बृजेश आइल
टेक्निकल एवं डेरिवेटिव प्रमुख, आईडीबीआई केपिटल मार्केट्स
पिछले वर्ष हमारे बाजार का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है और हमारे पास अगले 10-15 साल तक जबरस्त वृद्धि का अवसर है।
रिजर्व बैंक का नजरिया सख्त से नरम होने और ब्याज दरों में कमी आने पर बाजार को काफी अच्छे संकेत मिलेंगे। वहीं महँगाई और वैश्विक मंदी ही सबसे बड़ी चिंताओं में शामिल है। अगले छह महीने में भारतीय बाजार को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाले कारक हैं ब्याज दर और महँगाई। हमारा अनुमान है कि रिजर्व बैंक दिसंबर 2023 के बाद से ब्याज दरों में कटौती शुरू कर सकता है। चालू वित्त-वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5% की दर से विकास कर सकती है। (निवेश मंथन, जून 2023)