भारत में जमीन-जायदाद (रियल एस्टेट) क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी डीएलएफ का जनवरी-मार्च 2011 का कंसोलिडेटेड मुनाफा ठीक पिछली तिमाही के 466 करोड़ रुपये से घट कर 345 करोड़ रुपये हो गया।
इस तरह मुनाफे में तिमाही-दर-तिमाही 26% और साल-दर-साल 19.25% की कमी आयी। हालाँकि कंपनी की कुल आमदनी में बढ़त दर्ज की गयी। यह पिछली तिमाही के 2594 करोड़ रुपये से 11% बढ़ कर 2870 करोड़ रुपये पर पहुँची। तिमाही आमदनी की साल-दर-साल तुलना करने पर 34% की बढ़त दर्ज की गयी।
पिंक रिसर्च ने इन नतीजों के बाद जारी रिपोर्ट में डीएलएफ का लक्ष्य घटा कर 315 रुपये किया, मगर उस समय के 212 रुपये के भाव पर इसे खरीदने की सलाह दी। इसने कहा कि डीएलएफ का तिमाही मुनाफा उसके अनुमान से 36% कम है और यह कमी कच्चे माल की कीमत में एक बार की 475 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की वजह से आयी।
इसने कंपनी की आमदनी को अपने अनुमान से बेहतर बताया। हालाँकि इसने यह राय दी कि डीएलएफ को आगे चल कर कुछ नयी परियोजनाओं की शुरुआत करनी होगी और अतिरिक्त (नॉन-कोर) संपत्तियों की बिक्री करके अपने वास्तविक कर्ज के स्तर में कमी करनी होगी। इसने यह भी कहा कि लीज के बारे में कंपनी के ठंडे अनुमानों, कमजोर नतीजों और कर्ज में कमी वाला कोई काम नहीं होने की वजह से निकट भविष्य में यह शेयर दबाव में रहेगा।
(निवेश मंथन, जुलाई 2011)