अमित अग्रवाल
सीनियर वीपी, कोटक सिक्योरिटीज
भारत वैश्विक निवेशकों के लिए एक आकर्षक स्थान बन कर उभरा है।
यहाँ उन्हें स्थिरता के साथ विकास, गिरती महँगाई दर, बेहतर विदेश व्यापार/सेवा की स्थिति, कॉर्पोरेट आय बढ़ने को लेकर बेहतर होते अनुमान, विकास को बढ़ाने वाली नीतियों एवं राजकोषीय नीतियों में समझदारी दिख रही है। आशा है कि चालू वित्त-वर्ष में भारत की जीडीपी 5.8% की दर से बढ़ेगी। वहीं निफ्टी-50 इंडेक्स की आय (अर्निंग) इस वित्त-वर्ष में 12.6% (ईपीएस 925 रुपये) और अगले वित्त-वर्ष में में 15.3% (ईपीएस 1,061 रुपये) की दर से बढ़ेगी। आगे बाजार चालू वित्त-वर्ष की पहली तिमाही में कंपनियों की आय और प्रबंधनों के बयानों पर ध्यान देगा। अभी निफ्टी 2023-24 की अनुमानित आय पर 20.99 और 2024-25 की अनुमानित आय पर 18.10 के पीई अनुपात पर है।
हाल में बाजार में आयी तेजी के बाद हमारा मानना है कि निवेश के लायक अधिकांश शेयर अभी महँगे मूल्यांकनों पर हैं। पर बीएफएसआई क्षेत्र अभी भी महँगा नहीं हुआ है। हमारा अनुमान है कि बीएफएसआई, ऑटो और फार्मा क्षेत्र अगले 12 महीनों में बाजार से तेज चलेंगे, जबकि तेल-गैस क्षेत्र की चाल धीमी रहेगी।
कच्चे तेल की कीमत घटना और फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में वृद्धि रोकना बाजार के लिए सकारात्मक बातें हैं। पर महँगाई, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में बढ़ोतरी बाजार के लिए चिंता पैदा करने वाले कारक हैं। अगले छह महीने में कच्चे तेल के भावों और वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति का हमारे बाजार पर सबसे अधिक असर रहेगा। आरबीआई इस वित्त-वर्ष में अपनी दरों को स्थिर ही रखेगा और निकट अवधि में 10 साल के जीसेक की यील्ड 6.9-7.15% के बीच रखने का प्रयास करेगा।
हमारा अनुमान है कि अगले छह महीने में सेंसेक्स 64,500 और निफ्टी 19,100 की ओर बढ़ेंगे। साल भर के लिए इनके लक्ष्य क्रमशः 67,000 और 20,000 पर दिख रहे हैं। (निवेश मंथन, जून 2023)