यह भारत नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी है और इसके तिमाही नतीजे बाजार की उम्मीदों से काफी आगे रहे।
साल 2010-11 की चौथी तिमाही में इसका कंसोलिडेटेड मुनाफा 4,220 करोड़ रुपये रहा, जो तीसरी तिमाही से 61% ज्यादा था। इसकी कंसोलिडेटेड आमदनी जनवरी-मार्च 2011 की तिमाही में करीब 15,000 करोड़ रुपये रही, जो बाजार के अनुमानों से करीब 250 करोड़ रुपये ज्यादा थी। ठीक पिछली तिमाही के मुकाबले यह आमदनी 18' ज्यादा रही। साल-दर-साल की तुलना नहीं की जा सकी, क्योंकि सूचीबद्ध होने (लिस्टिंग) से पहले की अवधि के चलते पिछले कारोबारी साल की चौथी तिमाही के आँकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
(निवेश मंथन, अगस्त 2011)