु, बिजली।
5 सबसे पसंद शेयर : ऐक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, ल्युपिन, बजाज ऑटो, कोल इंडिया।
नजरिया : भारतीय अर्थव्यवस्था की लंबे समय की विकास की कहानी अभी बरकररार है, हालाँकि अगले 6 महीनों के दौरान हमारी अर्थव्यवस्था कुछ शांत रह सकती है। लेििकन लंबी अवधि में हम वैश्विक शेयर बाजारों की तुलना में कहीं बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
कुछ समय तक ऋण बाजार आकर्षक
अनीता गांधी, अरिहंत कैपिटल मार्केट्स :
चिंताएँ : सुधारों में सरकार धीमी, रिलायंस का गैस उत्पादन नहीं बढ़ पाना।
सकारात्मक : देश के दूसरी-तीसरी श्रेणी के शहरों में मजबूत खपत, युवा आबादी।
तेज : सीमेंट, आईटी।
धीमे : अधिक कर्ज वाली कंपनियाँ।
5 सबसे पसंद शेयर : रिलायंस, एसीसी, इन्फोसिस, एमएंडएम, पुनीत रेजिंस।
नजरिया : निकट भविष्य में किसी बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है। आने वाले कई बांडों और एनसीडी में ऊँची ब्याज दरें मिलने से निवेशकों के लिए ऋण बाजार अभी कुछ समय तक आकर्षक बना रहेगा। चुनिंदा शेयरों में जरूर लाभ मिलेगा। ब्याज दरों का चक्र पलटने पर शेयर बाजार भी तलहटी बना कर पलटेगा। महँगाई दर घटने के संकेत मिलने लगे हैं। रुपये में भी सुधार की जरूरत है, क्योंकि यह बेहद नाजुक स्तर पर है।
चीन का धीमापन भी एक बड़ी चिंता
अशोक अग्रवाल, सीओओ, एस्कॉट्र्स सिक्योरिटीज :
चिंताएँ : यूरो और रुपये की स्थिति, महँगाई और ब्याज दरें, एफसीसीबी की वापसी। यूरोप और अमेरिका के साथ-साथ चीन से भी बुरी खबर का अंदेशा क्योंकि वहाँ विकास दर धीमी पड़ रही है। भारत का व्यापार घाटा और सरकारी घाटा, खाद्य सुरक्षा विधेयक से सरकारी संसाधनों पर दबाव।
सकारात्मक : महँगाई में कमी से ब्याज दरें घटने की आशा, यूरो संकट की अधिकांश बुरी खबरों का या तो समाधान निकलेगा या उनका असर भावों में शामिल। खुदरा निवेशकों की कम सहभागिता के चलते कीमत की नयी खोज तेज गति से होगी। रुपये में मजबूती लौटने की उम्मीद के चलते विदेशी निवेश का आना तेज हो सकता है।
तेज : बैंक, बुनियादी ढाँचा, आईटी, फार्मा।
धीमे : रियल एस्टेट, एफएमसीजी, हवाई सेवाएँ।
चुनिंदा शेयरों पर ध्यान देना बेहतर
सुदीप बंद्योपाध्याय, एमडी, डेस्टिमनी सिक्योरिटीज :
चिंताएँ : यूरोपीय संकट, नीतिगत ठहराव, महँगाई, कच्चे तेल के ऊँचे दाम।
सकारात्मक : घरेलू खपत से विकास।
तेज : फार्मा, ऑटो पुर्जे, दोपहिया।
धीमे : धातु, रियल एस्टेट।
5 सबसे पसंद शेयर : आईसीआईसीआई बैंक, डिविस लैब, रेमंड्स, एक्साइड, मैकलॉयड रसेल।
नजरिया : मध्यम से लंबी अवधि के लिए भारतीय बाजार सकारात्मक है। निवेश के लिए चुनिंदा शेयरों पर ध्यान देने की रणनीति बेहतर रहेगी।
यह साल बेहतर ही होगा पिछले साल से
जगदीश ठक्कर, निदेशक, फॉच्र्यून फिस्कल :
चिंताएँ : कमजोर रुपया, सुधारों की कमी, राजनीतिक अनिश्चितता, राज्यों के चुनाव, महँगाई, औद्योगिक उत्पादन में धीमापन।
सकारात्मक : अगर तेजी से सुधार हों महँगाई दर 6% के नीचे चली जाये, खुदरा एफडीआई लागू हो, निवेश के अनुकूल बजट आये, आरबीआई दरें घटाये और यूरोपीय संकट हल्का पड़े तो सकारात्मक।
तेज : बैंक, ऑटो, आईटी, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर गुड्स, चाय कंपनियाँ।
धीमे : कपड़ा, रियल एस्टेट, निर्माण (कंस्ट्रक्शन), बुनियादी ढाँचा, संचार।
5 सबसे पसंद शेयर : एचयूएल, आईटीसी, बजाज होल्डिंग्स, बजाज ऑटो, रिलायंस।
नजरिया : बीता साल भारतीय शेयर बाजार के लिए दुर्भाग्यपूर्ण रहा। पहले बाहरी कारणों से गिरावट आयी और उसके बाद अंदरुनी कारणों से। उम्मीद है कि नये साल में यह सब बातें उसी तीव्रता से नहीं दोहरायी जायेंगी। इसलिए बाजार वापस सँभल सकता है और अगर पहले नहीं भी तो 2013 के अंत तक शिखर को छू सकता है।
आर्थिक सुधारों से तय होगी बाजार की चाल
अमीषा वोरा, जेएमडी, प्रभुदास लीलाधर :
चिंताएँ : सरकारी घाटा, घटती विकास दर, सरकार की करवसूली में कमी, अर्थव्यवस्था की रफ्तार फिर तेज करने के लिए बड़े निवेश की जरूरत, बुनियादी ढाँचा विकास के लिए धन जुटाना मुश्किल क्योंकि इक्विटी या ऋण दोनों तरीकों से पूँजी जुटाने में दिक्कत।
सकारात्मक : संभावनाएँ काफी हैं, क्योंकि सही नीतियाँ बनें तो निवेश और माँग को बढ़ाया जा सकेगा और विकास दर में गिरावट रुक सकेगी।
तेज : आईटी, फार्मा, निर्यात आधारित क्षेत्र, कपड़ा, सीमेंट।
धीमे : सही नीतिगत कदम नहीं उठाने पर वित्तीय क्षेत्र और कैपिटल गुड्स।
5 सबसे पसंद शेयर : टाटा ग्लोबल बेवरेजेज, इन्फोसिस, सन फार्मा, मारुति, एसबीआई।
नजरिया : नये साल में भारतीय शेयर बाजार की चाल घटनाक्रम पर निर्भर रहेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार की स्थिति सँभलने की रफ्तार आर्थिक सुधारों से तय होगी।
राजनेताओं से हो रही है चिंता
हेमेन कपाडिय़ा, सीईओ, चार्टपंडित :
चिंताएँ : हमारे राजनेता।
सकारात्मक : कुछ नहीं।
तेज : एफएमसीजी, फार्मा।
धीमे : बैंक, कैपिटल गुड्स।
नजरिया : बाजार का रुख अभी नकारात्मक ही लग रहा है।
स्थिति साफ होने का इंतजार करना बेहतर
अरविंद पृथी, निवेश सलाहकार :
चिंताएँ : सरकारी घाटा, रुपये की कमजोरी, राजनीति के चलते नीतियों में ठहराव, यूरोप का गंभीर होता संकट।
सकारात्मक : कुछ खास नहीं।
तेज : फार्मा, एफएमसीजी।
धीमे : बुनियादी ढाँचा, सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियाँ।
5 सबसे पसंद शेयर : आदित्य बिड़ला नुवो, कैस्ट्रॉल, यस बैंक, सिप्ला, ग्रासिम।
नजरिया : निवेश करने से पहले स्थिति साफहोनेकाइंतजारकरलेनाबेहतरहै।
अगली गिरावट में शुरू करें खरीदना
आशु कक्कड़, तकनीकी विश्लेषक :
चिंताएँ : घरेलू राजनीतिक स्थितियाँ, आने वाले चुनाव, सुधारों का आगे नहीं बढऩा, कमजोर सरकार का फैसले नहीं ले पाना।
सकारात्मक : अब भी विश्व में दूसरी सबसे तेज विकास, बाजार काफी नीचे।
तेज : फार्मा, एफएमसीजी, आईटी।
धीमे : वित्तीय क्षेत्र, बुनियादी ढाँचा, रियल एस्टेट।
5 सबसे पसंद शेयर : इन्फोसिस, टीसीएस, डिविस लैब्स, यस बैंक, विप्रो।
नजरिया : अभी और गिरावट संभव है, पर जनवरी-मार्च तिमाही में गिरावट पर खरीदारी शुरू करें। अगली दो तिमाहियाँ मुश्किल रहेंगी। वैश्विक स्थिति और बिगड़ेगी।
सरकार ध्यान दे बुनियादी ढाँचे पर
मनसिजे मिश्र, निवेश सलाहकार :
चिंताएँ : विकास दर में धीमापन, भारत की रेटिंग घटने की संभावना, बाकी उभरते बाजारों की तुलना में भारत को मिलने वाला प्रीमियम घटने की आशंका।
सकारात्मक : ब्याज दरों में कमी, जो मार्च से जून 2012 के बीच शुरू हो सकती है।
तेज : बैंक, सॉफ्टवेयर, एफएमसीजी।
धीमे : बुनियादी ढाँचा, ऊर्जा, सीमेंट, धातु।
नजरिया : साल की शुरुआत मुश्किलों भरी रहेगी। मार्च से जून के बीच ब्याज दरों में कमी शुरू होने से कुछ ऊर्जा लौट सकती है। उम्मीद है कि सरकार सुधारों की प्रक्रिया फिर शुरू करेगी, जो बहुत जरूरी है। साथहीसरकारकोबुनियादीढाँचाविकासऔरनयेरोजगारसृजनपरध्यानदेनाहोगा।
घरेलू खपत की कहानी पर भरोसा
विजय चोपड़ा, नेशनल हेड, फुलर्टन सिक्योरिटीज :
चिंताएँ : महँगाई, ब्याज दरें, नकदी की कमी, नीतियों में ठहराव, एफआईआई निवेश का रुकना, औद्योगिक विश्वास में कमी, अमेरिका और यूरोप की स्थिति।
सकारात्मक : घरेलू खपत की कहानी कायम, काफी कंपनियों के पास परियोजनाओं की अच्छी कतार, ब्याज दरें अब नहीं बढ़ेंगी।
तेज : हेल्थकेयर, एफएमसीजी।
धीमे : बिजली, रियल एस्टेट।
5 सबसे पसंद शेयर : आईटीसी, आईडीएफसी, आईडीबीआई, बायोकॉन, ल्युपिन।
नजरिया : पहली छमाही में बाजार कमजोर रहेगा, लेकिन दूसरी छमाही में यह तेज होगा। ब्याज दरों का चक्र पूरा होने के बाद इसमें गिरावट शुरू होने से अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ेगी, जिससे औद्योगिक क्षेत्र से दबाव हटेगा और धारणा सुधरेगी।
एफआईआई भला और कहाँ जायेंगे?
कुणाल सरावगी, सीईओ, इक्विटी रश :
चिंताएँ : वैश्विक स्थिति, सरकारी बैंकों में डूबे कर्ज (एनपीए) का ऊँचा अनुपात, रुपये में कमजोरी, महँगाई।
सकारात्मक : एफआईआई के पास दूसरे आकर्षक वैकल्पिक बाजारों की कमी, इस साल ब्याज दरें घटने की उम्मीद, उपभोक्ताओं की घरेलू माँग मजबूत।
तेज: बैंक, एफएमसीजी, फार्मा, हेल्थकेयर।
धीमे : आईटी, मीडिया, बिजली, इन्फ्रा।
5 सबसे पसंद शेयर : एबीजी शिपयार्ड, एस्कॉट्र्स, भारती एयरटेल, आदित्य बिड़ला नुवो, मोनसांटो।
नजरिया : साल 2012 की पहली तिमाही में बाजार दबाव में रहेगा, लेकिन ब्याज दरें घटने की उम्मीद पर अमल शुरू होने के बाद स्थिति बेहतर होगी। तब तक घरेलू राजनीति भी कुछ शांत होगी। इसलिए साल की दूसरी तिमाही से बाजार ऊपर चढऩा शुरू करेगा।
2013-14 से पहले रिकॉर्ड ऊँचाई नहीं
सुनील मिंगलानी, तकनीकी विश्लेषक :
चिंताएँ : सुधारों पर अनिर्णय, बुनियादी ढाँचे की कमजोर बढ़त, बजट घाटा।
सकारात्मक : घरेलू खपत।
तेज : चीनी, बैंक, बुनियादी ढाँचा, दोपहिया, बिजली।
धीमे : फार्मा, आईटी, खपत आधारित।
5 सबसे पसंद शेयर : रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईआरबी इन्फ्रा, बैंक ऑफ बड़ौदा, रेणुका शुगर, आरईसी।
नजरिया : 2012 की पहली छमाही में ब्याज दरों, महँगाई और बजट घाटे को लेकर बाजार की चिंताएँ बढ़ेंगी। लेकिन दूसरी छमाही में बुनियादी ढाँचे पर सकारात्मक सरकारी रुख से बाजार में कुछ उत्साह आने की आशा है। हालाँकि भारतीय बाज़ार में 2013-14 से पहले ऐसी किसी तेजी की उम्मीद नहीं है, जो इसे 2008 के उच्चतम स्तरों से भी ऊपर ले जा सके।
(निवेश मंथन, जनवरी 2012)