निपुण मेहता
सीईओ, ब्लूओशन कैपिटल
कुल मिला कर हमारे बाजार की बुनियादी बातें मजबूत हैं। कॉर्पोरेट आय (अर्निंग) में वृद्धि का स्पष्ट दिखना बाजार को आगे बढ़ाने में अहम होगा।
एफआईआई की तरफ से निवेश, आय वृद्धि की स्पष्टता, समग्र रूप से बुनियादी बातें और आर्थिक विकास की गति बाजार के लिए सकारात्मक पहलू हैं। मगर आगे वैश्विक मंदी की आशंका, महँगाई का नियंत्रण में न आना और चुनाव में कोई उलट-फेर चिंता के विषय बन सकते हैं।
फिलहाल अगले छह महीनों में तिमाही नतीजे बाजार के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहेंगे। वैश्विक अर्थव्यवस्था और अमेरिका में महँगाई की स्थिति भी असर डाल सकती है। आगे राज्यों के विधान सभा चुनाव महत्वपूर्ण हो सकते हैं, यदि इनके नतीजे बहुत आश्चर्यजनक रहें। फिलहाल, इनका बाजार की दिशा पर हल्का सकारात्मक असर रहने का अनुमान है।
अगले 12 महीनों में बैंकिंग, रक्षा, ऑटोमोबाइल और पूँजीगत खर्च से संबंधित क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। वित्त-वर्ष 2023-24 में भारत की विकास दर 6.4% रह सकती है। अगले 6 महीनों में सेंसेक्स 67,000 और निफ्टी 19,700 पर पहुँच सकता है। साल भर के लक्ष्य सेंसेक्स के लिए 69,000 और निफ्टी के लिए 20,500 पर हैं। (निवेश मंथन, जून 2023)