बाजार में पहले से चल रहे अंदेशों के मुताबिक ही रिलायंस इंडस्ट्रीज ने तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजे सामने रखे हैं। हालाँकि कंपनी के कुल कारोबार में अक्टूबर-दिसंबर 2011 की तिमाही में 40.2% की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है, लेकिन इसकी एबिटा आय और मुनाफे में काफी कमी आयी है।
इसका कुल कारोबार 2010-11 की तीसरी तिमाही के 62,399 करोड़ रुपये और इस कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के 80,790 करोड़ रुपये की तुलना में इस बार तीसरी तिमाही के दौरान 87,480 करोड़ रुपये रहा। लेकिन कुल कारोबार में इस बढ़ोतरी के बावजूद कच्चे माल की खपत में कहीं ज्यादा बढ़ोतरी होने से पीबीडीआईटी और मुनाफे में कमी दर्ज की गयी। कच्चे माल की खपत पिछले साल की समान तिमाही के 45,585 करोड़ रुपये से 62.75% बढ़ कर 74,190 करोड़ रुपये की हो गयी। इसकी तिमाही पीबीडीआईटी साल-दर-दर 12.5% घट कर 9,002 करोड़ रुपये रह गयी। ठीक पिछली तिमाही के 10,946 करोड़ रुपये की तुलना में भी इसमें 17.8% कमी आयी। कंपनी का तीसरी तिमाही का मुनाफा साल-दर-साल 13.6% घट कर 4,440 करोड़ रुपये रहा। हालाँकि ठीक पिछली तिमाही के मुकाबले इसमें और तीखी गिरावट आयी। मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के 5,703 करोड़ रुपये की तुलना में तीसरी तिमाही का मुनाफा 22.2% कम है। कंपनी के विभिन्न कारोबारों पर नजर डालें तो तेल-गैस खनन और उत्पादन कारोबार की तिमाही आय साल-दर-साल 32.2% घट कर 2,832 करोड़ रुपये रह गयी। हालाँकि इस तेल-गैस खनन और उत्पादन कारोबार में एबिट मार्जिन पिछले कारोबारी साल की तीसरी तिमाही के 36.0% और इस कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के 43.0% से सुधर कर 45.7% पर आ गया। रिफाइनिंग और मार्केटिंग कारोबार की आमदनी साल-दर-साल 46.1% बढ़ कर 76,738 करोड़ रुपये हो गयी। हालाँकि इस कारोबार में एबिट मार्जिन 2010-11 की तीसरी तिमाही के 4.6% और मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही के 4.5% से घट कर 2.2% रह गया। ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन अक्टूबर-दिसंबर 2010 के 9.0 डॉलर और जुलाई-सितंबर 2011 के 10.1 डॉलर से घट कर केवल 6.8 डॉलर प्रति बैरल रह गया। कंपनी के पेट्रोकेमिकल कारोबार में आमदनी साल-दर-साल 23.9% बढ़ कर 19,781 करोड़ रुपये रही। हालाँकि ठीक पिछली तिमाही के 21,066 करोड़ रुपये की तुलना में यह 6.1% कम रही। इस कारोबार में एबिट मार्जिन पिछले साल की समान तिमाही के 15.2% और ठीक पिछली तिमाही के 11.5% से घट कर 10.9% पर आ गया। एंजेल ब्रोकिंग ने अपनी रिपोर्ट में रिलायंस का 12 महीनों का लक्ष्य भाव 923 रुपये रखते हुए इसे खरीद रेटिंग दी है।
विप्रो का मुनाफा 11.9% बढ़ा
आईटी क्षेत्र में भारत की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी विप्रो के तिमाही नतीजे थोड़े खट्टे-मीठे ही रहे हैं। ये नतीजे रुपये के आधार पर बाजार के अनुमानों से बेहतर रहे हैं, लेकिन डॉलर आय अनुमानों से पीछे है। आईटी सेवाओं से कंपनी की आय तिमाही-दर-तिमाही 2.2% बढ़ कर 1.505 अरब डॉलर रही। हालाँकि रुपये के लिहाज से आमदनी में तिमाही-दर-तिमाही 11.4% बढ़ोतरी हुई है। अगली तिमाही में कंपनी ने आईटी सेवाओं से अपनी आमदनी 1.52 अरब डॉलर से 1.55 अरब डॉलर के बीच रहने का अनुमान जताया है, जो तीसरी तिमाही की तुलना में करीब 1-3% की बढ़त दिखाता है।
अक्टूबर-दिसंबर 2011 के दौरान कंपनी की कुल आमदनी 9,997 करोड़ रुपये रही, जो पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही से 28% और ठीक पिछली तिमाही से 9.93% ज्यादा है। इसका तिमाही मुनाफा 1,456 करोड़ रुपये रहा। इसमें तिमाही-दर-तिमाही 11.92% और साल-दर-साल 10% की बढ़ोतरी हुई।
इन नतीजों पर कंपनी के चेयरमैन अजीम प्रेमजी ने कहा कि आर्थिक दशाएँ अभी अनिश्चित हैं और हम इन पर लगातार नजर रख रहे हैं। कंपनी के सीएफओ सुरेश सेनापति का कहना था कि मौजूदा ग्राहकों पर ज्यादा ध्यान देने की रणनीति काम कर रही है। अभी कंपनी के 6 ग्राहक ऐसे हैं, जिनसे 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा की आमदनी हो रही है। सेनापति के मुताबिक उत्पादकता बढ़ाने और विदेशी मुद्रा विनिमय की दरों में उतार-चढ़ाव से ऑपरेटिंग मार्जिन को बढ़ाने में मदद मिली। ब्रोकिंग फर्म इंडिया इन्फोलाइन ने इन नतीजों के बाद विप्रो का लक्ष्य भाव 471 रुपये रख कर इसे खरीदने की सलाह दी है।
मारुति सुजुकी : अटक गयी गाड़ी
भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के मुनाफे में तीखी कमी आयी है। कंपनी का तिमाही मुनाफा अक्टूबर-दिसंबर 2010 के 565.17 करोड़ रुपये के मुकाबले अक्टूबर-दिसंबर 2011 के दौरान 205.62 करोड़ रुपये का रहा, यानी इसमें 63.6% की कमी आयी है। कंपनी की कुल आमदनी में भी कमी आयी है। इस दौरान कंपनी की कुल आय 9624.64 करोड़ रुपये से घट कर यह 8042.77 करोड रुपये हो गयी। ब्रोकिंग फर्म कोटक सिक्योरिटीज ने इन नतीजों के बाद मारुति सुजुकी का लक्ष्य भाव 1,142 रुपये रख कर इसे घटाने की सलाह दी है।
बैंक ऑफ बड़ौदा : अच्छे नतीजे
कारोबारी साल 2011-12 की तीसरी तिमाही में बैंक ऑफ बड़ौदा का मुनाफा 20.7% बढ़ गया है। 31 दिसंबर को खत्म तिमाही में इसका मुनाफा 1290 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में इसे 1069 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही 2011 में बैंक की कुल आमदनी 8821 करोड़ रुपये रही है, जबकि पिछले साल की इसी अवधि में इसकी कुल आय 6342 करोड़ रुपये रही थी। ब्रोकिंग फर्म एंजेल ब्रोकिंग ने इन नतीजों के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा का लक्ष्य भाव 906 रुपये रख कर इसे खरीदने की सलाह दी है।
सेसा गोवा का मुनाफा घटा
अक्टूबर-दिसंबर 2011 तिमाही में सेसा गोवा लिमिटेड को कंसोलिडेटेड मुनाफा 691.52 करोड़ रुपये रहा है। इससे पिछले साल की इसी अवधि में कंपनी को 1065.29 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। इस दौरान कंपनी की कुल आय 2635.09 करोड़ रुपये रही। पिछले साल की समान अवधि में कंपनी की कुल आय 2376.75 करोड़ रुपये रही थी। इस तिमाही के आँकड़े पिछले वर्ष की तिमाही के आँकड़ों से तुलनीय नहीं है। ब्रोकिंग फर्म एम के शेयर ने अपनी रिपोर्ट में सेसा गोवा का 12 महीनों का लक्ष्य भाव 191 रखते हुए इसे होल्ड रेटिंग दी, यानी मौजूदा शेयरधारकों को इसे रखे रहने की सलाह दी।
ग्रासिम को 669 करोड़ रुपये का मुनाफा
ग्रासिम इंडस्ट्रीज का कंसोलिडेटेड मुनाफा अक्टूबर-दिसंबर 2011 की तिमाही में 669.07 करोड़ रुपये रहा है। पिछले अक्टूबर-दिसंबर 2010 की तिमाही में यह 501.76 करोड़ रुपये था। इस तिमाही में कंपनी की कुल आय 6504.98 करोड़ रुपये रही है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में यह 5531.72 करोड़ रुपये रही थी। इस तिमाही के आँकड़े पिछले वर्ष की तिमाही के आँकड़ों से तुलनीय नहीं है। ब्रोकिंग फर्म एम के शेयर ने अपनी रिपोर्ट में ग्रासिम इंडस्ट्रीज का 12 महीनों का लक्ष्य भाव 2550 रखते हुए इसे होल्ड रेटिंग दी, यानी मौजूदा शेयरधारकों को इसे रखे रहने की सलाह दी।
ल्युपिन : धीमा मुनाफा
कारोबारी साल अक्टूबर-दिसंबर 2011 की तिमाही में ल्युपिन लिमिटेड का कंसोलिडेटेड मुनाफा 235 करोड़ रुपये रहा है। यह पिछले कारोबारी साल की इसी तिमाही के 224 करोड़ रुपये से ४.९% अधिक है। कंपनी की तिमाही कुल आमदनी भी 1514 करोड़ रुपये से बढ़ कर 1822 करोड़ रुपये रह गयी है। इस तरह कंपनी की तिमाही कुल आमदनी में साल-दर-साल 20.3% की बढ़ोतरी हुई है। ब्रोकिंग फर्म एमके शेयर ने अपनी रिपोर्ट में ल्युपिन का 12 महीनों का लक्ष्य भाव 521 रखते हुए इसे खरीद रेटिंग दी है।
पेट्रोनेट : बढ़ा लाभ
पेट्रोनेट एलएनजी के मुनाफे में 72.9% की तेज बढ़ोतरी हुई है। कंपनी को अक्टूबर-दिसंबर 2011 की तिमाही में 295.38 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। इस तिमाही में कंपनी की कुल आय भी 3633.05 करोड़ रुपये से बढ़ कर 6346.65 करोड़ रुपये हो गयी है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में पेट्रोनेट एलएनजी का 12 महीनों का लक्ष्य भाव 175 रुपये रखते हुए इसे होल्ड रेटिंग दी, यानी मौजूदा शेयरधारकों को इसे रखे रहने की सलाह दी।
केनरा बैंक पर चोट
केनरा बैंक का मुनाफा अक्टूबर-दिसंबर 2011 की तिमाही में 1106 करोड़ रुपये से 20.8% घट कर 876 करोड़ रुपये रहा है। हालाँकि बैंक की कुल आय 6444 करोड़ रुपये से बढ़ कर 8591 करोड़ रुपये हो गयी।बैंककाईपीएस (बेसिक) 26.97 रुपयेसेघटकर 19.76 रुपयेहोगयाहै।केजेएमसी कैपिटल मार्केट सर्विसेज ने नतीजों के बाद केनरा बैंक को होल्ड यानी रखने की सलाह देते हुए इसका लक्ष्य भाव 482 रुपये बताया है।
एलएंडटी : इन नतीजों ने दी राहत
इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन की सबसे बड़ी कंपनी लार्सन एंड टुब्रो के इन तिमाही नतीजों ने निवेशकों के मन में न केवल कंपनी के बारे में, बल्कि कैपिटल गुड्स क्षेत्र के बारे में भी एक नया भरोसा जगाया है।बीतीतिमाहीमेंकंपनीकेमुनाफेमें 18% की बढ़ोतरी हुई है।
एलएंडटी को कारोबारी साल 2011-12 की तीसरी तिमाही में 991.55 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। कंपनी का यह मुनाफा पिछले साल की इसी तिमाही में 840.53 करोड़ रुपये का रहा था। कंपनी की कुल आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही 2011 में कंपनी की कुल आमदनी 14447.29 करोड़ रुपये रही है, जबकि अक्टूबर-दिसंबर 2010 में इसकी कुल आय 11646.52 करोड़ रुपये रही थी। ब्रोकिंग फर्म के आर चोकसी सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में एलएंडटी का 12 महीनों का लक्ष्य भाव 1,445 रखते हुए इसे होल्ड रेटिंग दी, यानी मौजूदा शेयरधारकों को इसे रखे रहने की सलाह दी।
आईसीआईसीआई बैंक का मुनाफा बढ़ा
आईसीआईसीआई बैंक के कंसोलिडेटेड मुनाफे में 6.6% की बढ़ोतरी हुई है। बैंक को कारोबारी साल 2011-12 की तीसरी तिमाही में मुनाफा 2174.22 करोड़ रुपये हुआ है। पिछले साल की ठीक इसी तिमाही में बैंक का मुनाफा 2039.40 करोड़ रुपये रहा था। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही 2011 में कुल आमदनी में भी वृद्धि हुई है। बैंक की कुल आमदनी अक्टूबर-दिसंबर 2010 के 15,415.85 करोड़ रुपये से बढ़कर इस तिमाही में 16,497.35 करोड़ हो गयी है। केआर चोकसी सिक्योरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में बैंक का 12 महीनों का लक्ष्य भाव 1079 रुपये के रखते हुए इसे खरीद रेटिंग दी है।
एचडीएफसी बैंक का मुनाफा बढ़ा
एचडीएफसी बैंक ने बीती तिमाही के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया है। बैंक ने अक्टूबर-दिसंबर 2011 के दौरान 1429.7 करोड़ रुपये का मुनाफा हासिल किया, जो पिछले साल की समान अवधि के 1090 करोड़ रुपये से 31.4% ज्यादा रहा। बैंक की तिमाही शुद्ध आय 4536 करोड़ रुपये रही। यूनिकॉन फाइनेंशियल ने होल्ड की रेटिंग दी है। इसका लक्ष्य भाव 513 रुपये का दिया है।
बीएचईएल को 1433 करोड़ का मुनाफा
देश में ऊर्जा/ढाँचागत क्षेत्र की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग कंपनी भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि. के मुनाफे में 2.1% की बढ़ोतरी हुई है। कारोबारी साल 2011-12 की तीसरी तिमाही में कंपनी को 1433 करोड़ का मुनाफा हुआ, जबकि इससे ठीक पिछले साल की इसी तिमाही में इसका मुनाफा 1403 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी की आमदनी में भी इस दौरान वृद्धि हुई है। बीएचईएल की आमदनी अक्टूबर-दिसंबर 2010 के 9176 करोड़ रुपये के मुकाबले अक्टूबर-दिसंबर 2011 में 10939 करोड़ रुपये हो गयी है। ब्रोकिंग फर्म केआर चोकसी ने बीएचईएल को होल्ड यानी रखने की सलाह देते हुए नया लक्ष्य भाव 277 रुपये बताया है।
गेल को लाभ
गेल इंडिया लिमिटेड ने 2011-12 की तीसरी तिमाही में मुनाफे में 12.7% की बढ़त दर्ज की है। इसका मुनाफा पिछले कारोबारी साल की तीसरी तिमाही के 968 करोड़ रुपये से बढ़ कर इस बार 1091 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी की आय में भी बढ़ोतरी हुई है। यह 8365 करोड़ रुपये से बढ़ कर 11260 करोड़ रुपये हो गया। ब्रोकिंग फर्म अरिहंत कैपिटल ने इन नतीजों के बाद कंपनी का लक्ष्य भाव 505 रुपये रख कर इसे खरीदने की सलाह दी है।
एनटीपीसी का मुनाफा घटा, आमदनी बढ़ी
बिजली क्षेत्र की सरकारी कंपनी नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन के मुनाफे में 10.2% की कमी आयी है। एनटीपीसी को कारोबारी साल 2011-12 की तीसरी तिमाही में 2130 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। कंपनी का यह मुनाफा पिछले साल की इसी तिमाही में 2371 करोड़ रुपये का रहा था। हालाँकि कंपनी की कुल आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही 2011 में कंपनी की कुल आमदनी 16,245 करोड़ रही है, जबकि अक्टूबर-दिसंबर 2010 में इसकी कुल आय 14,165 करोड़ रुपये रही थी। ब्रोकिंग फर्म प्रभुदास लीलाधर ने अपनी रिपोर्ट में एनटीपीसी का 12 महीनों का लक्ष्य भाव 175 रुपये रखते हुए जमा करें की सलाह दी है।
(निवेश मंथन, फरवरी 2012)