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- Category: मई 2012
राजीव रंजन झा
सरकार और टेलीकॉम क्षेत्र के नियामक ने सोने की मुर्गी को एक बार में काटने का मन बना लिया है। लगता है कि 3जी के उदाहरण से उन्होंने कोई सबक नहीं लिया है। इतना समय बीत गया है 3जी सेवाओं के शुरू होने के बाद, लेकिन इन सेवाओं को किसी नजरिये से सफल नहीं कहा जा सकता। न तो ये सेवाएँ ज्यादा ग्राहकों को खींचने में सफल हो पायी हैं, न ही कंपनियों के लिए अच्छी कमाई का जरिया बन पायी हैं। मैंने 3जी नीलामी के बीच ही 27 अप्रैल 2010 को लिखा था, ‘क्या भारत में 3जी मोबाइल सेवाएँ शुरू होने से पहले ही नाकामी के लिए अभिशप्त हो गयी हैं? 3जी स्पेक्ट्रम के लिए बेहिसाब ऊँचे स्तरों की बोलियों से कुछ ऐसा ही डर लगने लगा है।‘ आज बिल्कुल वैसा ही होता दिख रहा है।
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- Category: मई 2012
भस्मासुर हमारे मिथकों का हिस्सा है। इसके दो खास लक्षण हैं। पहला, यह अपने स्वामी या बनाने वाले की ही जान पर भारी पड़ जाता है। कथाओं में वर्णित भस्मासुर भोलेनाथ शिव से वरदान पाकर उन्हें ही जलाने को दौड़ा। दूसरे, यह खुद को भी नष्ट करता है। आज यह एक प्रतीक है। यह अक्सर हमारे अंदर होता है, आसपास होता है और कई बार हमारे निवेश पोर्टफोलिओ में भी बैठा होता है।
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- Category: मई 2012
सुशांत शेखर
रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव ने 17 अप्रैल की सालाना समीक्षा बैठक में बाजार के साथ विश्लेषकों को भी चौंका दिया। विश्लेषक मान रहे थे कि आरबीआई रेपो दर में ज्यादा-से-ज्यादा 25 आधार अंक यानी एक चौथाई फीसदी की कटौती करेगा। लेकिन डी सुब्बाराव ने सीधे 50 आधार अंक यानी आधा फीसदी की कटौती करके बाजार और उद्योग जगत दोनों को खुश कर दिया। हालाँकि सुब्बाराव ने देश की अर्थव्यवस्था के संभावित खतरों का हवाला देते हुए यह भी साफ कर दिया कि आगे उनके हाथ बँधे रहेंगे।
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- Category: मई 2012
पिछले 12 महीनों में भारत की विकास दर लगातार काफी नीचे आयी है। इस कारोबारी साल के बारे में आपका अनुमान क्या है?
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- Category: मई 2012
आज तो इंटरनेट लोगों की जिंदगी का जरूरी हिस्सा है, लेकिन इसके जादू को इंडियामार्ट के संस्थापक और सीईओ दिनेश अग्रवाल ने 90 के दशक में ही समझ लिया था, इंटरनेट ब्राउजर बनने से भी पहले। अग्रवाल खुद सुना रहे हैं इंडियामार्ट शुरू होने की कहानी।
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- Category: अप्रैल 2012
राजेश रपरिया, सलाहकार संपादक :
पिछले वित्त वर्ष (2011-12) में विकास दर में गिरावट आयी। यह गिरावट क्यों आयी, क्योंकि ब्याज दरें काफी ऊँची थीं। ब्याज दरें क्यों ज्यादा थीं, क्योंकि सरकारी घाटा (फिस्कल डेफिसिट) बहुत अधिक था। सरकारी घाटा क्यों बेलगाम हो गया, क्योंकि तेल, उर्वरक और खाद्य सब्सिडी में भारी बढ़ोतरी हुई और सरकार की आमदनी लक्ष्य से काफी कम रह गयी। सरकारी घाटे का इस बार लक्ष्य जीडीपी का 5.1% (5.13 लाख करोड़ रुपये) रखा गया है, जो पिछले संशोधित अनुमान 5.9% से कम, लेकिन उसके मूल अनुमान 4.6% से ज्यादा है।वित्तमंत्रीकीअवधारणाहैकि वित्त वर्ष 2012-13 में विकास दर 7.6% रहेगी और महँगाई भी इस स्तर से नीचे रहेगी।
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- Category: अप्रैल 2012
अमर अंबानी, रिसर्च प्रमुख, इंडिया इन्फोलाइन
शेयर बाजार करवट बदलने की कोशिश में है। जानकार मानने लगे हैं कि अब बाजार के ऊपर जाने में भले ही थोड़ा कम या थोड़ा ज्यादा वक्त लगे, लेकिन इन स्तरों से ज्यादा नीचे फिसलने की संभावनाएँ कम ही हैं। यानी निवेश के लिए यह एक अच्छा मौका हो सकता है। तो इस अच्छे मौके का फायदा उठाने के लिए हम लेकर आये हैं 10 दिग्गजों के पाँच-पाँच चुनिंदा शेयर। ये 10 दिग्गज हैं अमर अंबानी, अंबरीश बालिगा, अशोक अग्रवाल, गजेंद्र नागपाल, के के मित्तल, पंकज पांडेय, राजन शाह, सुदीप बंद्योपाध्याय, विनय गुप्ता और विजय चोपड़ा।
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अंबरीश बालिगा, सीओओ, वे टू वेल्थ
एसकेएस माइक्रोफाइनेंस
पिछले आधे साल से एसकेएस माइक्रोफाइनेंस के शेयर भाव में काफी गिरावट आयी है। आंध्र प्रदेश में कंपनी के कामकाज पर आया संकट इसका प्रमुख कारण है, क्योंकि इसे वहाँ अपने काफी कर्ज बट्टे खाते में डालने पड़े। लेकिन इसकी कीमत में आयी गिरावट सबसे बुरी संभावनाओं को भी पार कर चुकी है। माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र के लिए एमएफआईडीआर विधेयक के कानून बन जाने पर यह इस बारे में राज्य सरकारों के कानूनों के ऊपर होगा।
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अशोक अग्रवाल, सीओओ, एस्कॉट्र्स सिक्योरिटीज
वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज
इस कंपनी में प्रमोटरों की हिस्सेदारी 68% के ऊँचे स्तर पर है। यह शेयर कारोबारी साल 2012-13 की अनुमानित आय के आधार पर 10 से कम के आकर्षक पीई अनुपात पर उपलब्ध है। साथ ही प्राइस और बुक वैल्यू का अनुपात देखें तो केवल 0.53 है, जो एक कंज्यूमर ड्यूरेबल कंपनी के लिए आकर्षक कहा जा सकता है।
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गजेंद्र नागपाल, सीईओ, यूनिकॉन फाइनेंशियल
इरोस इंटरनेशनल मीडिया
इस कंपनी का कारोबारी मॉडल काफी मजबूत है। इसने अगले कुछ सालों के दौरान सालाना 70 से ज्यादा फिल्में बनाने की योजना तैयार की है। इनमें से 8-10 बड़े बजट की हिंदी फिल्में होंगी। साल 2012-13 के लिए इसने 60 से ज्यादा फिल्मों की रूपरेखा बना ली है, जिनके लिए समझौते किये जा चुके हैं। इनमें से एक फिल्म रजनीकांत के साथ है। कई फिल्में पंजाबी, तमिल, मलयालम और तेलुगू की हैं।
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के के मित्तल, पीएमएस प्रमुख, ग्लोब कैपिटल
एचसीएल टेक्नोलॉजीज
आईटी क्षेत्र में भारत की चौथी सबसे बड़ी कंपनी एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने 2008 में यूके स्थित इंटरप्राइज ऐप्लिकेशंस की सलाहकार कंपनी एक्सॉन के अधिग्रहण किया था, जिसके बाद इसकी आमदनी में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। कैलेंडर वर्ष 2011 में इसकी आमदनी 18,334 करोड़ रुपये रही, जो कैलेंडर वर्ष 2008 की तुलना में दोगुनी से ज्यादा है।
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पंकज पांडेय, रिसर्च प्रमुख, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज
देना बैंक
देना बैंक पश्चिमी भारत में खास कर महाराष्ट्र और गुजरात में अच्छी पैठ रखता है, जहाँ चालू खातों और बचत खातों (कासा) में जमा रकम अच्छी रहती है। इसका कासा अनुपात 35% के ऊँचे स्तर पर है। देना बैंक का शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) भी 2011-12 की तीसरी तिमाही में 3.2% के अच्छे स्तर पर रहा। इसका कर्ज 2011-13 के दौरान 19.6% की सालाना औसत दर से बढ़ कर 64,073 करोड़ रुपये पर पहुँचने का अनुमान है।
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