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वाम्सी कृष्णा, सीनियर एनालिस्ट, जेआरजी सिक्योरिटीज :
जिस पीली धातु ने सदा से लोगों को आकर्षित किया है उसकी चाल सबसे पहले लोगों की तात्कालिक धारणा से ही तय होती है।
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अपोलो म्यूनिख हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी ने पिछले दिनों खास तौर पर मधुमेह के रोगियों के लिए एनर्जी नामक एक योजना बाजार में उतारने की घोषणा की। कंपनी का दावा है कि यह योजना मधुमेह के रोगियों को इसे बेहतरीन तरीके से नियंत्रित करने के साथ ही साथ ‘लगभग-सामान्य’ जीवन शैली हासिल करने में मदद करती है। निवेश मंथन ने अपोलो म्यूनिख के सीईओ एंटनी जैकब से इस उत्पाद के बारे में बात की। पेश हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश।
बाजार में उपलब्ध बाकी योजनाओं से एनर्जी किस तरह अलग है?
एनर्जी अपनी तरह की पहली योजना है। यह देश के मधुमेह रोगियों के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया संपूर्ण स्वास्थ्य बीमा सह रोग प्रबंधन योजना है। एक एनडेम्निटी कवर के अलावा इस योजना में एक विस्तृत वेलनेस प्लान शामिल है। यह न केवल मधुमेह ग्रस्त लोगों को उनके स्वास्थ्य की दशा को मैनेज करने में मदद करता है, बल्कि इसका नियंत्रण करने पर उन्हें पुरस्कृत भी करता है। अन्य स्वास्थ्य बीमा योजनाओं के उलट एनर्जी अपनी पॉलिसी अवधि के पहले दिन से कवरेज उपलब्ध कराती है। एनर्जी अपने ग्राहकों को एक हेल्थ कोच की सेवाएँ उपलब्ध करा रही है जो ग्राहक के स्वास्थ्य पर निजी तौर पर नजर रखेगा, सलाह देगा और ग्राहक के स्वास्थ्य से संबंधित अहम बातों के बारे में सचेत करेगा। एनर्जी पॉलिसीधारकों की एक ऑनलाइन वेब पोर्टल तक पहुँच रहेगी जहाँ वह अपने हेल्थ चेक अप के नतीजों पर नजर रख सकेंगे, अपने डायग्नोस्टिक रिपोर्टों का रिकॉर्ड रख सकेंगे और अपने स्वास्थ्य के बारे में ताजा जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
इस योजना के तहत किन लोगों को कवर उपलब्ध हो सकता है?
यह योजना 18 से 65 साल के बीच के उन सभी लोगों के लिए है जो टाइप 2 मधुमेह और/या उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हैं। सभी वर्गों के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के प्रयास के तहत एनर्जी दो लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की बीमा सुरक्षा के साथ उपलब्ध है। हम उस रोगी के मौजूदा स्वास्थ्य की जाँच करेंगे और तय करेंगे कि उतना स्वास्थ्य जोखिम उस योजना के तहत स्वीकार्य है या नहीं। क्या कोई जटिलता पहले से ही सामने आ गयी है या नहीं- इस तरह के कारक हमारे निर्णय को प्रभावित करेंगे।
इस योजना में को-पेमेंट विकल्प के क्या-क्या लाभ हैं?
को-पेमेंट अनुपात जितना अधिक होता है, उस योजना का प्रीमियम उतना ही कम होता है। को-पेमेंट अनुपात जितना कम होता है, प्रीमियम उतना ही अधिक होता है। यदि कोई व्यक्ति थोड़ा अधिक प्रीमियम देने में सक्षम है तो हम उसे बिना को-पेमेंट विकल्प के साधारण योजना लेने की सलाह देंगे। कई बार को-पेमेंट विकल्प लंबी अवधि में कास्ट इफेक्टिव नहीं होता क्योंकि लोग प्रीमियम के मद में जितना बचाते हैं, उससे अधिक उन्हें खर्च के रूप में देना पड़ जाता है।
शुरुआत में देश के कितने शहरों में यह योजना पेश की जा रही है?
एनर्जी 16 दिसंबर से देश के आठ शहरों - दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बैंगलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद और पुणे में उपलब्ध है। अगले साल से यह देश भर में उपलब्ध होगी।
एनर्जी अपने ग्राहकों को नवीनीकरण लाभ किस तरह मुहैया कराता है?
एनर्जी के तहत ग्राहक अपने रीनुअल प्रीमियम के 50% तक की बचत कर सकता है। इस योजना का वेलनेस कार्यक्रम इस बात पर आधारित है कि योजना अवधि के दौरान वह अपनी मेडिकल कंडीशन का प्रबंधन किस तरह करता है। कोई ग्राहक अपनी योजना के नवीनीकरण पर 25% तक की नकद छूट पा सकता है। साथ ही वह अपने प्रीमियम के 25% तक की छूट हेल्थ फूड की खरीद, स्पा जाने, चिकित्सक से परामर्श का शुल्क आदि के खर्च की वापसी के तौर पर हासिल कर सकता है। यह इस योजना की मूल बात है कि हमारे ग्राहकों को वे काम करने पर लाभ दिया जाता है जो उनके लिए बेहतर हैं।
क्या किसी अन्य बीमारी से संबंधित विशिष्ट उत्पाद पेश करने की कंपनी की योजना है?
आज ग्राहक अपनी जरूरतों और जीवन शैली के हिसाब से विभिन्न उत्पादों की माँग करते हैं। एक ही योजना सबकी जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती और उपभोक्ताओं के बदलते व्यवहार के साथ स्वयं को बदलना भी जरूरी होता है। ऐसे में अपोलो म्यूनिख लगातार बाजार से प्रतिक्रिया हासिल करता रहता है और उससे हासिल प्रमुख बिंदुओं को अपने उत्पाद विकास टीम तक पहुँचाता रहता है ताकि नये उत्पाद बनाये जा सकें। यदि बाजार के शोध से किसी नये उत्पाद की जरूरत का संकेत मिलता है तो हमारी उत्पाद विकास टीम उस पर काम करेगी।
साल 2012-13 में कंपनी न-मुनाफा-न-घाटा (ब्रेक इवेन) की स्थिति में पहुँच गयी थी। मौजूदा साल का आपका लक्ष्य क्या है?
अपने कामकाज की शुरुआत के पहले पाँच सालों के ही भीतर हम न-मुनाफा-न-घाटा की स्थिति में पहुँच गये। हम ऐसा प्रदर्शन करने वाली कुछ चुनिंदा कंपनियों में से एक हैं, इस बात का हमें गर्व है। हमने ग्रास रिटेन प्रीमियम (जीडब्लूपी) में साल-दर-साल दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज की है और हमें उम्मीद है कि इस साल में भी हम इस तरह का प्रदर्शन जारी रख सकेंगे।
(निवेश मंथन, जनवरी 2014)
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आलोक द्विवेदी :
इसमें किसी को कोई शक नहीं है कि नैनो कार का विचार क्रांतिकारी था।
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आलोक द्विवेदी :
सरकारी क्षेत्र की कंपनी इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (आईआईएफसीएल) का कर-मुक्त (टैक्स-फ्री) बॉण्ड निवेश के लिए उपलब्ध है।
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अनुज पुरी, चेयरमैन, जेएलएल इंडिया :
साल 2013 रियल एस्टेट क्षेत्र में प्रमुख सुधारों की शुरुआत का साल रहा।
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यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने चार मंजिला आवासीय योजना का ड्रॉ निकाल दिया है।
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नोकिया ने अपना नया स्मार्टफोन भारतीय बाजार में उतार दिया है।
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