जाल-बट्टा
आपको भी क्या ऐसा ही कोई ईमेल मिला है - शानदार नौकरी के लिए प्रस्ताव मारुति सुजुकी या ऐसी ही किसी दिग्गज कंपनी की तरफ से? बिना कोई आवेदन किये, एकदम अचानक? आप सोचने लगे हों कि अरे, शायद सोयी किस्मत जाग गयी!
हाल में कुछ लोगों को मारुति सुजुकी इंडिया के नाम से ऐसा ही ईमेल मिला। ईमेल के अंत में किसी और का नहीं, सीधे कंपनी के एमडी का नाम लिखा था। इसमें कहा गया कि नौकरी के साक्षात्कार के लिए आपको चुन लिया गया है। इंजीनियरिंग, आईटी, ऐडमिनिस्ट्रेशन, प्रोडक्शन, मार्केटिंग और जनरल सर्विस जैसे तमाम विभागों के नाम लिखे इस ईमेल में। साक्षात्कार के लिए दिन, समय और जगह का भी जिक्र था इस मेल में। कहीं और नहीं बल्कि कंपनी के दिल्ली के कॉर्पोरेट कार्यालय में बुलाया गया था। यह मेल बता रहा था कि केवल 62 लोगों को इस साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है और उनमें से 55 आवेदकों को नियुक्ति दी जायेगी। कोई भी सोचेगा कि अरे, 62 में से 55 लोगों को चुनना है तो मुझे जरूर ही नौकरी मिल जायेगी। इतना ही नहीं, कंपनी आपको इस साक्षात्कार के लिए आने-जाने का हवाई जहाज का टिकट भी दे रही है। साक्षात्कार की तिथि से ठीक पहले आपको यह टिकट कुरियर से मिलेगा। अब जरा वेतन-भत्ते देख लें। मासिक वेतन 62,000 रुपये से लेकर 2.00 लाख रुपये तक। कंपनी की दूसरी तमाम सुविधाएँ भी मिलेंगी। अरे भाई, लगता है सारे देवी-देवता एक साथ मेहरबान हो गये। आगे कुछ दस्तावेजों के नाम भी बताये गये कि इस साक्षात्कार में क्या-क्या लाना है।
और अब बतायी गयी एक छोटी-सी बात। आपको कंपनी के एकाउंटेंट के खाते में एक 9,700 रुपये की एक छोटी सी रकम जमा करानी है। ना ना, घबरायें नहीं, यह पैसा आपको वापस मिल जायेगा। यह तो साक्षात्कार के लिए बस एक शुरुआती जमानत राशि है, जो लौटा दी जायेगी। पैसा किस खाते में जमा करना है, यह आपको तब बताया जायेगा, जब आप इस ईमेल का जवाब देंगे। जब आप यह पैसा जमा करा कर साक्षात्कार में अपना शामिल होना पक्का कर देंगे तो कंपनी आपको प्रस्ताव पत्र (ऑफर लेटर) और हवाई टिकट भेज देगी। और हाँ, जब आप साक्षात्कार में आमने-सामने मिलेंगे तो कंपनी आपके सारे खर्चों का भुगतान कर देगी।
आपकी नौकरी किस स्तर की होगी और कितना वेतन मिलेगा जैसी तमाम बातें उसी प्रस्ताव पत्र में लिखी होंगी। जैसे ही आप हमारे बताये खाते में पैसा जमा करा देने की जानकारी देंगे, वैसे ही यह प्रस्ताव पत्र आपको भेज दिया जायेगा। आने-जाने, ठहरने, बाकी किसी खर्च वगैरह के बारे में कोई चिंता न करें। कंपनी यह सारा खर्च उठायेगी। आप बस पहले ये 9,700 रुपये जमा करा दें। आप यह भी न सोचें कि बाद में नौकरी के लिए नहीं चुने गये तो यह पैसे डूब जायेंगे। नौकरी के लिए नहीं चुने गये तो भी यह पैसा वापस मिल जायेगा।
जनाब कोई संदेह न करें, हम आपसे ये पैसा केवल इसलिए जमा करा रहे हैं कि इस साक्षात्कार में आपका आना पक्का हो। कहीं आपको हवाई टिकट वगैरह भेजने के बाद भी आप नहीं आये तो हमारा नुकसान हो जायेगा ना! इस मेल में यह सलाह भी दी गयी कि आप इस मेल का जो जवाब भेजें, उसमें अपना पता और फोन नंबर भी जरूर लिखें। (अब हम आपको यह तो लिख नहीं सकते ना कि हमने केवल 62 लोगों को नहीं, लाखों लोगों को यह मेल भेजा है, आखिर कौन जाल में फंसा यह हमें कैसे पता चलेगा!)
यह कहने की कोई जरूरत ही नहीं कि यह बस मछलियाँ फांसने के लिए लाखों लोगों को भेजा गया फिशिंग मेल है। निवेश मंथन ने मारुति से इस बाबत कुछ नहीं पूछा, क्योंकि पूछने की कोई जरूरत ही नहीं लगी। यहाँ साफ है कि मारुति के नाम का दुरुपयोग किया गया है। कल किसी और बड़ी कंपनी का नाम लेकर इसी तरह लोगों को धोखा देने की कोशिश की जायेगी। जिन लाखों लोगों को ऐसे मेल भेजे जाते हैं, उनमें से अधिकांश लोग इसके फर्जीवाड़े को समझ जाते हैं। लेकिन अगर हजार में एक आदमी भी झांसे में आ गया तो यही इन ठगों के लिए काफी हो जाता है।
लेकिन जितनी आसानी से ये ठग जाल बुनते हैं, उतनी ही आसानी से इनका जाल काटा भी जा सकता है। आम तौर पर यह होता है कि इनके जालबट्टे को समझने वाले लोग ऐसे ईमेल को बस अपने इनबॉक्स से मिटा देते हैं। कभी ऐसे मेल का जवाब दीजिए, उस ठग को अपने थोड़ा पास आने दीजिए। उससे कहिए कि आप पैसा देना चाहते हैं। लेकिन अपने बारे में कुछ बताने के बदले खुद उससे जानकारियाँ मांगें। अभी वह गुमनाम है। लेकिन पैसे पाने के लिए उसे अपना खाते का ब्योरा देना होगा। या फिर वह पैसा पाने के लिए आपको कोई और तरीका बतायेगा। इस मुकाम पर आप पुलिस से संपर्क करें, जिस कंपनी का नाम लिया गया हो उसे भी बतायें। पुलिस या कंपनी के पास जाने में कोई संकोच हो तो बस निवेश मंथन को इसकी जानकारी भेज दें।
(निवेश मंथन, अगस्त 2011)