साल 2010-11 की चौथी तिमाही में ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड का मुनाफा 26' घट गया। जनवरी-मार्च 2011 के दौरान कंपनी का मुनाफा 2,790.86 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 3,776.41 करोड़ रुपये रहा था।
ठीक पिछली तिमाही के मुकाबले इसके मुनाफे में 61' की बड़ी गिरावट आयी। हालाँकि कंपनी की कुल तिमाही आय पिछले साल की चौथी तिमाही के 16,471.47 करोड़ रुपये से बढ़ कर 16,693.48 करोड़ रुपये हो गयी।
एनाम सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ओएनजीसी के नतीजे बाजार के औसत अनुमानों और खुद उसके अनुमानों से कमजोर रहे। एनाम के मुताबिक नतीजों में यह कमजोरी सब्सिडी के बोझ और पश्चिमी तट पर तेल के रिसाव की वजह से आयी। साथ ही सूखे तेल कुओं को बट्टे खाते में डालने का भी असर पड़ा। एनाम का मानना है कि कंपनी की आमदनी और मूल्यांकन लिहाज से सब्सिडी का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण है। जब तक सरकार सब्सिडी के मुद्दे पर साफ फैसला नहीं कर लेती, तब तक एनाम ने इस शेयर को समीक्षा की श्रेणी में डाल रखा है।
टाटा सिक्योरिटीज की राय ओएनजीसी के बारे में सकारात्मक है। इसने इसका लक्ष्य भाव 325 रुपये रख कर इसे खरीदने की सलाह दी है। इसका मानना है कि कंपनी आईओआर/ईओआर तकनीक की मदद से अपने पुराने घरेलू क्षेत्रों में उत्पादन में हो रही कमी को रोक सकेगी। कंपनी ने हाल में 386 अरब रुपये के निवेश से आईओआर / ईओआर तकनीक लगायी है।
एंजेल ब्रोकिंग ने भी ओएनजीसी के लिए अगले 12 महीनों का लक्ष्य भाव 328 रुपये रखा है और इसे खरीदने की सलाह दी है। हालाँकि इसके मुताबिक चौथी तिमाही के नतीजे इसके अनुमान से कमजोर रहे। इसने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया कि सरकार ने सब्सिडी की साझेदारी में तेल-उत्पादक (अपस्ट्रीम) कंपनियों का हिस्सा बढ़ा दिया। इसके चलते कंपनी को 2009-10 की चौथी तिमाही के 4,999 करोड़ रुपये की तुलना में इस बार चौथी तिमाही में 12,135 करोड़ रुपये की सब्सिडी का बोझ उठाना पड़ा। लेकिन एंजेल का मानना है कि मौजूदा शेयर भावों पर लाभ और जोखिम का अनुपात लाभ के पक्ष में ज्यादा है। निकट भविष्य में फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) की संभावना के चलते इस पर दबाव रहने की चिंता जरूर है। लेकिन एंजेल की राय है कि उत्पादन की मात्रा बढऩे और इसे अपने उत्पादन पर मिलने वाली शुद्ध प्राप्ति (नेट रियलाइजेशन) भी बढऩे के चलते ये चिंताएँ ज्यादा असर नहीं करेंगी।
(निवेश मंथन, जुलाई 2011)