रामसर्वे डॉट कॉम
मिर्जापुर की यह कंपनी राम नरेश सर्वे इंटरनेशनल प्रा.लि. हाल में सिंतबर 2010 में ही बनी। इसका 11 महीने का सदस्य बनने वालों को 3,500 रुपये देने होते थे। हर हफ्ते यह कंपनी दो सर्वेक्षण फॉर्म भेजती थी, और हर फॉर्म के लिए 250 रुपये देने का वादा था। यानी केवल डेढ़ महीने में आपके पैसे वापस और उसके बाद मुफ्त की कमाई चालू। इस कंपनी से जुडऩे वाले एक-दो सदस्यों ने बताया कि इसमें कम-से-कम दो नये सदस्य बनवाने के बाद ही अपने पैसे मिलने शुरू होते थे, लेकिन इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकी। कंपनी की वेबसाइट पर इस बारे में बेहद कम जानकारी मिली। पिछले एक-महीनों से अलग-अलग शहरों से इसके बारे में लोगों की शिकायतों पर पुलिस की कार्रवाई की खबरें आती रही हैं।
सिटी लिमोजीन
मुंबई के मेकर्स टावर्स में आईएसओ 9000 का तमगा लेकर बैठी इस कंपनी की लक्जरी कार योजना भी कम लुभावनी नहीं थी। इसमें निवेशक को किसी लक्जरी कार की कीमत का केवल 25% हिस्सा देना था। बाकी पैसा यह कंपनी लगाती और ड्राइवर के वेतन, पेट्रोल और रखरखाव के खर्च भी खुद उठाती। कंपनी का कहना था कि वह कार को सरकारी संस्थानों वगैरह को किराये पर देगी। निवेशक को हर 2-3 महीनों में से 2-3 दिन खुद वह कार इस्तेमाल करने का मौका मिलता। साथ ही कंपनी 5 साल तक निवेशक को हर महीने किराये की एक रकम भी देती और इसके बाद वह कार निवेशक को ही मिल जाती। योजना बड़े लुभावने तरीके से दिलचस्प है, लेकिन अगर आज आप इंटरनेट पर इस कंपनी का नाम खोजें तो हर जगह केवल इसके निवेशकों की शिकायतें ही मिलेंगी, जो अपनी गाढ़ी कमाई डूबने का रोना रो रहे हैं।
स्टॉकगुरु इंडिया
दिल्ली के एक व्यक्ति लोकेश्वर देव जैन ने इसे चलाया था। वित्तीय सलाहकार होने का दावा करने वाली इस कंपनी की योजना में 1,000 रुपये का पंजीकरण शुल्क करने के बाद कम-से-कम 10,000 रुपये का शुरुआती निवेश करना होता था। यह कंपनी हर महीने 20% फायदे का लालच दे रही थी। यहाँ तक कि निवेशकों को भविष्य की तारीख के चेक भी पंजीकरण कराने के समय ही दे दिये जाते थे। लेकिन इस साल फरवरी में इसका बुलबुला फूट गया। ध्यान रखें कि साल-दर-साल केवल 20% का फायदा लेते चले गये वारेन बफेट दुनिया के सबसे अमीर निवेशक बन गये। लेकिन हर महीने 20% पाने के लालच में पड़े लोगों ने अपनी लुटिया डुबा ली। लोकेश्वर जैन इन दिनों फरार बताया जाता है।
गोल्डक्वेस्ट इंडिया
इस कंपनी के बारे में भी इंटरनेट के शिकायती मंचों पर होने वाली चर्चा ही ज्यादा मिलती है। ऐसे ही एक शिकायती फोरम पर रविकांत नाम के व्यक्ति बता रहे हैं कि उन्होंने इसके फेर में केवल अपने 6 लाख रुपये ही नहीं, अपने मित्रों और परिवार के लोगों के साथ संबंध भी गँवा दिये। यह कंपनी अपनी मार्केटिंग शाखा क्वेस्टनेट इंडिया के जरिये मल्टीलेवल मार्केटिंग का कारोबार चलाती थी। इंटरनेट पर दर्ज शिकायतों से पता चलता है कि इस कंपनी के निवेशकों को सोने के सिक्के एंटीक के नाम पर ऊँची कीमत पर बेचे जाते थे और उन्हें भरोसा दिलाया जाता था कि इन सिक्कों की कीमत बहुत कम समय में कई गुना हो जायेगी। इस कंपनी के एमडी पुष्पम अप्पलनायडू को चेन्नई पुलिस ने मई 2008 में गिरफ्तार किया था। उस समय की खबरों के मुताबिक 8000 से ज्यादा निवेशकों ने इसके खिलाफ पुलिस में शिकायतें दर्ज करायी थीं।
अभय गांधी
एक ताजा किस्सा अहमदाबाद के अभय गांधी का है, जो शेयर कारोबार करने वाली कंपनी एआईएसई कैपिटल मैनेजमेंट प्रा.लि. का निदेशक और प्रमोटर है। इस पर भी पोंजी योजना चला कर लोगों को ठगने का आरोप है। उसने अपनी कंपनी के जरिये दो लाख रुपये का निवेश करने वालों को हर तिमाही में 20% का फायदा दिलाने और चार लाख रुपये या इससे ज्यादा का निवेश करने वालों को हर तिमाही में 40% का फायदा दिलाने का लालच दिया। खबरों के मुताबिक दूसरों को अमीर बनने का सपना दिखाने वाले अभय गांधी ने जुलाई 2011 तक अभिनेत्री दीपिका पादुकोण से शादी करने, सितंबर 2012 तक ऑडी कार खरीदने और सितंबर 2030 तक 10,000 करोड़ रुपये जुटाने के सपने देख रखे थे। अभी वह अपने पूरे परिवार के साथ फरार बताया जा रहा है।
(निवेश मंथन, अगस्त 2011)