विवेक महाजन
सीनियर वीपी, आदित्य बिड़ला मनी
बाजार को लेकर हम सकारात्मक हैं। संरचनात्मक सुधारों के लाभ अब दिखने लगे हैं, जो बाजार के लिए सकारात्मक कारक है।
वहीं बाजार में गहराई की कमी इसके लिए नकारात्मक पहलू बन सकती है। अगले छह महीनों में चुनावी माहौल का सबसे ज्यादा असर हो सकता है। इस दृष्टि से राज्यों के विधान सभा चुनाव बहुत महत्वपूर्ण रहेंगे। राज्यों के चुनावों का असर बाजार की दिशा पर हल्का सकारात्मक रह सकता है। वैश्विक कारकों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति का असर सबसे अधिक रहेगा।
चालू वित्त-वर्ष में देश की विकास दर 6.6% और अगले वित्त-वर्ष में 6.8% रह सकती है। इस वित्त-वर्ष की पहली तिमाही में कॉर्पोरेट आय में वृद्धि दर का दायरा 0-10% का रहने की संभावना है। अगले 12 महीनों में भारतीय बाजार की चाल वैश्विक बाजारों के जैसी ही रहने वाली है। इस दौरान वित्तीय (फाइनेंशियल), विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग), सीमेंट और रियल एस्टेट क्षेत्रों में बाजार से ज्यादा तेजी दिख सकती है। वहीं धातु (मेटल) क्षेत्र बाजार से सुस्त चाल दिखा सकता है।
इस साल के अंत तक सेंसेक्स 70,000 और निफ्टी 20,500 तक जा सकता है। वहीं अगले 12 महीने के लिए सेंसेक्स 75,000 और निफ्टी 22,000 पर पहुँचने का लक्ष्य बन रहा है (निवेश मंथन, जून 2023)