कारोबारी साल 2012-13 की पहली तिमाही में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के मुनाफे में 18% की कमी आयी है। अप्रैल-जून 2012 तिमाही में कंपनी को 696 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 848 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। कंपनी की कुल आमदनी में भी 3% की गिरावट दर्ज हुई है। अप्रैल-जून 2012 तिमाही में कंपनी की कुल आमदनी 11056 करोड़ रुपये रही है। पिछले साल की इसी अवधि में इसकी कुल आय 11408 करोड़ रुपये रही थी।
सेल के निराशाजनक नतीजों के बाद कई ब्रोकिंग फर्मों ने इन आँकड़ों को अपने अनुमानों से काफी कमजोर बताया है। आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने इन नतीजों पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा कि सेल की 10,777 करोड़ रुपये की तिमाही आय उनके 11,138 करोड़ रुपये के अनुमान से कम रही। साथ ही एबिटा आय भी आईसीआईसीआई डायरेक्ट के 1650 करोड़ रुपये के अनुमान से कम केवल 1515 करोड़ रुपये रही। इस ब्रोकिंग फर्म ने सेल का एबिटा मार्जिन 14.8% रहने का आकलन किया था, जबकि वास्तव में यह 14.1% रहा। सेल का तिमाही 696 करोड़ रुपये रहा जो आईसीआईसीआई डायरेक्ट के 817 करोड़ रुपये के आकलन से काफी नीचे रहा। ब्रोकिंग फर्म के मुताबिक विदेशी मुद्रा का 257 करोड़ रुपये का नुकसान इसका प्रमुख कारण रहा।
एंजेल ब्रोकिंग के विश्लेषक भवेश चौहान ने इन नतीजों पर कहा कि सेल की आमदनी और मुनाफे, दोनों के आँकड़े हमारे अनुमानों से कमजोर रहे हैं। इनमें यह कमी बिक्री की मात्रा अनुमान से कम रह जाने की वजह से आयी है। भवेश के मुताबिक कंपनी का मुनाफा (समायोजित) एंजेल के अनुमान से करीब 12% कम रहा। आगे चल कर कंपनी को अपनी क्षमता विस्तार का फायदा मिलेगा, लेकिन यह फायदा 2013-14 से ही शुरू हो पायेगा। भवेश ने कंपनी के मौजूदा मूल्यांकन को उचित से ज्यादा करार दिया है और इस शेयर के बारे में अपना नजरिया उदासीन रखा है।
वहीं ब्रोकिंग फर्म मोतीलाल ओसवाल ने कंपनी के नतीजों के बाद सेल के शेयर को बेचने की सलाह दी है और इसका लक्ष्य भाव 80 रुपये रखा है।
टाटा मोटर्स : महिंद्रा से पीछे छूट जाने का अफसोस
टाटा मोटर्स के नतीजों ने रतन टाटा को निराशा किया है। कंपनी की 67वीं सालाना बैठक में रतन टाटा ने कहा कि हमें अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर बनना होगा। उन्होंने कहा कि %महिंद्रा एंड महिंद्रा जो कर पाया है, उसे लेकर मेरे मन में गहरा सम्मान है। लेकिन मेरे मन में कुछ हद तक उदासी और शर्म है कि हमने ऐसा होने दिया।Ó यह रतन टाटा की चेयरमैन के तौर पर टाटा मोटर्स की आखिरी सालाना बैठक थी।
पहली तिमाही में कंपनी को 440 करोड़ रुपये का फॉरेक्स घाटा हुआ। कंपनी के वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गयी है। कंसोलिडेटेड मुनाफा बढ़ कर 2245 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले साल की इसी अवधि में यह 2000 करोड़ रुपये था। मुनाफे में 12.3% का इजाफा हुआ है। अप्रैल-जून 2012 तिमाही में कंपनी की कुल आय 30% बढ़ कर 43562 करोड़ रुपये दर्ज हुई है। अप्रैल-जून 2011 तिमाही में यह 33454 करोड़ रुपये रही थी। साल 2012-13 की पहली तिमाही में कंपनी की बिक्री 30% बढ़ कर 43,171 करोड़ रुपये दर्ज हुई है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में कंपनी की बिक्री 33,108 करोड़ रुपये रही थी। कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग फर्म ने टाटा मोटर्स नतीजों के बाद खरीद रेटिंग को घटा कर होल्ड यानी रखें कर दिया है। इसका लक्ष्य भाव 268 रुपये दिया है।
कोल इंडिया : अच्छी चमक ने लुभाया बाजार को
कोल इंडिया का मुनाफा ब्रोकिंग फर्म मोतीलाल ओसवाल के अनुमान से ज्यादा है। कोल इंडिया लिमिटेड के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 7.84% की बढ़ोतरी हुई है। कारोबारी साल 2012-13 की पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा 4469 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले अप्रैल-जून 2011 की इसी तिमाही में यह 4144 करोड़ रुपये था। कंपनी की कुल आय में 16% की बढ़ोतरी हुई है। इस तिमाही में कंपनी की कुल आय 18,572 करोड़ रुपये रही है, जबकि पिछले साल इस अवधि में यह 16,066 करोड़ रुपये रही थी। कंपनी का कहना है कि नयी मूल्य व्यवस्था (जीसीवी), ज्यादा बिक्री तथा ई-नीलमी से उच्च प्राप्ति के कारण कंपनी का मुनाफा बढ़ा है। कंपनी के शेयर के प्रति ब्रोकिंग फर्म का नजरिया सकारात्मक है। मोतीलाल ओसवाल सलाह है कि कंपनी के शेयर को 408 रुपये के लक्ष्य के साथ खरीदना चाहिए।
महिंद्रा सत्यम ने चौंकाया बेहतर नतीजों से
महिंद्रा सत्यम ने अपने तिमाही कारोबारी नतीजों से बाजार को चौंकाया है और आम तौर पर ब्रोकिंग फर्मों ने इसे लेकर सकारात्मक राय जाहिर की है। एंजेल ब्रोकिंग की आईटी विश्लेषक अंकिता सोमानी का कहना है कि 2012-13 की पहली तिमाही में इस कंपनी के नतीजे एंजेल ब्रोकिंग के और आमतौर पर पूरे बाजार के अनुमानों से बेहतर रहे हैं। अंकिता का मानना है कि महिंद्रा सत्यम अपने कामकाज की मात्रा में अच्छी बढ़त के साथ लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है और इस शेयर के बारे में उनका नजरिया आगे के लिए भी सकारात्मक ही है।
अंकिता के मुताबिक पहले महिंद्रा सत्यम के लिए उनका लक्ष्य भाव 88 रुपये का था, जो इस समय पूरा हो चुका है। इस संभावित लक्ष्य के करीब मौजूदा भाव रहने की स्थिति में उनकी सलाह है कि कोई गिरावट आने पर महिंद्रा सत्यम में खरीदारी की जा सकती है। कंपनी की आमदनी तिमाही-दर-तिमाही 3% बढ़ कर 34.2 करोड़ डॉलर रही जो इसी क्षेत्र की कई समकक्ष कंपनियों से बेहतर है। कामकाज की मात्रा (वॉल्यूम) बढऩे से इस बढ़ोतरी में खास योगदान मिला। अगर नियत मुद्रा (कॉन्स्टैंट करंसी) के रूप में देखें तो इसकी आमदनी में तिमाही-दर-तिमाही बढ़त 4.6% रही है। यह भी कई दिग्गज आईटी कंपनियों की तुलना में बेहतर है।
सोमानी के मुताबिक कामकाजी स्तर पर भी इसका प्रदर्शन उनके अनुमान से बेहतर रहा है। एबिटा मार्जिन 4.80% अंक उछल कर 21.7% पर आ गया। कंपनी का तिमाही मुनाफा 352 करोड़ रुपये रहा, जिसमें 66 करोड़ रुपये फॉरेक्स लाभ से मदद मिली, जबकि ठीक पिछली तिमाही में यानी 2011-12 की चौथी तिमाही में इसे 59 करोड़ रुपये का फॉरेक्स घाटा उठाना पड़ा था।
कंपनी के सक्रिय ग्राहकों की संख्या 314 से बढ़ कर 372 हो गयी है। उत्पादन (मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्र में इसका कामकाज बेहतर रहा। बीएफएसआई क्षेत्र में भी इसने करीब 2% की बढ़त हासिल की, जबकि कई दिग्गज कंपनियों ने इस क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन किया है। एंजेल ने इस शेयर को खरीदने की सलाह दी है और इसका लक्ष्य भाव 97 रुपये रखा है।
मारुति : कारों के बाजार से आशा की किरण
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के तिमाही मुनाफे में 23% की गिरावट दर्ज हुई है। कारोबारी साल 2012 की पहली तिमाही में कंपनी को 424 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में कंपनी को 549 करोड रुपये का मुनाफा हुआ था। हालाँकि इस दौरान कंपनी की कुल आमदनी में 26% का इजाफा हुआ है। कंपनी की कुल आमदनी बढ़ कर 10890 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि अप्रैल-जून 2011 के दौरान यह 8638 करोड़ रुपये रही थी।
इस तिमाही में कंपनी की शुद्ध बिक्री में 27.5% का इजाफा हुआ है। कंपनी की शुद्ध बिक्री बढ़ कर 10,529 करोड़ रुपये हो गयी है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में कंपनी यह 8,256 करोड़ रुपये रही थी।
एंजेल ब्रोकिंग के मुताबिक मारुति सुजुकी के ये नतीजे अनुमानों के कमजोर रहे हैं। कारोबारी साल 2012-13 की पहली तिमाही में डॉलर के मुकाबले रुपये में आयी कमजोरी का असर मुनाफे पर देखने को मिला है। हालाँकि यात्री कारों के बाजार को देखते हुए ब्रोकिंग फर्म ने लंबी अवधि के लिए अपना नजरिया सकारात्मक रखा है। ब्रोकिंग फर्म की सलाह है कि निवेशक 1227 रुपये के लक्ष्य के साथ कंपनी के शेयर को जमा करें।
एचडीएफसी : नतीजे अनुमान के मुताबिक अच्छे
हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (एचडीएफसी) के तिमाही मुनाफे में साल-दर-साल 18.6% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। 30 जून 2012 को खत्म तिमाही में इसका मुनाफा 1001.91 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले साल की ठीक इसी तिमाही में इसका मुनाफा 844.53 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान एचडीएफसी की कुल आमदनी में बढ़ोतरी हुई है और यह पिछले साल की अप्रैल-जून तिमाही के 3,821.60 करोड़ रुपये से बढ़ कर 4,942.31 करोड़ रुपये हो गया है।
एंजेल ब्रोकिंग के वीपी वैभव अग्रवाल के मुताबिक एचडीएफसी के ये नतीजे अनुमानों के मुताबिक रहे हैं। उनका कहना है कि एचडीएफसी की ओर से दिये गये ऋणों में उद्योग के औसत की तुलना में तेज बढ़ोतरी जारी है। एचडीएफसी अब एक रक्षात्मक शेयर जैसा व्यवहार कर रहा है और इसका मूल्यांकन पहले से ही कुछ ऊँचा है। लिहाजा इन स्तरों से 12-18 महीनों के नजरिये से देखें तो इस शेयर में तुलनात्मक रूप से ज्यादा बेहतर फायदा मिलने की उम्मीद कम होगी। इस आधार पर एंजेल ब्रोकिंग ने एचडीएफसी को लेकर उदासीन (न्यूट्रल) रेटिंग ही रखी है। वहीं के आर चोकसी सिक्योरिटीज ने कंपनी के नतीजों के बाद शेयर को जमा करने की सलाह दी है और इसका लक्ष्य भाव 741 रुपये रखा है।
एनपीए के बोझ से दबा एसबीआई
कारोबारी साल 2012-13 की पहली तिमाही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं, लेकिन बैंक के एनपीए में अनुमान से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इस तिमाही में एसबीआई का शुद्ध एनपीए बढ़कर 20,321 करोड़ हो गया है, जो कि बीती तिमाही में 15,818 करोड़ रुपये रहा था। वहीं तिमाही-दर-तिमाही आधार पर पहली तिमाही में एसबीआई का ग्रॉस एनपीए 39676 करोड़ रुपये से बढ़कर 47156 करोड़ रुपये रहा है। एसबीआई का कंसोलिडेटेड मुनाफा बढ़ कर 4875 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले वर्ष की समान अवधि में इसे 2512 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इस तरह बैंक के मुनाफे में 94% की वृद्धि हुई है। अप्रैल-जून 2012 तिमाही में बैंक की कुल आय में भी 20% की बढ़ोतरी हुई है। इस तिमाही में बैंक की आमदनी बढ़ कर 46839 करोड़ रुपये हो गयी है। अप्रैल-जून 2011 तिमाही में यह 39126 करोड़ रुपये दर्ज की गयी थी। कोटक सिक्योरिटीज ने एसबीआई नतीजों के बाद खरीद रेटिंग को घटा कर जमा करें कर दिया है। इसने इसका लक्ष्य भाव 2078 रुपये माना है।
आईसीआईसीआई बैंक : बाजार अनुमानों से आगे
आईसीआईसीआई बैंक के नतीजे बाजार के अनुमान से बेहतर रहे हैं। खुदरा कारोबार में बढ़ोतरी की वजह से अप्रैल-जून 2012 तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक के मुनाफे में 36% की बढ़ोतरी हुई है। इस तिमाही में बैंक का मुनाफा बढ़ कर 1815 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 1332 करोड़ रुपये ही था। बाजार के विश्लेषकों ने बैंक का मुनाफा 1730 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया था।
बैंक की कुल आमदनी भी बढ़ कर 11425 करोड़ रुपये हो गयी है। कारोबारी साल 2010-11 की पहली तिमाही में बैंक को 9261 करोड़ रुपये की कुल आय हुई थी। इस तरह बैंक की कुल आय में 23% का इजाफा हुआ है। बैंक का शुद्ध एनपीए अनुपात घटकर 0.61% पर आ गया है। जबकि पिछले साल यह 0.91% के स्तर पर था।
ब्रोकिंग फर्म आनंद राठी सिक्योरिटीज ने इन तिमाही नतीजों पर जारी अपनी रिपोर्ट में आईसीआईसीआई बैंक के शेयर के लिए अपनी खरीद रेटिंग को बरकरार रखा है। इसने बैंक के शेयर का लक्ष्य भाव 1016 रुपये रखा है।
(निवेश मंथन, सितंबर 2012)