कोलकाता डायरी
पश्चिम बंगाल में ‘परिबर्तन’ का नारा जोरों पर है और यहाँ तक कि राज्य का नाम भी बदल कर पश्चिमबंग करने के लिए राज्य विधानसभा ने विधेयक पारित कर दिया है। दावा यह है कि केवल राज्य का नाम नहीं बदल रहा, बल्कि इसकी सूरत और सीरत भी बदल रही है।
कोलकाता को लंदन बनाने की बात कही जा रही है। निवेशकों को न्योता दिया जा रहा है कि वे आयें निवेशकों के अनुकूल माहौल वाले नये बंगाल में, जहाँ चोलबे ना की राजनीति पर विराम लगा कर जो कल करे सो आज कर का नारा लगाया जा रहा है। लेकिन क्या यह सब आसान होगा? पेश है केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के नेता सुल्तान अहमद से राजेश सिसौदिया की खास बातचीत।
आपकी पार्टी की राज्य सरकार कोलकाता को लंदन बनाने की बात कह रही है। इसका मतलब क्या है?
पहली बार राज्य सरकार और केंद्रीय सरकार ने मिल कर एक अनूठा प्रयोग शुरू किया है। लंदन की टेम्स नदी के मॉडल पर कई एजेंसियाँ इस योजना पर काम कर रही हैं। राइट्स इस पर डीपीआर बना रही है और योजना आयोग से भी बात हो रही है। योजना पर कितनी लागत आयेगी, यह तभी पता चलेगा।
राज्य में निवेश का माहौल कैसे बेहतर होगा?
ममता बनर्जी के नेतृत्व में बेहतर माहौल बन रहा है। राज्य सरकार ने तय किया है कि चाय, जूट, इंजीनियरिंग और आईटी जैसे उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा। इन्फोसिस, विप्रो, कॉग्निजेंट जैसी आईटी कंपनियाँ नयी योजनाओं के साथ आ रही हैं, जिन पर हजारों करोड़ रुपये का निवेश होना है। बंद कारखानों की जगह ही नये कारखाने लगाये जायेंगे। उद्योगपतियों से बात की जा रही है। जिंदल स्टील पश्चिम मिदिनापुर के सालबोनी में अपना संयंत्र जल्द शुरू करेगी।
क्या उद्योगों के लिए कोई खास पैकेज तैयार किया जा रहा है?
इस बारे में काम हो रहा है। मेरी राय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर उद्योगों के लिए नया पैकेज बनना चाहिए, ताकि अधिक-से-अधिक निवेश राज्य में लाया जा सके। राज्य की औद्योगिक नीति में काफी बदलाव किये गये हैं और ये नयी नीतियाँ उद्योगपतियों के लिए लाभदायक होगी।
राज्य में पर्यटन के लिए और क्या योजनाएँ हैं?
मैं देश भर के उद्योगपतियों से आग्रह कर रहा हूँ कि वे एक बार बंगाल आयें। यहाँ अपार संभावनाएँ हैं, जिन्हें 34 सालों तक अनदेखा किया गया। यहाँ सागर तट है, सुंदरबन है, पहाड़ है, जंगल है। अगले दो सालों में यह राज्य पर्यटन के लिए एकदम अनुकूल राज्य होगा। उद्योगपति अपनी योजनाओं के लिए राज्य सरकार या मेरे मंत्रालय से सीधा संपर्क कर सकते हैं, हम उनका स्वागत करेंगे।
क्या आपको लगता है कि राज्य को केंद्र से कम मदद मिल रही है?
ऐसा नहीं है। अभी शुरुआत है और 20,000 करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज मिला है। आगे और भी मदद मिलेगी। बुनियादी कामकाज और विकास पर तेजी से काम आगे बढ़ रहा है। सबका साथ मिलेगा तो जल्द ही बंगाल देश का सबसे विकसित राज्य बन जायेगा। हम व्यापार के लिए सबसे बेहतर माहौल देंगे।
सुल्तान अहमद, केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री
(निवेश मंथन, सितंबर 2011)